चेन्नई के विधान भैया की फुटवेयर कंपनी डॉ ब्रिंसले, डायबिटीज़ से जूझ रहे लोगों के लिए खास फैशनेबल जूते बनाती है। उनके ये जूते पैर पर पड़ने वाले दबाव को कम करते हैं।
मुंबई के मशहूर VT (हाल में CST) स्टेशन के पास तक़रीबन 170 साल पहले, आगरा से आकर एक शख्स ने पूरी बेचना शुरू किया था। लोगों को इनकी पूरियां इतनी पसंद आयी कि आज परिवार की छठी पीढ़ी भी इसी काम से जुड़ी है।
‘ऑक्टेवियस टी’ कंपनी की शुरुआत 1898 में वाल्टर डंकन नाम के एक स्कॉटिश शख्स ने की। कंपनी की शुरुआत दार्जिलिंग से हुई थे। लेकिन इसका प्रभाव आज देश के सभी चाय उत्पादन क्षेत्रों में है।
पहलगाम (कश्मीर) के एक गांव हसन नूर के 28 वर्षीय जासीफ़ अहमद डार किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं। पिछले साल लॉकडाउन के कारण, जब उनके कई किलो अखरोट नहीं बिके, तो उन्होंने एक नई तरकीब निकाली और इसके प्रोडक्ट्स बनाकर ऑनलाइन बेचना शुरू कर दिया।
मूल रूप से बिहार के भागलपुर के रहने वाले कुमार अभिषेक पहले बेंगलुरु में मर्सिडीज बेंज में काम कर रहे थे। लेकिन कोरोना महामारी के दौर में खतरे को देखते हुए, उन्होंने चाट-समोसे की दुकान खोल ली। अपने इस food business से, वह हर महीने लाखों कमा रहे हैं। पढ़िए उनकी पूरी कहानी!
दिल्ली में कॉरपोरेट नौकरी कर रहे सचिन कोठारी ने जॉब छोड़ दी और देहरादून वापस चले गए। वहां उन्होंने देवभूमि plant nursery शुरू की और आज वह गेंदा, बोक चोय, बैंगन, जैसे फूलों व सब्जियों की 20 से ज्यादा किस्मों की पौध बेचते हैं।
बिहार के दरभंगा शहर की रहने वाली कल्पना झा और उनकी भाभी उमा झा ने 50 की उम्र पार करने के बाद एक नई शुरुआत की है। इन दोनों ने मिलकर 'JhaJi अचार' नामक ऑनलाइन अचार बिजनेस की शुरुआत की है।
मूल रूप से दिल्ली के रहने वाले कुणाल वैद पहले टेक्सटाइल इंडस्ट्री में काम करते थे, लेकिन 2011 में झारखंड दौरे के दौरान महिला बुनकरों को हाथ से रेशम का धागा बनाते देख, उन्हें कुछ अलग करने की प्रेरणा मिली।
गुजरात के एक ग्रामीण बैंक में गार्ड की नौकरी करनेवाले संजय हथवाणी, कई तरह के हेल्दी प्रोडक्ट्स घर पर बनाकर बेच रहे हैं। वह अपने पिता के खेत पर सहजन और चुकंदर जैसी सब्जियां उगाकर इससे पाउडर बना रहे हैं।
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के रहने वाले अमर प्रजापति सिर्फ 15 साल के हैं। लेकिन कोरोना महामारी के दौरान घर से दूर फंसे मजदूरों की बेबसी देख, उन्होंने LED Bulb Business शुरू करने का फैसला किया।