आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले में रहने वाले मधु वज्रकरुर इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के छात्र हैं और उनके यहाँ बिजली और स्वच्छ पेयजल की कोई खास सुविधा नहीं है। इस भीषण संकट का सामना करने के लिए उन्होंने एक ऐसा विंड टरबाइन बनाया है, जो बिजली और पीने योग्य पानी उत्पन्न कर सकता है।
तेलगांना के आईएएस देवरकोंडा कृष्ण भास्कर, साल 2016 में नवगठित राजन्ना सिरसिल्ला जिला के पहले जिलाधिकारी थे और उनके प्रयासों से क्षेत्र में जलस्तर को 6 मीटर तक बढ़ाने में सफलता मिली।
मुंबई में रहने वाली गार्गी पारखे मूल रूप से एक कॉलेज स्टूडेंट हैं और लॉकडाउन के दौरान उन्होंने जब देखा कि लोग अपने घरों से दूर फंसे हैं और होटल बंद होने की वजह से उन्हें खाना आसानी से नहीं मिल रहा है, तो ऐसी स्थिति में उन्होंने अपनी माँ के साथ मिलकर खाने की होम डिलीवरी सर्विस शुरू कर दी।
मध्य प्रदेश के इंदौर की एक आईएएस अधिकारी ने परियोजनाओं के लिए अर्जित कार्बन क्रेडिट को बेचने के बाद, इससे 50 लाख रुपए का राजस्व हासिल कर, ग्रीन प्रोजेक्ट को मोनेटाइज करने का तरीका खोज लिया है।
ग्लोबल टीचर पुरस्कार से सम्मानित दिसाले साल 2016 में उस वक्त भी सुर्खियों में थे, जब उन्होंने स्कूल की पाठ्यपुस्तकों को लेकर, एक क्यूआर कोड प्रणाली की शुरुआत की थी, जिसे कई राज्यों द्वारा अपनाया गया था।
महीनों के शोध और प्रयोगों के बाद, फैबॉर्ग ने ऊनी कपड़ों के लिए एक विकल्प के तौर पर “वेगनूल” की शुरूआत की। इस रेशे को बनाने में सभी प्रक्रियाएं सस्टेनेबल होती है, यहाँ तक कि इसी रंगाई के लिए पौधों के प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल किया जाता है।