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इतिहास के पन्नों से

History Pages | Motivational History | Inspirational History \ इतिहास के वे भुला दिए गए नायक, जिनकी कहानियां हर भारतवासी को ज़ुबानी याद होनी चाहिए!

Women Freedom Fighters: धरने दिए, जेल गयीं, देश के लिए प्रताड़ना सहकर भी नहीं हटीं पीछे

By निशा डागर

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास महिला स्वतंत्रता सेनानियों के जिक्र के बिना अधूरा है और खासकर वे महिलाएं, जिन्होंने न सिर्फ देश की आजादी, बल्कि महिलाओं के हक़ के लिए भी आवाज बुलंद की।

शीरमाल: 'अमीरों की रोटी' को 190 सालों से आम लोगों तक पहुंचा रही है यह दुकान

By निशा डागर

पढ़िए कैसे बना मशहूर अवधी व्यंजन, 'शीरमाल' और कैसे एक 190 साल पुरानी दुकान बढ़ा रही है इसकी परंपरा को आगे।

Vicco: घर-घर जाकर टूथपाउडर बेचने से लेकर करोड़ों की कंपनी खड़ी करने की कहानी

By निशा डागर

पढ़िए कैसे मात्र एक टूथ पाउडर से शुरू होने वाली Vicco कंपनी बन गयी इंटरनेशनल ब्रांड, 30 से ज्यादा देशों में एक्सपोर्ट होते हैं प्रोडक्ट्स।

श्री शिवरतन अग्रवाल: बीकानेर में रहकर, विदेश तक पहुँचाया बीकाजी भुजिया का स्वाद

By निशा डागर

साल 1987 में श्री शिवरतन अग्रवाल ने बीकाजी ब्रांड की नींव रखी थी और आज बीकानेरी भुजिया का असली स्वाद भारत के साथ-साथ 32 देशों तक पहुंच रहा है।

कलमखुश: 80 साल से कपड़ों की कतरन से बना रहे हैं हैंडमेड पेपर, गाँधी जी का था आईडिया

By प्रीति टौंक

गाँधी जी हमेशा स्वदेशी और ईको-फ्रेंडली वस्तुओं के इस्तेमाल पर जोर देते थे, उन्होंने इसी विचार के साथ, अहमदाबाद गाँधी आश्रम में चरखा से सूत बनाने और हैंडमेड पेपर बनाने जैसे काम की शुरुआत की। आगे चलकर यह हैंडमेड पेपर उद्योग कलमखुश बना और आज तक चल रहा है।

जब कार्डिफ ने कहा, "India is Nothing", मिल्खा ने धमाकेदार जीत से दिया करारा जवाब

By अर्चना दूबे

मिल्खा सिंह ने कोरोना संक्रमित होने के बाद 19 जून 2021 को चंडीगढ़ के PGI अस्पताल में अंतिम सांस ली। पांच दिन पहले ही उनकी पत्नी निर्मल सिंह (85) का देहांत हुआ था।

महज़ स्वाद की ज़रूरत या पुरुष प्रधानता की उपज, कैसे आई आपकी थाली में चटनी?

By अर्चना दूबे

ऐसा माना जाता है कि चटनी शब्द संस्कृत के 'चाटनी' से निकला है, जिसका अर्थ है 'चाटना', कई रूपों में पाई जाने वाली, ज़ायकों से भरी चटनी भारतीय पाककला के खजाने का अभिन्न अंग है। आइए, पढ़ते हैं कहानी चटनी की।

Induben Khakhrawala: घर चलाने के लिए बनाने लगी थीं खाखरा, 60 साल में बन गया मशहूर ब्रांड

By प्रीति टौंक

अहमदाबाद के जाने-माने नमकीन ब्रांड ‘Induben Khakhrawala’ की शुरुआत इंदुबेन जवेरी ने घर से खाखरा बनाने से की थी। जानिए उनके संघर्ष और हिम्मत की कहानी।

Vadilal: हाथ से बनी आइसक्रीम घर-घर पहुंचाने से लेकर, 45 देशों तक पहुँचने की दिलचस्प कहानी

By प्रीति टौंक

गुजरात के Vadilal Brand ने हाथ से चलने वाली देसी तकनीक का इस्तेमाल करके आइसक्रीम बनाने और बेचने की शुरुआत की थी। वहीं, आज इनके पास अपने ग्राहकों के लिए आइसक्रिम के 200 से ज्यादा फ्लेवर्स मौजूद हैं।

Rooh Afza: जिसने आज़ादी की सुबह भी देखी और तीन देशों का बंटवारा भी

By प्रीति टौंक

गर्मी के मौसम में जो चीज़ आपको हर भारतीय घर में मिल जाएगी, वह है रूह अफ़ज़ा (Rooh Afza)। आइए जानते है इसकी कहानी।