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शैम्पू से लेकर दर्दनिवारक तक: 10 चीजें जिन्हें मैं बाजार से नहीं खरीदती!

इयरबड्स, ड्रेन डी-क्लॉगर, फेस स्क्रब और भी बहुत कुछ - आइये जानते हैं कि मैं इन सामानों को अपनी शॉपिंग लिस्ट में शामिल क्यों नहीं करती हूं। इससे मेरा महीने का काफी खर्च बच जाता है। #LiveGreen

क्या कोरोना वायरस के इस दौर में एसी और कूलर चलाना खतरनाक है? जानिए डॉक्टर का जवाब!

गर्मी बढ़ रही है, ऐसे में लोगों ने अब एसी और कूलर का प्रयोग करना शुरू कर दिया है। क्या आप भी घर पर एसी चला रहे हैं? अगर हां, तो रेफ्रिजरेशन और एसी मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (आरएएमए) द्वारा जारी इन दिशानिर्देशों को जरुर पढ़ें।

कोविड टाइम: क्या करें जब डोमेस्टिक हेल्प लौट आए काम पर?

By तोषिनी राठौड़

मुंबई में कार्यरत डॉ. राठी आज आपको बताने जा रहे हैं कि कैसे आप बाहर से आनेवाली सहायिकाओं को लेकर सावधानी बरत सकती हैं।

बस्तर: 40 सरकारी स्कूलों में अब है स्मार्ट क्लास, एलेक्सा बना बच्चों का 'गुरूजी'!

इस वॉयस असिस्टेंट के उपयोग से बच्चे अपनी पढ़ाई के साथ साथ अन्य जानकारियों को भी सुनते और समझते हैं। सिर्फ छात्रों की आवाज पर ही यह मशीन देश-विदेश, भूगोल, आदि सभी की जानकारी बेहद सरल तरीके से उपलब्ध करवाती है।

किसानों से खरीद ग्राहकों के घर तक पहुंचा रहे हैं सब्ज़ियाँ, वह भी बिना किसी कमीशन के!

By निशा डागर

हर दिन सुबह 6 से 10 बजे तक युवाओं की यह टीम लोगों के घरों पर सब्ज़ियाँ पहुंचाती है। पिछले एक महीने में उन्होंने लगभग 115 परिवारों को अपनी सेवाएं दी हैं!

कोविड टाइम: जानिये कैसे रखें सब्ज़ियों और खाद्य पदार्थों को ताज़ा!

By तोषिनी राठौड़

कोरोना वायरस के चलते लोग कम से कम घर से बाहर जा रहे हैं। ऐसे में पूरे सप्ताह इन सब्ज़ियों को ताज़ा बनाए रखना एक चुनौती बन गई है। आज आपको डी.जे. एम कॉलेज, संगमनेर के प्रोफ़ेसर शेफ भवभूति कापड़ी बताने जा रहे हैं कि कैसे लम्बे समय तक खाद्य पदार्थों को ताज़ा रखा जाए।

यूपी के इस आईएएस ने बाजार से आधी कीमतों पर बनायी टॉप-क्वालिटी पीपीई किट!

‘ऑपरेशन कवच’ नाम की यह पहल लगभग 175 गाँव की महिलाओं को सशक्त बना रही है। सिर्फ यही नहीं भारतीय सेना पहले ही अपने अस्पतालों के लिए बड़ी तादाद में पीपीई किट के लिए इन्हें ऑर्डर दे चुकी है।

COVID 19 दौरान आप नौकरी को लेकर हैं परेशान? 3 IITians दे रहें हैं महत्वपूर्ण सलाह

By पूजा दास

श्रीकांत सिंह ने 2009 में आईआईटी-खड़गपुर से ग्रैजुएशन की डिग्री हासिल की। पढ़ाई में अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद वैश्विक मंदी के कारण उन्हें नौकरी के लिए संघर्ष करना पड़ा। वह कहते हैं, "मेरी नज़र में, दुनिया मेरे बिना ठीक काम कर रही थी और किसी को भी मेरी वंशावली या पिछले क्रेडेंशियल्स की परवाह नहीं थी। "