Powered by

Latest Stories

Homeछत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़

कैसे छत्तीसगढ़ का यह एक जिला बना रहा है 28 हज़ार महिलाओं और बच्चों को कुपोषण-मुक्त!

By निशा डागर

छत्तीसगढ़ धीरे-धीरे लेकिन स्थिरता से कुपोषण के मुद्दे को हल कर रहा है और झारखंड, राजस्थान, असम और ओडिशा जैसे अन्य राज्य, बेशक इससे सीख लेकर अपने यहाँ भी इस तरह की योजनायें और कार्यक्रम शुरू कर सकते हैं।

कलेक्टर की पहल : पथरीले रास्तों से गुज़र, हर घर तक पहुँच सकती है अब बाइ​क एम्बुलेंस!

''अब जब गाँव जाता हूँ तो लोग ख़ुशी-ख़ुशी बताते हैं कि अब हमारा इलाज हो गया है। नवजात शिशु को मेरे पास लेकर आते हैं और कहते हैं कि कैसे संगी एक्सप्रेस के माध्यम से उनके जीवन में बदलाव आया है। मैं इन गाँव वालों के चेहरों पर खुशी देखता हूँ तो लगता है कि बाइक एम्बुलेंस शुरू करना सबसे बेहतर कदम था।''

पाँच साल में 3500 घायल जानवरों को किया रेस्क्यू; 55 लावारिस कुत्तों को घर में दी शरण!

कस्तूरी और उनकी टीम जानवरों के लिए एक सर्व-सुविधा युक्त अस्पताल और बसेरा बना रही है।

बिलासपुर के कलेक्टर का नेक कदम, जेल में कैदी की 6 वर्षीय बेटी का कराया शहर के बड़े स्कूल में दाख़िला!

By निशा डागर

महज छह साल की ख़ुशी जेल की सलाखों के पीछे रहने के लिए इसलिए मजबूर है क्यूँकि उसके पिता यहाँ पर सजा काट रहे हैं।

सरकारी स्कूल के इस शिक्षक ने पहले खुद अंग्रेज़ी सीखी, फिर अपने छात्रों को सिखाई फर्राटेदार इंग्लिश!

शशि रायगढ़ के डोंगीपानी गांव में प्राइमरी स्कूल के शिक्षक हैं। उन्होंने स्कूल के बच्चों को अंग्रेजी बोलना, लिखना और पढ़ना सिखाया है और आज स्कूल के बच्चे फर्राटेदार अंग्रेजी में बात करते है।

पाँच दिन तक गली-गली जाकर ढूंढा और लौटाया ऑटो में छूटा हुआ 7 लाख के गहनों से भरा बैग!

वो कहते हैं न अभी भी कुछ लोग गरीबी में जिंदगी जीते हुए भी ईमानदारी की रोटी खाना पसंद करते हैं। तभी तो लाख रुपए मिलने के बाद भी इस ऑटो रिक्‍शा चालक का ईमान नहीं डगमगाया।

छुट्टी के दिन मस्ती नहीं, बेजुबान जानवरों की मदद करते हैं ये बच्चे; पॉकेट मनी भी लुटाते हैं अच्छे कामों में!

संस्था के सभी सदस्य अपने पॉकेट मनी का एक हिस्सा जीव दया, गरीब बच्चों की पढ़ाई और आर्थिक रूप से कमज़ोर मरीजों के इलाज में लगाते हैI

छत्तीसगढ़ : गाँव में लड़की के जन्म पर 5, 000 रूपये की एफडी करवाती है यह ग्राम पंचायत!

By निशा डागर

छत्तीसगढ़ में महासमुंद जिले के पिथौरा ब्लॉक में स्थित ग्राम पंचायत सपोस पूरे भारत में एक आदर्श ग्राम पंचायत की मिसाल पेश कर रही है। ग्राम पंचायत सपोस के अंतर्गत दो गाँव, सपोस और गबौद आते हैं। इन दोनों गांवों के विकास के लिए ग्राम पंचायत उम्दा कार्य कर रही है।

जानिए भारत के खेल-गाँव के बारे में, जहाँ हर घर में मिलेंगें खिलाड़ी!

By निशा डागर

छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में स्थित पुरई गाँव भारत के खेल-गाँव के नाम से मशहूर है। इस गाँव में हर एक घर में आपको खिलाड़ी मिल जायेंगें। पिछले साल ही भारतीय खेल प्राधिकरण ने गाँव के 12 बच्चों को तैराकी के लिए चुना है। इन बच्चों को ओलिम्पिक के लिए तैयार किया जायेगा।