विवेक ने जब खेती करना शुरू किया, उन्होंने तब ही ठान लिया था कि वह इसे व्यवसाय की तरह आगे बढ़ाएंगे क्योंकि आने वाला जमाना होम-डिलीवरी का है और किसानों को उसी तरह से ढलना होगा!
यह परिवार 0.2 एकड़ जमीन में धान की खेती करता है और अपने घर के आसपास के 0.06 एकड़ जमीन में अदरक, हल्दी, काली मिर्च, टमाटर, भिंडी, हरी मिर्च और फूलगोभी जैसी सब्जियों के साथ-साथ जरूरी मसाले भी उगाता है।
"लेमन ग्रास की सलाना खपत हमारे देश में 10 हजार टन है लेकिन अभी 5-6 हजार टन का ही प्रोडक्शन हो पाता है। ऐसे में, किसानों के लिए इसकी खेती में काफी संभावनाएँ हैं।" - समीर चड्ढा
संदीप ने 'फार्मर्स प्राइड' नाम से देश का पहला ऐसा प्रयोग किया है, जो सीधे किसानों की ब्रांडिंग करता है। उनकी एप पर हर प्रोडक्ट के सामने उसे उगाने वाले जैविक किसान का नाम, फोटो और पता लिखा होता है।
संदीप ने मात्र 4 हज़ार रूपये देकर मशरूम की खेती की एक हफ्ते की ट्रेनिंग ली थी, जिसमें उन्हें ट्रेनिंग सेंटर पर रहना खाना भी मुफ्त था। ट्रेनिंग का ही यह नतीजा है जो संदीप मशरूम की खेती में इतना अच्छा कर पा रहे हैं।