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कश्मीर: लॉकडाउन में नहीं बिके अखरोट, तो तेल बनाकर शुरू कर दिया बिज़नेस

kashmiri products store

पहलगाम (कश्मीर) के एक गांव हसन नूर के 28 वर्षीय जासीफ़ अहमद डार किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं। पिछले साल लॉकडाउन के कारण, जब उनके कई किलो अखरोट नहीं बिके, तो उन्होंने एक नई तरकीब निकाली और इसके प्रोडक्ट्स बनाकर ऑनलाइन बेचना शुरू कर दिया।

कश्मीर के पहलगाम इलाके के गांव हसन नूर में, 40 सालों से अखरोट और सेब की खेती करने वाले गुलाम कादिर डार हमेशा से अपनी उपज को बड़े व्यापारियों को ही बेचते थे। लेकिन पिछले साल लॉकडाउन के दौरान, जब वह व्यापारी तक फसल नहीं पहुंचा सके तो उनके बेटे जासीफ़ अहमद डार ने एक नई तरकीब निकाली और इसके प्रोडक्ट्स (kashmiri products) बनाकर ऑनलाइन बेचने लगे।  

हसन नूर गांव में गुलाम कादिर डार के पास 50 कनाल जमीन है। उनके खेतों में सालाना तक़रीबन 1200 किलो अखरोट उगते हैं। इसके साथ-साथ वह कश्मीरी चावल, हिमालयन लहसुन, कश्मीरी लौकी, राजमा और सेब की भी खेती करते हैं। 

गुलाम कादिर डार ने द बेटर इंडिया को बताया, ” हमारे इलाके में जो भी फसलें होती हैं, उनका अलग महत्व है। देशभर में यहां की फसलों की मांग है। लेकिन पिछले साल लॉकडाउन की वजह से हम अपनी फसल को बेच नहीं पाए। ऐसे में, मेरे बेटे ने फसल से अलग-अलग प्रोडक्ट्स बनाकर बेचने की शुरुआत की।”

कैसे शुरू हुआ कश्मीरी प्रोडक्ट्स स्टोर (Kashmiri Products Store) 

jasif  a Kashmiri farmer with his products
जासीफ़ डार

गुलाम कादिर डार के बेटे जासीफ़ ने फिजिकल एजुकेशन की पढ़ाई की है और वह एक स्कूल में शिक्षक हैं। लेकिन उन्हें खेती में भी काफी रूचि है। वह लंबे समय से खेती में कुछ नए प्रयोग करने के बारे में सोच रहे थे। पिछले साल, जब लॉकडाउन में तक़रीबन 1000 किलो अखरोट नहीं बिक रहे थे तब उनके पिता, कम दाम में अपनी फसल बेचने पर मजबूर हो गए थे। 

यही वह समय था, जब उन्होंने सोशल मीडिया का सहारा लिया। बाजार की मांग को देखते हुए, उन्होंने अखरोट से तेल बनाने की शुरुआत कर दी। साथ ही 

वह ड्राई एप्पल और ड्राई कश्मीरी लौकी भी तैयार करने लगे। उनके खेतों में बादाम नहीं उगते हैं, इसलिए वह दूसरे किसानों से बादाम लेकर इसका भी तेल बनाने लगे। 

इन तेल को वह मैन्युअली तैयार करते हैं। अखरोट और बादाम से तेल निकालने की उनकी मशीन इलेक्ट्रिसिटी से नहीं, बल्कि पानी से चलती है। 

जासीफ़ कहते हैं, “हमारे खेत में अखरोट, सेब, लौकी, राजमा आदि की खेती होती है। इसके अलावा कुछ अन्य फसलें आसपास के किसानों से खरीद लेता हूं। इन्हीं फसलों से अलग-अलग उत्पाद तैयार करता हूं। मैंने कश्मीरी प्रोडक्ट्स स्टोर (kashmiri products store) नाम से ऑनलाइन बिज़नेस शुरू किया है। हमें देशभर से ऑर्डर्स मिलते हैं।”

kashmiri apple at farm and almond oil

जासीफ़ आगे कहते हैं, “मैं पवर्तारोही (Mountaineer) भी हूं। इसलिए कई राज्यों में मेरे दोस्त हैं। जब मैंने Kashmiri Products Store की शुरुआत की तो मेरे दोस्तों ने पूरा साथ दिया। अपने पहले कुछ ऑर्डर्स लेने में मुझे इन दोस्तों ने ही मदद की थी।”

कश्मीर के दूसरे प्रोडक्ट्स को भी किया शामिल 

मई 2021 से, उन्होंने ऑनलाइन प्रोडक्ट्स (kashmiri products) बेचने की शुरुआत की थी। उन्होंने अपने स्टोर में कश्मीर के लोकप्रिय उत्पादों को भी शामिल किया है। जिसमें देशी कश्मीरी केसर, कश्मीरी कहवा सहित हैंडीक्राफ्ट भी शामिल हैं।

जासीफ़ ने बताया कि उनके परिवार वाले घर पर ही कहवा तैयार करते हैं। अखरोट की गिरी वह 1250 रुपये किलो में बेचते है, वहीं इसके 100 ग्राम तेल की कीमत 300 रुपये है। 

जासीफ़ के पिता बताते हैं कि ऑनलाइन ऑर्डर्स के कारण पिछले साल के बचे अखरोट आराम से बिक गए। उनका पूरा परिवार इस काम में लगा है। उन्होंने एक कारीगर को भी काम पर रखा है। सभी मिलकर घर पर ही तेल, सन ड्राई एप्पल और कहुआ आदि बनाने का काम करते हैं। जिसे वह 10 से 15 प्रतिशत की मार्जिन के साथ बेचते हैं। वहीं कुछ kashmiri products, वह दूसरे किसानों से भी बनवाकर लेते हैं। जासीफ़ ने बताया कि फ़िलहाल बादाम तेल और सन ड्राई एप्पल की सबसे अधिक डिमांड है।

a kashmiri family processing their walnuts
Dar family

पिछले छह महीनों में, Kashmiri Products Store ने 10 लाख का टर्नओवर कमाया हैं। जासीफ़ इन दिनों अपने स्टोर की वेबसाइट बनाने के काम में जुटे हैं।

जासीफ़ को उम्मीद है कि वेबसाइट बनने के बाद उन्हें और ज्यादा ग्राहक मिलेंगे।

यदि आप Kashmiri Products Store के बारे में विस्तार से जानना चाहते हैं तो उनके फेसबुक पेज से जुड़ सकते हैं। वहीं जासीफ़ से 70066 86416 पर संपर्क कर सकते हैं। 

संपादन- जी एन झा

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