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दिव्यांग आईएएस अफ़सर ने किया भारत का नाम रौशन; पैरा-बैडमिंटन में जीता सिल्वर!

By निशा डागर

सुहास लालिनाकेरे यथिराज, उत्तर-प्रदेश के प्रयागराज (इलाहाबाद) में जिला अधिकारी के पद पर नियुक्त हैं। हालांकि, एक प्रशासनिक अधिकारी होने के साथ-साथ, सुहास एक बेहतरीन पैरा-एथलीट भी हैं। हाल ही में, उन्होंने पैरा-बैडमिंटन अंतर्राष्ट्रीय चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीतकर देश का नाम रौशन किया है!

60 वर्षीय दिव्यांग ने ई-वेस्ट का इस्तेमाल कर बनाई ई-बाइक, मथुरा का 'देसी जुगाड़' बना प्रेरणा!

By निशा डागर

गुजरात में सूरत के रहने वाले 60 वर्षीय विष्णु पटेल ने बिना किसी प्रोफेशनल ट्रेनिंग और मदद के, अलग-अलग तरह के कचरे का इस्तेमाल कर 'ई-बाइक' बनाई

मिलिए भारत के 'गूंगा पहलवान' से, देश के लिए जीते हैं 6 अंतर्राष्ट्रीय पदक!

By निशा डागर

हरियाणा के झज्जर जिले में ससरोली गाँव से ताल्लुक रखने वाले रेसलर विरेंदर सिंह को ज़्यादातर लोग, 'गूंगा पहलवान' के नाम से जानते हैं। वे भारत के सबसे सफल पहलवानों में से एक हैं। उन्होंने चार डेफलिम्पिक्स गेम्स और दो वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में 3 गोल्ड, 1 सिल्वर और 2 ब्रोंज मेडल जीते हैं।

व्हीलचेयर पर बैठकर, 2,500 से भी ज़्यादा बच्चों को मुफ़्त शिक्षा दे चुके हैं गोपाल खंडेलवाल!

By निशा डागर

उत्तर-प्रदेश में मिर्ज़ापुर के एक गाँव पत्तीकापुर में 49 वर्षीय गोपाल खंडेलवाल पिछले 20 साल से यहाँ के बच्चों के जीवन में शिक्षा की अलख जगा रहे हैं। गोपाल एक दिव्यांग हैं और चल नहीं सकते हैं। व्हीलचेयर पर बैठे-बैठे ही अब तक उन्होंने सैकड़ों बच्चों की ज़िंदगी संवारी है। 

एक एथलीट और स्पोर्ट्स टीचर; पर अगर आप अमोल के पैरों को देखंगे तो चौंक जायेंगे!

By निशा डागर

महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले के रंगोली गाँव के 27 वर्षीय अमोल संखन्ना एक एथलीट, क्रिकेटर और एक स्पोर्ट्स टीचर हैं। बचपन में हुई एक सड़क दुर्घटना में अमोल के दाहिने पैर की पाँचों उंगलियाँ चली गयी और अब वे लगभग 40% विकलांग हैं। उनका सपना पैरा-ओलंपिक में पदक जीतने का है।

मिलिए आईआईटीयन शिवम पोरवाल से, शारीरिक अक्षमता को हराकर छू रहे हैं सफलता की ऊंचाइयां!

By निशा डागर

मध्य-प्रदेश के महिदपुर से ताल्लुक रखने वाले 22 वर्षीय शिवम पोरवाल जन्म से ही विकलांग हैं। वे अपने घुटनों के बल चलते हैं और उनके दाएं हाथ में सिर्फ तीन उंगलियां हैं और बाएं हाथ में जुड़े हुए अंगूठे -ऋतिक रोशन की तरह। लेकिन आज वे एक प्रेरक वक्ता, गायक, तैराक, कवि, आईआईटीयन, कंप्यूटर इंजीनियर, और प्रोग्रामर हैं।

देख नहीं सकते पर दिखा सकते हैं दुनिया: नेत्रहीन कलाकारों की नाट्य प्रस्तुति देख दांतों तले ऊँगली दबाएंगे आप

By विनय कुमार

पुणे में 19 नेत्रहीन कलाकार अपनी नाट्य प्रस्तुति से आपको चकित कर देंगे। सावी फाउंडेशन की कोशिश और स्वागत थोरात के निर्देशन में मेघदूत नाटक प्रस्तुत किया।

4 सर्जरी और 500 स्टिचस के बाद भी, ये प्रेरक नेवी ऑफिसर हैं वापसी को तैयार।

बिनय कुमार ने भी ऐसी ही एक दुर्घटना का सामना किया लेकिन, उन्होंने हार नहीं मानी और अपने इसी शानदार जज्बे के चलते अब वो वापसी को तैयार है।

'मुझे सामान की तरह उठाया गया'- एक दिव्यांग अधिकार कार्यकर्ता की आपबीती से उठी सुविधाजनक रेलवे की मांग!

By विनय कुमार

विराली को भारतीय रेलवे के साथ कई बार संघर्ष करना पड़ा, जहां उन्हें दिव्यांग होने की वजह से जबरदस्ती पुरुषों द्वारा पकड़ा गया