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अनमोल इंडियंस

Inspiring Indians Stories To Motivate From India. \ भारत के उन प्रेरक नायक नायिकाओं की कहानियां, जो अपने काम से भारत को बेहतर से बेहतरीन बनाने में जुटे हैं!

मात्र दो सालों में 200 देसी कुत्तों की बचाई जान, अब तक 65 बेज़ुबानों को ‘आसरा’ दे चुकी हैं चारु

By प्रीति टौंक

मिलिए लखनऊ की चारु खरे से, जो पेशे से एक जर्नलिस्ट हैं और साल 2020 से शहर की सड़कों पर घूमनेवाले बेज़ुबानों की सेवा करने का काम कर रही हैं। इसके लिए उन्होंने ‘आसरा’ नाम की एक संस्था भी बनाई है। पढ़ें कैसे मिली उन्हें इस मुश्किल काम को करने की प्रेरणा।

21 साल की उम्र में 700 वॉलंटियर्स के साथ, 7 राज्यों में गरीबों के लिए काम कर रहे हैं ईशान

By अर्चना दूबे

मेरठ, उत्तर प्रदेश के रहनेवाले 21 साल के ईशान चावला और अनमोल ढींगरा, FETE Foundation नाम की एक संस्था चलाते हैं, जो आर्थिक रूप से कमज़ोर परिवारों की ज़रूरतों को पूरा करने की हर संभव कोशिश करती है।

पिता की एक डांट ने चिराग शेट्टी को बनाया था शटलर, देश के लिए जीता ऐतिहासिक मेडल

टोक्यो (जापान) में चल रही वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियनशिप में भारत के स्टार शटलर चिराग शेट्टी और सात्विक साई राज की जोड़ी ने इतिहास रच दिया है। उन्होंने चैंपियनशिप के सेमीफाइनल में पहुंचकर देश के लिए मेंस डबल्स इवेंट का पहला मेडल पक्का कर दिया है।

अपनी मुफलिसी के दिनों को आज भी नहीं भूले अनिल, हर दिन सैकड़ों भूखे लोगों को खिलाते हैं खाना

By प्रीति टौंक

गोंडा (उत्तर प्रदेश) की सड़कों पर रहनेवाले सैकड़ों जरूरतमंद लोगों को भूखे पेट ही न सोना पड़े, इसलिए नर्सिंग कॉलेज में पढ़ानेवाले अनिल सिंह चलाते हैं एक विशेष संस्था।

एक शख्स की पहल से शुरू हुआ काम, 36 सालों से जरूरतमंद लोगों को मुफ्त में मिल रहा खाना

By प्रीति टौंक

जरूरतमंद लोगों को 38 सालों से फ्री में खाना देती है गंगामाता ट्रस्ट लावजी भाई पटेल ने 36 साल पहले शुरू किया था टिफिन बनाकर देने काम

ढाई किल्ले ज़मीन बेची, ट्रैक्टर बेचा, गांव से शहर हुए शिफ्ट, आज बेटी बनी वर्ल्ड चैंपियन

जानिए कैसे, हरियाणा के एक गांव से निकलकर, अंतिम पंघाल बनीं अंडर-20 वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियन जीतने वाली पहली भारतीय महिला रेसलर।

कैंसर से जंग लड़ते हुए भी प्यार न हुआ कम, अब तक बचा चुके हैं 1.2 लाख गौरैया

By पूजा दास

उत्तर प्रदेश के रहने वाले नरेंद्र सिंह ‘स्पैरो मैन’ के नाम से जाने जाते हैं। गौरैयों को बचाना ही उनके जीवन का मिशन है। अब तक उन्होंने 1.2 लाख गौरैयों की जान बचाई है और करीब 6000 घोंसले बांटे हैं।

कोई IAS तो कोई IPS, मिश्रा परिवार के ये चार होनहार बच्चे बने पूरे गांव के लिए आदर्श

By प्रीति टौंक

क्षमा, योगेश, माधवी और लोकेश मिश्रा एक ही परिवार के चार भाई बहन हैं, जिन्होंने UPSC CSE पास किया है और आज सिविल सेवा से जुड़े हैं। अपनी इस सफलता से उन्होंने उत्तर प्रदेश में अपने परिवार और लालगंज गांव को गौरवान्वित किया है।

अन्ना मणि भारत की वह महिला वैज्ञानिक, जिनकी वजह से मौसम का अंदाजा लगाना हुआ आसान

By प्रीति टौंक

पढ़ें, भारतीय महिला वैज्ञानिक अन्ना मणि की कहानी, जिनकी वजह से आज मौसम का अंदाजा लगा पाते हैं दुनियाभर के साइंटिस्ट।

143 बच्चे, एक आश्रम और ढेरों सपने, जिन्हें नेत्रहीन होने के बावजूद पूरा कर रहे हैं अशोक चौधरी

By प्रीति टौंक

सूरत के मांडवी जिले के एक छोटे से गांव दढ़वाडा से लेकर अहमदाबाद स्थित गुजरात विद्यापीठ में पढ़ने तक का सफर अशोक चौधरी के लिए काफी मुश्किलों से भरा था। मात्र एक आँख से देख पाने और पैसों की तंगी के कारण वह चाहकर भी ज्यादा पढ़ाई नहीं कर पाए, लेकिन आज वह कई जरूरतमंद बच्चों के जीवन की मुश्किलें कम कर रहे हैं!