घर पर रहकर आज क्या नया किया?
#कोरोना_वायरस से लड़ते हुए घर पर रहना, आज की परिस्थिति में देश-सेवा से कम नहीं है। यदि आप घर पर ही हैं, तो आज आप से बड़ा हीरो कोई नहीं है।
घर पर समय काटने के लिए यदि आप कुछ बेहतर कर रहे हैं, तो आप ‘द बेटर इंडिया’ के भी हीरो बन सकते हैं। फिर चाहे आपने कोई पॉजिटिव कविता लिखी हो, या कोई पॉजिटिव ड्राइंग बनाई हो, कोई नयी कला सीखी हो या घर को नई सूरत दी हो। इसके लिए हमने एक चैलेंज की शुरुआत की है जिसका नाम है #StayHomeChallenge !
इस चैलेंज को स्वीकार करते हुए देश भर से हमारे पास एंट्रीज़ आयीं, जिन्हें आज हम आप सब के साथ साझा करना चाहते हैं। हो सकता है आप भी इनसे प्रेरणा लेकर बन जाए ‘द बेटर इंडिया’ #StayHomeChallenge के हीरो! हमें अपनी एंट्रीज़ आप hindi@thebetterindia.com पर भेज सकते हैं।
तो, हमारे इस हफ्ते के हीरोज़ हैं –
1. गोपाल कुमार, वाराणसी (उत्तर-प्रदेश)
गोपाल कुमार लॉकडाउन के इस समय में 100 गमले और 150 से ज्यादा घोसलें तैयार कर रहे हैं जिन्हें वह लॉकडाउन खत्म होने पर पूरे शहर में अलग- अलग जगह लगाएंगे।
2. पायल चौहान, अहमदाबाद (गुजरात)
पायल चौहान ने घर में ही पड़े पत्थर और बाकी बेकार चीज़ों से ये खूबसूरत कलाकृतियां बनाई हैं। पायल कहतीं हैं कि इस तरह घर भी सज जाता है और उनकी 4 साल की बेटी का मन भी बहल जाता है। है न बेहतरीन आइडिया बच्चों का टाईम पास कराने का?
3. स्वामी विवेकानंद पब्लिक स्कूल, यमुनानगर के छात्र (हरियाणा)
स्वामी विवेकानंद पब्लिक स्कूल में पढ़ने वाले सभी छात्र और छात्राओं ने लिटिल साइंटिस्ट क्लब के द्वारा आयोजित विश्व पृथ्वी दिवस के अवसर पर घर पर रहते हुए पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता में भाग लिया और अपनी चित्रकला के द्वारा हम सभी को बेहतरीन मैसेज दिया।
कोरोना महामारी के चलते इस वर्ष यह दिन बच्चों द्वारा घर से ही मनाया गया। इस वर्ष ये दिन “धरती को कोरोना से बचाना है” विषय पर आधारित था।
4. रितेश यादव, अहमदाबाद (गुजरात)
रितेश यादव ने घर की दीवार पर हाथी की बेहतरीन 3D पेंटिंग बनाई है, जिसे देख कर लगता है जैसे सच में हाथी दीवार से बहार आ रहा हो।
5. रैना पाल, बदायूं (उत्तर-प्रदेश)
रैना पाल, प्राथमिक विद्यालय, आमगांव, बदायूं में कक्षा एक से कक्षा पांच की शिक्षिका हैं।
आमगांव, उत्तर प्रदेश में एक बहुत ही पिछड़ा हुआ गाँव है और इस सरकारी स्कूल में आने वाले बच्चे बेहद गरीब परिवार से आते हैं। रैना के मुताबिक इन गाँवों में लोगों के लिए अपने बच्चों का भरण-पोषण करना ही एक चुनौती है, तो ऐसे में शिक्षा के प्रति उन्हें जागरूक करना काफी कठिन काम है।
पर स्कूल में बच्चों की रूचि बनाये रखने के लिए और उन्हें पर्यावरण के प्रति भी ज़िम्मेदार बनाने के लिए रैना उन्हें खराब चीज़ों को रीसायकल करना सिखातीं हैं।
अब लॉकडाउन होने के बाद से रैना अपने छात्रों से संपर्क नहीं कर पा रही हैं, क्योंकि इन बच्चों के माता-पिता के पास न स्मार्टफोन है, न ही इंटरनेट। पर इस समय को वह अपने घर में पड़ी बेकार चीज़ों से अपने छात्रों के लिए तोहफ़े बनाने में व्यतीत कर रहीं हैं।
रैना कहतीं हैं, “मुझे लगता है, कुछ भी वेस्ट नहीं होता, आप हर बेकार पड़ी चीज़ से दुबारा कुछ न कुछ बना सकते हैं। मैं आप सब से भी कहूँगी कि आम दिनों में अपने काम में व्यस्त होने की वजह से जो चीज़ें आप नहीं कर पाएं, वो अब करें। लॉकडाउन का यह समय आपके लिए अपनी छुपी हुई प्रतिभा को निखारने का मौका लेकर आया है, उसका इस्तेमाल ज़रूर करें।”
6. आशुतोष शर्मा, गाज़ियाबाद
छाया पब्लिक स्कूल, गाज़ियाबाद में पढ़ने वाले कक्षा 10वीं के छात्र आशुतोष शर्मा की बनायीं यह पेंटिंग उन सभी डॉक्टर्स को समर्पित हैं, जो आज हमें सुरक्षित रखने के लिए दिन-रात जुटे हुए हैं।
आप भी अपनी एंट्रीज hindi@thebetterindia.com पर भेजिए और आपको मिलेगा मौका ‘द बेटर इंडिया’ के पेज पर छाने का!
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