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Positive stories of women empowerment, achievements, initiatives, heroes, heroines, farmers, innovations, business and many more from Gujarat, India. भारत के गुजरात से जुड़ीं पॉजिटिव, सकारात्मक कहानियां, अच्छी ख़बरें, आविष्कार से सम्बंधित ख़बरें, अनजाने नायक जो एक बेहतर कल के लिए प्रयासरत हैं. गुजरात की महिलाओं की कहानियां, जिन्होंने बदलाव की नींव रखी। गुजरात के किसानों को प्रेरित करने वाली प्रगतिशील किसानों की ख़बरें। शून्य से शुरू करके शिखर तक पहुँचने वाले लोगों की कहानियां। छोटे व्यवसाय से अपनी किस्मत बदलने वाले लोगों की प्रेरक कथाएं। \ Positive stories of women empowerment, achievements, initiatives, heroes, heroines, farmers, innovations, business and many more from Gujarat, India.

जानवर रहते थे प्यासे इसलिए गाँव के लोगों ने टैंकरों से भर डाला तालाब!

तालाब में पानी न होने की वजह से कछुए मरने लगे थे, ऐसे में गाँव वालों ने यह ठोस कदम उठाने की ठानी।

पिता चारा बेचकर पढ़ा रहे बेटी को, बेटी ने 12वीं में 98.86 पर्सेंटाइल हासिल कर किया नाम रौशन

By पूजा दास

नेहा का संयुक्त परिवार है, जिसमें माता-पिता, दो भाई-बहन, उसके चाचा और उनका परिवार साथ रहता है। नौ सदस्यों का यह परिवार दो कमरों के घर में रहता है जहां नेहा को अक्सर दिन में घर के कामों में मदद करनी पड़ती है।

अहमदाबाद पुलिस को गर्मी से राहत दिलाएगा, 23 साल के छात्र का बनाया हुआ यह सोलर छाता!

By पूजा दास

"इस कठिन दौर में हम सभी की सुरक्षा के लिए पुलिसकर्मी अपने परिवार से दूर रहते हैं, वे लगातार काम कर रहे हैं। तपती गर्मी में वे सड़क पर हैं, यह जानलेवा भी हो सकता है। हमारे शहर में पहले भी ऐसी घटनाएं हुई हैं। लॉकडाउन ने सभी को एकजुट किया है और सब एक-दूसरे की मदद भी कर रहे हैं। एक इंजीनियरिंग छात्र के रूप में, यह मेरा योगदान है।”

दिव्यांगता को मात दे बनाई अपनी पहचान, खुद अपने लिए किया स्पेशल स्कूटर का आविष्कार!

By निशा डागर

"15 साल की उम्र तक तो मैं अपनी माँ की पीठ पर ही बैठकर सब जगह जाया करता था। लेकिन मुझे यह अच्छा नहीं लगता था कि मैं हर काम के लिए किसी और पर निर्भर रहूं। इसलिए मैंने खुद को आत्मनिर्भर बनाया।"

सूरत के 26,000 घरों से 5 अतिरिक्त रोटियां मिटा रही हैं हज़ारों प्रवासियों की भूख!

By पूजा दास

लॉकडाउन के कारण, भोजन और पैसे की कमी झेल रहे लाखों प्रवासी श्रमिक अपने परिवार से दूर कहीं और फंसे हुए हैं। ऐसे में सूरत का एक एनजीओ एक अलग और अनोखे तरीके से उनकी मदद के लिए सामने आया है। आईए जानते हैं कैसे।

गहने गिरवी रखकर गरीबों को राशन पहुंचा रहा यह किन्नर समुदाय

नूरी ने कई सालों से पैसे बचाकर अपने लिए वो हार बनवाया था जो उन्होंने गिरवी रखा है। उन्होंने कहा, "बनाया तो बहुत मन से था लेकिन अभी पूरा जीवन पड़ा है। छुड़वा लाऊंगी उस हार को। फ़िलहाल लोगों को भूखा मरने से बचाना है।"

कभी स्कूल में हुई थीं फेल, फिर पहले ही प्रयास में की UPSC की परीक्षा पास!

22 साल की उम्र में अंजू शर्मा ने अपने पहले प्रयास में ही UPSC की परीक्षा पास करके सबको बता दिया कि कोई भी असफलता आपको आगे बढ़ने से नहीं रोक सकती है!

आधी लागत पर मिट्टी और वेस्ट से बनी ये इमारतें हैं ज्यादा सस्ती और ठंडी

By पूजा दास

लाल मिट्टी की टाइल्स, दोबारा इस्तेमाल की जाने वाली निर्माण सामग्री, टूटे हुए पुराने टाइल्स, थर्माकोल, डंप यार्ड से रिसायकल करने वाली चीजें, टिन के ढक्कन आदि को नया रूप देकर मनोज पटेल पूरे घर को इको-फ्रेंडली और पारंपरिक तरीके से डिज़ाइन करते हैं जिससे उनकी लागत कम हो जाती है।

यह युवती बांस से बना रही है इको-फ्रेंडली ज्वेलरी, तिगुनी हुई आदिवासी परिवारों की आय!

By निशा डागर

साल 2011 की एक रिपोर्ट के अनुसार डांग आर्थिक तौर पर भारत का सबसे पिछड़ा हुआ जिला था, पर सलोनी के यहाँ आने के बाद से बदलाव की शुरुआत हो चुकी है।

बेटी के जन्म के बाद बनीं डॉक्टर, कंगना के पंगे से कम नहीं था संघर्षों से इनका 'पंगा'!

फिल्म देखने के दौरान निधि को लगा मानो जैसे सारे किरदार एकदम से जीवंत हो उठे हो और उनकी कहानी के इर्द-गिर्द घूमने लगे हो।