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निशा डागर

बातें करने और लिखने की शौक़ीन निशा डागर हरियाणा से ताल्लुक रखती हैं. निशा ने दिल्ली विश्वविद्यालय से अपनी ग्रेजुएशन और हैदराबाद विश्वविद्यालय से मास्टर्स की है. लेखन के अलावा निशा को 'डेवलपमेंट कम्युनिकेशन' और रिसर्च के क्षेत्र में दिलचस्पी है.

उत्तर-प्रदेश: आइएएस अफ़सर ने शुरू किया 'विद्यादान अभियान', लगभग 700 नागरिक आये स्वयंसेवा के लिए आगे!

By निशा डागर

आप उत्तर-प्रदेश के बहराइच जिले के बेगमपुर सरकारी प्राथमिक स्कूल में आप जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) माला श्रीवास्तव को बच्चों को पढ़ाते हुए पायेंगें। उन्होंने जिले में 'विद्या दान, एक आदर्श दान' जैसी पहल भी की है।इस पहल से पिछले महीने में लगभग 700 लोग जुड़े हैं।

अमृता शेरगिल: भारत की पहली बोल्ड, बेबाक और सबसे महँगी पेंटर!

By निशा डागर

अमृता शेरगिल का जन्म 1913 में बुडापेस्ट, हंगरी में हुआ। उनके पिता उमराव सिंह शेरगिल मजीठिया संस्कृत और पारसी के विद्वान व्यक्ति थे। साल 1921 में भारत आयीं। भारत की पहली बोल्ड, बेबाक, जानदार और सबसे महंगी पेंटर थी अमृता शेरगिल। उनकी पेंटिंग में भारत और यूरोप, दोनों जगह की छवि दिखती है।

दिल्ली : जूस, चिप्स, चाय, कॉफ़ी, वेफर्स, इन सबसे होता है गोल्डी सिंह की टैक्सी में सवारियों का स्वागत!

By निशा डागर

गोल्डी सिंह की टैक्सी में सवारी करने पर आपको 'गुरु का लंगर' मिलता है। इस लंगर में आपको मिनरल पानी की बोतल, जूस, चिप्स, चाय, कॉफ़ी, वेफर्स आदि मुफ्त में मिलता है। साथ ही मोबाइल चार्जिंग पॉइंट भी। गोल्डी सिंह सिखों के दसवंद धर्म का पालन करते हैं यानी कमाई का दसवां हिस्सा लोगों की सेवा के लिए देना।

कानून और समाज से लड़कर बनी देश की पहली महिला माइनिंग इंजीनियर!

By निशा डागर

डॉ. चंद्राणी प्रसाद वर्मा साल 1999 में अपनी इच्छाशक्ति के दम पर देश की पहली महिला माइनिंग इंजीनियर बनीं थीं। आज वे सीएसआईआर- केंद्रीय खनन और ईंधन अनुसंधान संस्थान [सीएसआईआर-सीआईएमएफआर] में सीनियर वैज्ञानिक हैं।

बेज़ुबान और बेसहारा जानवरों के दर्द को समझकर उन्हें नयी ज़िन्दगी दे रही हैं डॉ. दीपा कात्याल!

By निशा डागर

डॉ दीपा कात्याल को जानवरों के प्रति उनके प्यार और सद्भावना ने उन्हें जानवरों का डॉक्टर बना दिया। एक अच्छी-खासी बिज़नेस फैमिली से ताल्लुक रखने वाली दीपा ने अपने परिवार के मना करने के बावजूद इस प्रोफेशन को चुना ताकि वे जरुरतमन्द जानवरों की देखभाल कर सकें।

भोपाल गैस त्रासदी : मौत से जूझते हुए भी इस स्टेशन मास्टर ने बचायी थी लाखों जिंदगियाँ!

By निशा डागर

2-3 दिसंबर 1984 को भोपाल में हुए हादसों को हम 'भोपाल गैस त्रासदी' के नाम से जानते हैं। भोपाल स्थित यूनियन कार्बाइड पेस्टिसाइड प्लांट में से लगभग 30 टन मिथाइल आइसोसाइनेट गैस निकली और पूरे शहर में फ़ैल गयी। इस दौरान एक स्टेशन मास्टर ग़ुलाम दस्तगीर की सूझ-बुझ ने अनगिनत लोगों की जान बचायी थी।

डॉ. राजेन्द्र प्रसाद: देश के प्रथम राष्ट्रपति, जिन्होंने पूरे कार्यकाल में लिया केवल आधा वेतन!

By निशा डागर

डॉ राजेन्द्र प्रसाद न केवल देश के पहले राष्ट्रपति थे बल्कि उन्हें जन-साधारण का राष्ट्रपति कहा जाता है। 3 दिसंबर 1884 में बिहार के सीवान जिले के एक गाँव में जन्में राजेन्द्र बचपन से ही बहुत प्रतिभाशाली थे। स्वतंत्रता के बाद वे पहले राष्ट्रपति बने। उनकी बौद्धिक क्षमता का कोई सानी नहीं था।

लांस नायक अल्बर्ट एक्का: जिन्होंने जान देकर भी पाकिस्तानी सेना को अगरतला में कदम नहीं रखने दिया!

By निशा डागर

लांस नायक अल्बर्ट एक्का का जन्म 27 दिसम्बर, 1942 को झारखंड के गुमला जिला के डुमरी ब्लाक के जरी गांव में हुआ था। साल 1971 भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान उनके साहस और बलिदान के चलते ही आज अगरतला भारत का हिस्सा है और भारतीय सेना बांग्लादेश को आज़ादी दिलवा पाई।

मेजर ध्यानचंद के खेल से प्रभावित होकर हिटलर ने दिया था यह ऑफर!

By निशा डागर

साल 1936 के बर्लिन ओलिंपिक के दौरान मेजर ध्यानचंद के नेतृत्व में भारतीय हॉकी टीम ने जर्मनी को हराया था। उनके खेल से प्रभावित होकर नाज़ी तानाशाह एडोल्फ हिटलर ने उन्हें जर्मन नागरिकता से साथ-साथ जर्मन सेना में एक ऊँचे पद की पेशकश की थी। जिसे ध्यानचंद ने ठुकरा दिया।

शादी में खाने की बर्बादी होते देख रात भर सो नहीं पाया यह शख़्स, शुरू की अनोखी पहल!

By निशा डागर

हरियाणा के सिरसा में वकील भुवन भास्कर खेमका ने साल 2010 में 'श्री राम भोजन बचाओ संस्था' की शुरुआत की। जिसका उद्देश्य शादी-विवाह और अन्य किसी कार्यक्रम में बचे हुए खाने को बर्बाद न होने देकर जरुरतमंदों तक पहुंचना है। वे सभी लोगों को इस के प्रति जागरूक करना चाहते हैं।