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चंडीगढ़ पुलिस का सिपाही बन गया हरियाणा का 'ट्री-मैन,' लगवाए डेढ़ लाख से भी ज़्यादा पेड़-पौधे!

By निशा डागर

चंडीगढ़ पुलिस में कोंस्टेबल के पद पर कार्यरत देवेंदर सूरा को 'हरियाणा का ट्री-मैन' कहा जाता है। पिछले 7 सालों में उन्होंने अपने वेतन खर्च कर लगभग 182 गांवों और कुछ अन्य शहरों में 1, 54, 000 पेड़ लगवाए हैं और लगभग 2, 72, 000 पेड़ स्कूल, शादी समारोह, रेलवे स्टेशन, मंदिर आदि में जा-जाकर बांटे हैं।

प्रशासन और ग्रामीणों के बीच सेतु बनकर, 20, 000+ लोगों तक पहुंचाई सरकारी योजनायें!

By निशा डागर

उत्तर-प्रदेश के जगापुर गाँव में पली-बढ़ी रमा सिंह दुर्गवंशी फिलह मुंबई में एक कंपनी में बतौर डायरेक्टर कार्यरत हैं। लेकिन फिर भी वे अपने पति के सहयोग से Arise N Awake संस्था के ज़रिए गांवों के विकास का कार्य कर रही हैं। उनके प्रयासों से 20 हज़ार से भी ज़्यादा लोगों को लाभ मिला है।

एक बार साँप ने काटा, दो बार तस्करों ने चलायी गोलियाँ, फिर भी किया 17, 000+ सांपों का रेस्क्यू!

By निशा डागर

उड़ीसा में 'PFA- अंगुल यूनिट' के चेयरमैन बिप्लब महापात्रा हमेशा से ही जीव-जंतुओं के प्रति संवेदनशील रहे हैं। उनकी टीम सिर्फ़ अंगुल में नहीं बल्कि पूरे उड़ीसा में है। अब तक उन्होंने 17, 000 साँप, 500 बिल्ली, 200 पक्षी, 15 बन्दर और 2, 200 और अलग-अलग प्रजाति जैसे कछुआ, गिरगिट, छिपकली आदि को बचाया है!

बचपन से था मासूम कुत्ते को न बचा पाने का दर्द; आज कर चुकी हैं एक लाख से ज़्यादा जानवरों की मदद!

By निशा डागर

55 वर्षीय शकुंतला मजुमदार Mumbai में ‘ठाणे सोसाइटी फॉर द प्रिवेंशन ऑफ़ क्रुएलिटी टु एनिमल्स’ (Thane SPCA) संगठन की प्रेजिडेंट हैं। साल 2002 में उन्होंने इस सोसाइटी की शुरुआत की थी। इसके ज़रिये वे शहर में जानवरों के संरक्षण के क्षेत्र में काम कर रही हैं।

प्लास्टिक-फ्री शादी में दिया 'सेव फ़ूड' का संदेश; किसानों के लिए लगवाई आविष्कारों की प्रदर्शनी!

By निशा डागर

Gujrat में अहमदाबाद के रहने वाले चेतन पटेल ने अपनी शादी में 20 पन्नों का निमंत्रण पत्र छपवाया, जिसमें शादी के समारोह की जानकारी के अलावा कृषि के सम्बंधित बहुत-सी अन्य प्राकृतिक और ज़रूरी जानकारी भी प्रिंट करवाई गयी थी। उनका उद्देश्य अपनी शादी के ज़रिए समाज में बदलाव की एक मुहीम शुरू करना था।

राजस्थान में उगाये सेब और अनार; 1.25 एकड़ खेत से कमाए 25 लाख!

By मानबी कटोच

अक्सर माना जाता है कि सेब जैसे फल हिमाचल या कश्मीर जैसे ठंडे इलाकों में ही उगते हैं। पर शेखावती फार्म में आजकल एक सेब का पेड़ चर्चा का विषय बना हुआ है।

पुणे की यह छात्रा युवाओं को ले जा रही है नेटफ्लिक्‍स से किताबों की दुनिया में

By अलका कौशिक

शहर में जिस तेजी से शू स्टोर खुलते हैं उतनी रफ्तार से बुक स्टोर नहीं खुल रहे। और पहले जैसी लाइब्रेरी की परंपरा भी चूकने लगी है। लेकिन इस दौर में अक्षता जैसे युवा सब्र का मंज़र दिखाते हैं। वो याद दिलाते हैं कि सब कुछ चूका नहीं है।

अमेरिका में एप्पल की नौकरी छोड़, अपने गाँव में बन गए किसान; बच्चों को दी ज़मीन से जुड़ी शिक्षा!

By निशा डागर

उत्तर-प्रदेश के अलीगढ़ में जरारा गाँव के रहने वाले अभिनव गोस्वामी, साल 2007 से अमेरिका में रह रहे थे। पर अपने देश के लिए कुछ करने का जज़्बा उन्हें वापिस अपने वतन ले आया। यहाँ आकर उन्होंने जैविक खेती, डेयरी फार्म, मधुमक्खी पालन आदि शुरू किया। उनका उद्देश्य बच्चों को स्किल बेस्ड शिक्षा देना है।

पिता हुए लाचार, तो उच्च-शिक्षित बेटी बन गयी किसान, कर दी अंगूर की खेती से आय दुगनी!

By मानबी कटोच

डेढ़ साल तक एक सॉफ्टवेयर डेवलपर के रूप में काम करने के बाद, उसने 2017 में अपनी नौकरी छोड़ दी और एक बार फिर से खेती संभालने के लिए वापस आ गई।

इंजीनियरिंग छात्रों ने पास बह रहे गटर से बनायी गैस, चाय वाले की आमदनी की चौगुनी!

जून 2014 में इन दोनों ने पहली बार शिव प्रसाद की 'रामू टी-स्टॉल पर अपने इस आविष्कार का प्रदर्शन किया। स्थानीय मीडिया ने इसे ‘गटर गैस’ का नाम देकर इस प्रणाली की काफ़ी प्रशंसा की। इसने एलपीजी पर निर्भरता हटाकर रामू के चाय के ठेले की आय पहले की आय से चार गुना अधिक बढ़ा दी।