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Positive stories of women empowerment, achievements, initiatives, heroes, heroines, farmers, innovations, business and many more from Gujarat, India. भारत के गुजरात से जुड़ीं पॉजिटिव, सकारात्मक कहानियां, अच्छी ख़बरें, आविष्कार से सम्बंधित ख़बरें, अनजाने नायक जो एक बेहतर कल के लिए प्रयासरत हैं. गुजरात की महिलाओं की कहानियां, जिन्होंने बदलाव की नींव रखी। गुजरात के किसानों को प्रेरित करने वाली प्रगतिशील किसानों की ख़बरें। शून्य से शुरू करके शिखर तक पहुँचने वाले लोगों की कहानियां। छोटे व्यवसाय से अपनी किस्मत बदलने वाले लोगों की प्रेरक कथाएं। \ Positive stories of women empowerment, achievements, initiatives, heroes, heroines, farmers, innovations, business and many more from Gujarat, India.

पुरानी साइकिल को EV में बदलने का आईडिया हुआ हिट और शुरू हो गया बिज़नेस, देशभर से मिलते हैं ऑर्डर्स

By प्रीति टौंक

25 वर्षीय विवेक पागे का स्टार्टअप Odo bikes ई-साइकिल बनाता है। उन्होंने एक पुरानी साइकिल से, EV बनाने की शुरुआत की और आज उन्हें कई राज्यों से ऑर्डर्स मिल रहे हैं। पढ़ें क्या है ख़ास इस ई-साइकिल में।

दो महीने में उगे आमों से सालभर कमाते हैं मुनाफा, जानिए कैसे!

By प्रीति टौंक

कच्छ (गुजरात) के किसान हरिसिंह केसर आम की खेती करते हैं। सालभर अपने ग्राहकों तक आम पहुंचाने के लिए, वह इससे कई तरह के प्रोडक्ट्स, जैसे-सीलपैक मैंगो पल्प, 10 प्रकार के आम पापड़, मैंगो आइसक्रीम, मैंगो पेड़ा, मैंगो कुल्फी, जूस और मिल्कशेक आदि अपने खेत पर ही तैयार करते हैं।

लाल भिंडी, ड्रैगन फ्रूट, तरबूज, स्ट्रॉबेरी समेत 30 तरह की सब्जियां उगाई छत पर

By प्रीति टौंक

सूरत की अनुपमा देसाई के पास जमीन पर पौधे लगाने की जगह नहीं थी, तो उन्होंने अपनी छत को ही अपना बगीचा बनाकर, एक हजार से ज्यादा पौधे लगाए हैं। पिछले एक साल से दूसरों को भी टेरेस गार्डनिंग सीखा रही हैं।

जैविक खेती कैसे करें? जानिए अहमदाबाद के Cardiologist और किसान, डॉ. दिनेश पटेल से

By प्रीति टौंक

अहमदाबाद के डॉ. दिनेश पटेल ने बीमारी के इलाज करने से ज्यादा जरूरी समझा, बीमारी को जड़ से मिटाना। इसी सोच के साथ, वह पिछले 30 सालों से प्रकृतिक खेती कर रहे हैं।

न बीज खरीदा, न खाद! 3 एकड़ से कमाती हैं 2 लाख रुपए, 3 हजार को जोड़ा रोजगार से

By प्रीति टौंक

उषा वसावा एक सफल आदिवासी महिला किसान हैं, वह अपनी तीन एकड़ जमीन पर जैविक खेती करके, दो लाख रुपये सालाना मुनाफा कमा रही हैं। इतना ही नहीं, उन्होंने अपने जैसी और तीन हजार महिलाओं को भी खेती की ट्रेनिंग देकर रोजगार से जोड़ा है।

कलमखुश: 80 साल से कपड़ों की कतरन से बना रहे हैं हैंडमेड पेपर, गाँधी जी का था आईडिया

By प्रीति टौंक

गाँधी जी हमेशा स्वदेशी और ईको-फ्रेंडली वस्तुओं के इस्तेमाल पर जोर देते थे, उन्होंने इसी विचार के साथ, अहमदाबाद गाँधी आश्रम में चरखा से सूत बनाने और हैंडमेड पेपर बनाने जैसे काम की शुरुआत की। आगे चलकर यह हैंडमेड पेपर उद्योग कलमखुश बना और आज तक चल रहा है।

बिजली-पानी मुफ्त और खाना बनता है सोलर कुकर में, बचत के गुर सीखिए इस परिवार से

By निशा डागर

गुजरात के भरुच में रहनेवाली 29 वर्षीया अंजलि और उनका परिवार 'सस्टेनेबल' तरीकों से जीवन जी रहा है।

न बिजली-पानी का बिल, न सब्जी-फल का खर्च, कच्छ की रेतीली जमीन पर बनाया आत्मनिर्भर घर

By प्रीति टौंक

कच्छ का भुज शहर, अपनी रेतीली मिट्टी और कम वर्षा के लिए जाना जाता है, लेकिन भुज के गोर परिवार ने एक ऐसा हरा-भरा आशियाना बनाया है, जो पूरी तरह से इको फ्रेंडली है और आत्मनिर्भर है।

Induben Khakhrawala: घर चलाने के लिए बनाने लगी थीं खाखरा, 60 साल में बन गया मशहूर ब्रांड

By प्रीति टौंक

अहमदाबाद के जाने-माने नमकीन ब्रांड ‘Induben Khakhrawala’ की शुरुआत इंदुबेन जवेरी ने घर से खाखरा बनाने से की थी। जानिए उनके संघर्ष और हिम्मत की कहानी।

लॉकडाउन का किया सही इस्तेमाल, 350 दुर्लभ पेड़ों का बीज बैंक बनाकर बांटते हैं मुफ्त

By प्रीति टौंक

पालनपुर, गुजरात के 26 वर्षीय निरल पटेल ने लॉकडाउन के दौरान एक अनोखा बीज बैंक बनाया है। वह महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान तक पार्सल से विलुप्त होती वनस्पतियों और पेड़ों के बीज पहुंचाते हैं।