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अनमोल इंडियंस

Inspiring Indians Stories To Motivate From India. \ भारत के उन प्रेरक नायक नायिकाओं की कहानियां, जो अपने काम से भारत को बेहतर से बेहतरीन बनाने में जुटे हैं!

समुद्र को बचाकर 49 साल की उम्र में भारत की कोरल वुमन बन गईं यह गृहणी

लगभग 10 साल पहले, 49 की उम्र में उन्होंने अपनी पहली बार Deep-sea Scuba Diving की थी; और शौक़ के लिए शुरू हुआ उमा मणि का यह काम आज उनकी सबसे बड़ी ज़िम्मेदारी और लक्ष्य बन चुका है। Sony BBC Earth से उन्हें ‘Earth Champion of the Month’ का Title भी मिल चुका है।

मजेदार टिफिन रेसिपी बनाकर हो गईं वायरल 

By रजनी ठाकुर

मिलिए दिल्ली की रहने वाली रजनी जैन से, जिनके लंचबॉक्स की हर रेसिपी सोशल मीडिया पर लोगों को खूब पसंद आती है, रजनी के लंचबॉक्स में ऐसा क्या है खास, जिसने उन्हें बनाया वायरल कंटेंट क्रिएटर, आइए जानते हैं उनकी एक आम गृहिणी से सोशल मीडिया स्टार बनने की कहानी।

पक्षियों के लिए लगाए 70,000 घोंसलें

By प्रीति टौंक

पक्षी का लिए घोंसला लगाकर हम उनका घर नहीं बना रहे बल्कि बस उन्हें घर बनाने की जगह दे रहे हैं। जो हमने अपना घर बनाने के चक्कर में छीन ली थी। अपनी कोशिश से पंजाब के संदीप धौला लोगों को यही बात समझाने में लगें हैं।

59 की उम्र में सीखी स्विमिंग, जीते 500 से ज़्यादा मेडल्स

सूरत की रहने वालीं 80 साल की बकुलाबेन पटेल तैराकी में 500 से भी ज़्यादा मेडल और ट्रॉफी जीत चुकी हैं। इसके अलावा वह भरतनाट्यम में MA कर रही हैं और इसे परफॉर्म करने वालीं सबसे उम्रदराज़ महिला बन, लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करा चुकी हैं। ये सब उन्होंने 58 की उम्र से करना शुरू किया, इसके पहले वह एक आम गृहिणी थीं।

40 सालों से मोरों की जान बचा रहा एक किसान

मध्य प्रदेश के छोटे से गाँव में रहने वाले नारायण सिंह एक किसान हैं और मोर के प्रति उनका प्रेम व कार्य आस-पास के लोगों के लिए एक उदहारण बना हुआ है। घायल पंछियों के इलाज से लेकर, उनकी देखभाल और उन्हें आसरा देने का काम वह बारह साल की उम्र से कर रहे हैं। आइए जानते हैं उनकी यह अद्भुत कहानी..

बेसहारा विधवाओं को सहारा और सम्मान दे रहीं 'ऐंजल ऑफ़ वृन्दावन'

वृन्दावन की सड़कों पर बेसहारा वृद्ध महिलाओं को रेस्क्यू कर उन्हें रहने के लिए घर, पेट भरने के लिए खाना और जीवन यापन का सहारा देती हैं 60 वर्षीय लक्ष्मी गौतम। सड़क पर पड़े-पड़े ही अपने प्राण त्याग देने वालीं माताओं का सम्मानपूर्वक अंतिम संस्कार भी वह खुद ही करती हैं।

किन्नरों का स्कूल गरीब बच्चों को फ्री में पढ़ा रहा

By प्रीति टौंक

किन्नर होने की वजह से सुमी को 14 साल की छोटी उम्र में घर छोड़ना पड़ा, पढ़ाई छोड़नी पड़ी। उनकी जिंदगी स्टेशन पर संघर्ष और शोषण का सामना करते हुए बीती, लेकिन आज वही सुमी अपनी जिंदगी के गहरे अंधेरों से लड़कर गरीब बच्चों की जिंदगी में शिक्षा की रोशनी ला रही हैं।

मजदूर माँ की बेटी बिना कोचिंग के बनी IAS दिव्या तंवर

By प्रीति टौंक

IAS दिव्या तंवर की मजदुर माँ को कभी यह मालूम ही नहीं था कि बेटी UPSC की तैयारी कर रही है। वह तो बस यही सोचकर खुश थीं कि बेटी पढ़ाई कर रही है। माँ की मेहनत और घर की गरीबी ही बनी उनकी ताकत, जिसके दम पर उन्होंने बिना कोचिंग के अपने पहले प्रयास में ही UPSC पास करके इतिहास रच दिया।

कार को बनाया लैब, घर-घर तक पहुंचा रहे विज्ञान

By प्रीति टौंक

जो लोग विज्ञान तक नहीं पहुंच पा रहें, विज्ञान को उन तक पहुंचाने के लिए पिछले 11 सालों से पंजाब के यह टीचर एक अनोखा प्रयास कर रहे हैं। उनकी चलती फिरती कार में आपको गणित के फॉर्मूले से लेकर अंतरिक्ष की अनोखी दुनिया तक, सब कुछ देखने को मिल जाएगा ।