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कोविड-19: श्रमिकों और जरूरमंदों की सहायता कर रहे हैं देशभर के युवा, आप भी दे सकते हैं साथ

कोरोना महामारी के दौर में सबसे अधिक नुकसान श्रमिक वर्ग का हुआ है। इन सभी तक मदद पहुंचाने के लिए कुछ युवा और उनकी संस्थाएं बढ़-चढ़कर आगे आ रही हैं।देश के अलग-अलग हिस्सों में भागीरथ प्रयास में जुटे ऐसे ही कुछ युवाओं के बारे में हम यहां बता रहे हैं।

अहमदाबाद: 23 वर्षीय इंजीनियर के बनाए COVID-19 मैप से अब जानिए किस इलाके में हैं मरीज़!

By निशा डागर

इस मैप की मदद से आप पता लगा पाएंगे कि आप अपने इलाके में किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए हैं या नहीं!

नागालैंड के आईएएस की पहल- लॉकडाउन में घर तक पहुंचा रहे हैं पानी, दवा, गैस औऱ जरूरी सामान

By पूजा दास

लॉकडाउन के बीच भारत-म्यांमार सीमा के पास नागालैंड जिला के एक आईएएस अधिकारी सब्जियों की होम डिलिवरी से लेकर बैंकिंग सेवाएं प्रदान करने के लिए कैसे काम कर रहे हैं, आईए जानते हैं।

#BetterTogether: 5000 से ज़्यादा दिहाड़ी मजदूरों को मासिक फूड किट दे रही हैं मुंबई की आईआरएस अधिकारी!

By पूजा दास

लॉकडाउन के बीच, जरूरतमंदों के लिए फंड रेज़िंग अभियान शुरू करने के अलावा डॉ मेघा भार्गव ने मुंबई और गुजरात पुलिस को 2000 से भी ज़्यादा हैंड सैनिटाइटर दिए हैं!

कोविड-19: महिला इंजीनियरों ने बनाया डिवाइस, डॉक्टरों और नर्सों का काम किया आसान!

चारों तरफ फैली इस महामारी में स्वास्थ्य संस्थानों या अस्पतालों के बोझ को कम करने और डॉक्टरों एवं नर्सों की सेहत को सुरक्षा प्रदान करने के लिए मरीजों की नॉन-कॉन्टैक्ट स्क्रीनिंग होनी चाहिए। हम जिस डिवाइस के बारे में बात करने जा रहे हैं यह ठीक ऐसे ही काम करती है। #COVID19 #Lockdown

रायपुर: प्रवासी श्रमिकों के लिए बना 'आश्रय स्थल'; योग, खेल, शिक्षा और काउंसलिंग की भी है सुविधा

By द बेटर इंडिया

इस कठिन समय में इन्हें घर जैसा वातावरण देने का प्रयास किया जा रहा है।

#BetterTogether: 62, 000 से ज्यादा प्रवासी मजदूरों को राशन पहुंचा रहा है यह IAS अफसर!

"ये प्रवासी मजदूर तिरूप्पुर को चलाने वाली फोर्स हैं और मैं इस मुश्किल समय में इन्हें परेशानी में नहीं छोड़ सकता!"- आईएएस विजयकार्तिकेयन

क्या हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन कोविड-19 के इलाज में कारगर है? जानिए एक्सपर्ट से

द बेटर इंडिया ने जाने माने बायोकेमिस्ट और भारतीय विज्ञान संस्थान (IISC) के पूर्व निदेशक प्रोफेसर जी पद्मनाभन से बात की, जो मलेरिया पर अपने काम के लिए जाने जाते हैं।

कोरोना संकट में थैलासीमिया पीड़ित बच्चों तक ब्लड पहुंचा रहे हैं पटना के मुकेश हिसारिया

By पुष्यमित्र

चूंकि इनमें से ज्यादातर बच्चे गरीब परिवार से आते हैं, इसलिए उनके परिवार में इन दिनों खाने-पीने की भी दिक्कत हो रही है। वह उन्हें मुफ्त राशन भी उपलब्ध करा रहे हैं।