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अनार की आधुनिक खेती कर बदली लोगों की सोच, पद्म श्री विजेता है गुजरात का यह दिव्यांग किसान!

गुजरात के बनासकांठा जिले के सरकारी गोलिया गाँव के एक दिव्यांग किसान गेनाभई दर्गाभई पटेल को साल 2017 में पद्म श्री से नवाज़ा गया। गेनाभाई अनार की जैविक और आधुनिक खेती करके आज लाखों में कमा रहे हैं। इतना ही नहीं, उन्होंने और भी किसानों को आधुनिक खेती करने की प्रेरणा दी है।

अपने सस्ते और असरदार आविष्कारों से लाखों किसानों को आत्मनिर्भर बना रहा है 20 साल का यह किसान!

By मानबी कटोच

केवल 20 वर्षीय राजस्थान के किसान नारायण लाल धाकड़ बी. ए तृतीय वर्ष के छात्र हैं! युट्यूब पर उनके चैनल 'आदर्श किसान सेंटर' के 3 लाख से भी ज़्यादा सब्सक्राइबर हैं, जहाँ वे अपने नए आविष्कारों की जानकारी देते हैं!

चाय की जैविक खेती से हर साल 60-70 लाख रूपये कमा रहा है असम का यह किसान!

असम के रहने वाले तेनज़िंग बोडोसा चाय कि जैविक खेती करते हैं। सिर्फ़ चाय की खेती से उनकी सालाना कमाई 60-70 लाख रूपये है। चाय के अलावा वे फल-सब्ज़ियाँ और धान भी उगाते हैं। तेनज़िंग की चाय आज कनाडा, यूके, युएस जैसे देशों में भी मशहूर है।

गुजरात के इस गाँव में हो रही है 'सोलर' खेती, न डीज़ल का खर्च और न ही सूखा पड़ने का डर!

By निशा डागर

साल 2016 में गुजरात के खेड़ा जिले में स्थित ढूंडी गाँव में विश्व की पहली 'सौर सिंचाई सहकारी समिति'- ढूंडी सौर ऊर्जा उत्पादक सहकारी मंडली का गठन किया गया है।

70 दिनों में इस किसान ने खरबूज़े की खेती से कमाये 21 लाख रुपए; जानिये कैसे!

By मानबी कटोच

गुजरात के बनासकांठा जिल्ले के छोटे से गाँव चंदाजी गोलिया में खेताजी का जन्म हुआ। खेताजी के पिता पारम्परिक खेती करते थे। वे आलू, बाजरा और मूंगफली उगाते थे। उन दिनों आलू के अच्छे-ख़ासे दाम मिलते थे और खेताजी के पिता के परिवार की ज़रूरत उनसे पूरी हो जाती थी।

खुद भुखमरी से जूझने के बावजूद, अपनी सारी फ़सल चिड़ियों के लिए छोड़ देता है यह किसान!

अशोक सारी फ़सल पक्षियों के चुगने के लिये छोड़ देते है। उन्होंने खेत में बिजूका (पक्षियों को भगाने के लिए लगाया जाने वाला मानव रुपी पुतला) भी नहीं लगाया और पक्षियों के लिए पानी का घड़ा भी हमेशा भरा रखते है।