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प्रवेश कुमारी

प्रवेश कुमारी मॉस कम्युनिकेशन में पोस्ट ग्रेजुएशन कर चुकीं हैं। लिखने के साथ ही उन्हें ट्रेवलिंग का भी शौक है। सकारात्मक ख़बरों को सामने लाना उन्हें सबसे ज़्यादा ज़रूरी लगता है।

सूखे से जूझता गाँव देख शहर से लौटीं, 15000 बच्चों को सिखाया सीड बॉल बनाना और खड़ा किया जंगल

आज से करीब छह साल पहले, महाराष्ट्र के लातूर जिले में भयानक सूखा पड़ा था। उद्गीर के हालात तो और भी ज्यादा ख़राब थे। वहां कई दिनों तक पानी नहीं आया। यह देखकर उद्गीर की अदिति पाटिल ने अपने जिले को हरा-भरा बनाने का संकल्प लिया।

22 साल बाद नौकरी छोड़ गांव लौटे चंद्रशेखर, अब जड़ी-बूटियों की खेती से कमा रहे हैं लाखों

उत्तराखंड के बागेश्वर जिले में जन्मे चंद्रशेखर पांडे अपनी पढ़ाई-लिखाई के साथ-साथ रोज़गार की तलाश में सपनों की नगरी मुंबई में जा बसे. शहर में वह अपने सभी अरमान पूरे करते हुए तरक्की कर रहे थे, लेकिन इस बीच गांव और अपनी मिट्टी के लिए लगाव भी बढ़ता रहा। जानें 22 साल बाद आख़िर ऐसा क्या हुआ कि नौकरी छोड़कर वह वापस गांव लौट आये.

इंसाफ़ से कम कुछ मंज़ूर नहीं; 20 रुपये के लिए 22 साल लड़ा केस, आखिरकार जीत ली लड़ाई

मथुरा के रहने वाले तुंगनाथ चतुर्वेदी ने सिर्फ़ 20 रुपए के लिए 22 साल तक कानूनी लड़ाई लड़ी। ऐसा इसलिए नहीं कि उन्हें 20 रुपए वापस लेने थे, बल्कि इसलिए क्योंकि उन्हें भ्रष्टाचार को हराकर इंसाफ़ चाहिए था।

एशिया कप के सबसे पहले हीरो थे सुरिंदर खन्ना, जानिए 38 साल पुराने मैच की कहानी

साल 1984 में जिन्होंने अपने बेहतरीन प्रदर्शन से भारत को पहला एशिया कप जिताया था, वह हैं विकेटकीपर बल्लेबाज़ सुरिंदर खन्ना। सुरिंदर तब न सिर्फ़ ‘मैन ऑफ द सीरीज़’ बने थे बल्कि देश के हीरो बन गए थे। पढ़िए उनकी कहानी।

पिता की एक डांट ने चिराग शेट्टी को बनाया था शटलर, देश के लिए जीता ऐतिहासिक मेडल

टोक्यो (जापान) में चल रही वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियनशिप में भारत के स्टार शटलर चिराग शेट्टी और सात्विक साई राज की जोड़ी ने इतिहास रच दिया है। उन्होंने चैंपियनशिप के सेमीफाइनल में पहुंचकर देश के लिए मेंस डबल्स इवेंट का पहला मेडल पक्का कर दिया है।

ढाई किल्ले ज़मीन बेची, ट्रैक्टर बेचा, गांव से शहर हुए शिफ्ट, आज बेटी बनी वर्ल्ड चैंपियन

जानिए कैसे, हरियाणा के एक गांव से निकलकर, अंतिम पंघाल बनीं अंडर-20 वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियन जीतने वाली पहली भारतीय महिला रेसलर।

"पिता नहीं चाहते थे कि मैं दौडूं", स्टेडियम बंद हुआ तो सड़कों पर दौड़ जीता देश के लिए मेडल

कोलंबिया में हुई अंडर-20 वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में मेरठ की रूपल चौधरी ने महिलाओं की 400 मीटर दौड़ में कांस्य पदक जीता। इतना ही नहीं, 4×400 मीटर मिक्स्ड रिले टीम इंवेंट का सिल्वर मेडल भी उन्होंने अपने नाम किया और इस तरह रूपल अंडर-20 वर्ल्ड चैंपियनशिप में दो मेडल हासिल करने वाली पहली भारतीय एथलीट बन गईं।

सैयद अब्दुल रहीम: भारतीय आधुनिक फुटबॉल के आर्किटेक्ट, कैंसर से जूझते हुए भी ले आए थे गोल्ड

ब्राज़ील से भी पहले सैयद अब्दुल रहीम ने भारतीय फुटबॉल टीम को दिया 4-2-4 का फॉर्मेशन, जानें क्या है इस फॉर्मेशन का मतलब और इसके फायदे।

मिलिए भारत की पहली महिला कोल अंडरग्राउंड माइन इंजीनियर आकांक्षा कुमारी से

अगर आपने कोयला खादानों के बारे में सुना है, तो यह ज़रूर जानते होंगे कि अंडरग्राउंड खदानों में काम करना कितना रिस्क भरा हो सकता है। आमतौर पर लोग कोयला खदानों के भीतर जाने से घबराते हैं। इस क्षेत्र में अभी तक पुरुषों का ही वर्चस्व रहा है, लेकिन अब एक महिला ने इस वर्चस्व को तोड़ा, जिनका नाम है आकांक्षा कुमारी।