Powered by

Latest Stories

HomeAuthorsनिशा डागर
author image

निशा डागर

बातें करने और लिखने की शौक़ीन निशा डागर हरियाणा से ताल्लुक रखती हैं. निशा ने दिल्ली विश्वविद्यालय से अपनी ग्रेजुएशन और हैदराबाद विश्वविद्यालय से मास्टर्स की है. लेखन के अलावा निशा को 'डेवलपमेंट कम्युनिकेशन' और रिसर्च के क्षेत्र में दिलचस्पी है.

स्लम में पला-बढ़ा यह डेंटिस्ट आज आदिवासी छात्रों को कर रहा है साइकिल गिफ्ट!

By निशा डागर

हर कोई स्कूल के बच्चों की मदद करना चाहता है पर कोई नहीं सोचता कि इन बच्चों को स्कूल कैसे पहुँचाया जाए। इस तरह साइकिल डोनेशन प्रोजेक्ट शुरू हुआ!

ट्रैफिक के साथ सिग्नल पर भटकते बच्चों का जीवन भी संभाल रही है अहमदाबाद की ट्रैफिक पुलिस!

By निशा डागर

पकवान ट्रैफिक पुलिस पाठशाला की सफलता के बाद दानिलिमड़ा, कांकरिया और किशनपुर में भी पुलिस पाठशाला शुरू हुई है और अब लगभग 100 बच्चे मुफ़्त शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।

देश का पहला गाँव जहाँ लगा सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट, गाँववालों ने चंदा इकट्ठा कर किया विकास!

By निशा डागर

आज गाँव में हर दिन 4 लाख लीटर गन्दा पानी साफ़ करके खेतों की सिंचाई के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है!

मंदिर के कचरे में ढूंढा व्यवसाय का खज़ाना, खड़ा कर दिया करोड़ों का कारोबार!

By निशा डागर

साल 1998 से अम्बा जी मंदिर के बिल्कुल बाहर रामी की दुकान है, जहाँ आज वे दो हज़ार से भी ज़्यादा हैंडीक्राफ्ट प्रोडक्ट्स बेचते हैं!

12 साल के बच्चे ने बनाई 500 रु से भी कम की छननी, बिना किसी मेहनत के साफ़ कर सकते हैं अनाज!

By निशा डागर

बोधि के माता-पिता ने 92वें अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन में लगभग 20 मैकेनिकल छननी ऐसी महिलाओं को मुफ़्त में प्रदान की, जिनके किसान पतियों ने आत्म-हत्या कर ली थी।

मिट्टी, गोबर और बीजों से बनी मूर्तियाँ खरीदकर पारम्परिक तरीकों से मनाएं गणपति उत्सव!

By निशा डागर

यदि आप अपने गणपति को किसी नदी या तालाब में भी विसर्जित करना चाहते हैं तब भी बिना किसी झिझक के आप इन मूर्तियों का विसर्जन कर सकते हैं। क्योंकि इन में कोई भी हानिकारक तत्व नहीं होता जो कि पानी या पेड़ों के लिए प्रदूषण का कारण बने!