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कोरोना हीरोज़: मात्र 30 रुपये की लागत वाली फेस-शील्ड बना रही है यह टीम!

By निशा डागर

IIT दिल्ली की इनोवेशन सेल के साथ काम कर रहे सचिन पवार ने इस फेस-शील्ड का डिज़ाइन बनाया है और अब वह वीडियो के माध्यम से देश के अलग-अलग भागों में लोगों को इसे बनाना सिखा रहे हैं!

भारत के 8 नए इनोवेशन जो कोविड-19 से निपटने में करेंगे मदद!

स्वदेशी वेंटिलेटर से लेकर प्रोटोटाइप आइसोलेशन वार्डों तक, ये नए इनोवेशन #CoronavirusPandemic के खत्म होने के बाद भी भारत को संक्रमण से निपटने में काफी फायदेमंद साबित होंगे।

कोरोना हीरोज़: घर बैठे 4, 500 शिक्षकों को दी ऑनलाइन पढ़ाने की ट्रेनिंग!

By निशा डागर

राजकिरण ने अलग-अलग विषयों पर शिक्षकों को ट्रेनिंग दी जैसे मोबाइल से वीडियो कैसे बनाएं, एनिमेटेड पीपीटी कैसे बनाएं, गूगल ड्राइव का इस्तेमाल कैसे करें, हाइपरलिंक, जिफ फाइल, स्मार्ट पीडीऍफ़ का उचित उपयोग आदि शामिल हैं!

कोरोना हीरोज़: लॉकडाउन में बेज़ुबानों का सहारा!

By निशा डागर

इंदौर के राजेंद्र सिंह अपनी सोसाइटी के आस-पास घुमने वाले जानवरों का ख्याल रख रहे हैं तो वहीं बंगलुरु के प्रवीण कुमार हर दिन लगभग 150 जानवरों को खाना खिला रहे हैं। इस मुश्किल घड़ी में भी इंसानियत की ऐसी मिसालें वाकई एक बेहतर कल की उम्मीद जगाती है!

कोविड-19: विप्रो और अजीम प्रेमजी फाउंडेशन का 1,125 करोड़ रुपये देने का ऐलान

By पूजा दास

देश में कोविड-19 से संक्रमित लोगों की बढ़ती संख्या से निपटने के लिए अजीम प्रेमजी फाउंडेशन और विप्रो ने आर्थिक और चिकित्सा सहायता की घोषणा की है।

COVID-19: क्या मकान-मालिक आपको किराया देने या घर खाली करने के लिए मजबूर कर रहे हैं?

By पूजा दास

क्या लॉकडाउन की इस गंभीर स्थिति में आपके मकान-मालिक आपको घर खाली करने के लिए मजबूर कर रहे हैं? जानिए कहां कर सकते हैं आप शिकायत।

डॉक्टरों को कोरोना के डर से निकाल रहे थे मकान-मालिक; युवती ने खोल दिए अपने घर के द्वार

By पूजा दास

“मैंने पढ़ा कि कैसे कोविड-19 से संक्रमित लोगों का इलाज करने वाली स्वास्थ्य कर्मचारियों को उनके मकान-मालिक घर से निकाल रहे थे। यह बहुत दुखद था। मैं उनकी मदद करना चाहती थी।”

दिन में ऑफिस, शाम में ऑटो ड्राईवर और रात में फ्री एम्बुलेंस सर्विस देता है यह शख्स!

By निशा डागर

एक्सीडेंट में हाथ और पैर टूटने के बावजूद मंजुनाथ सुबह नौकरी करते और शाम को ऑटो चलाते हैं। रात में वह अपना ऑटो एम्बुलेंस सर्विस के लिए देते हैं और इससे हुई कमाई को दान कर देते हैं। लॉकडाउन में भी उनकी ये सेवा जारी है।