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History Pages | Motivational History | Inspirational History \ इतिहास के वे भुला दिए गए नायक, जिनकी कहानियां हर भारतवासी को ज़ुबानी याद होनी चाहिए!

पूर्वोत्तर भारत की पांच महिलाएं, जिनका इतिहास में है अहम योगदान

By अंकित कुंवर

भारत के इतिहास में महिलाओं का अहम योगदान है। लेकिन जब हम भारतीय इतिहास का अध्ययन करते हैं तब मालूम होता है कि पूर्वोत्तर भारत की महिलाओं का जिक्र इसमें बहुत कम है। आइए जानते हैं पूर्वोत्तर भारत की इन पांच महिलाओं के बारे में।

Sarla Thakral: भारत की पहली महिला पायलट, जिन्होंने साड़ी पहनकर भरी थी पहली उड़ान

By अंकित कुंवर

सरला ठकराल ने पहली बार साल 1936 में लाहौर में जिप्सी मॉथ नाम का दो सीटर विमान उड़ाया था। उनके बारे में कहा जाता है कि उन्होंने भारतीय परंपरा का मान रखते हुए साड़ी पहनकर पहली सोलो फ्लाइट में उड़ान भरी थी।

Sardar Udham: पढ़ें, आखिर क्यों उधम सिंह ने अपना नाम रखा था ‘मोहम्मद सिंह आजाद’

शुजीत सरकार के डायरेक्शन में बनी ‘सरदार उधम’ फ़िल्म, प्रसिद्ध क्रांतिकारी के जीवन के कई पहलुओं को हमारे सामने लेकर आती है।

वह प्रधानमंत्री जिसने लिया था 5000 रूपये का लोन, मृत्यु के बाद पत्नी ने चुकाया कर्ज

By अंकित कुंवर

जानें पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री से जुड़ें पांच ऐसे किस्से, जिन्हें जानकार आपके दिल में उनके लिए सम्मान और भी बढ़ जाएगा।

'परमवीर चक्र': कौन थी वह विदेशी महिला, जिसने डिज़ाइन किया भारत का सर्वोच्च सैन्य सम्मान

By अंकित कुंवर

क्या आपको पता है कि परमवीर चक्र का डिजाइन किसने तैयार किया था? आपको यह जानकर ताज्जुब होगा कि देश के इस सर्वोच्च सैन्य सम्मान का डिजाइन एक विदेशी महिला ने तैयार किया था।

जब श्रीमंत भाऊसाहेब ने की गणेश उत्सव की शुरुआत, बाल गंगाधर तिलक हुए थे काफी प्रभावित

By अंकित कुंवर

स्वतंत्रता सेनानी लोकमान्य बालगंगाधर तिलक ने ‘केसरी’ में एक लेख में श्रीमंत भाऊसाहेब रंगारी द्वारा गणेश स्थापना किए जाने की प्रशंसा की। इसके बाद, बाल गंगाधर ने 1894 में एक समाचार पत्र के दफ्तर में गणपति की स्थापना की थी।

भारतीय इतिहास की पांच शक्तिशाली महिलाएं

By निशा डागर

भारतीय इतिहास में झाँसी की रानी के अलावा भी कई रानियां थीं, जिन्होंने अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए खुद आगे बढ़कर राज्य संभाला और युद्ध भी किए।

कौन हैं, नेताजी की हर कदम पर मदद करने वाली महिला सेनानी, जिनके लिए रेलवे ने तोड़ी परंपरा

जब बात किसी जाने माने व्यक्ति के नाम पर किसी सड़क, पार्क या स्टेशन का नाम रखने की हो, तो यह सम्मान ज्यादातर पुरुषों को ही मिलता है। महिलाओं का नाम कहीं दूर-दूर तक नजर नहीं आता। लेकिन भारतीय रेलवे ने 1958 में, स्वतंत्रता सेनानी बेला बोस को सम्मान देकर इस परंपरा को तोड़ दिया।

'माचिस'! एक छोटी सी डिब्बी, जिसने हर दिल में जलाई थी 'आज़ादी' की आग!

By निशा डागर

भारत में साल 1910 के आसपास माचिस का निर्माण शुरू हुआ था। जानिए कैसे इस छोटी सी डिब्बी ने आज़ादी की लड़ाई में एक अहम् भूमिका निभाई थी।