आज के जमाने में हर कोई ब्रांडेड कपड़े, जूते या बैग खरीदना चाहता है। खासकर कि आधुनिक पीढ़ी, जो कॉलेज जाते हैं या जिन्होंने अभी कमाना शुरू किया है। सबकी ख्वाहिश रहती है कि वे एक से बढ़कर एक ब्रांड के कपड़े पहनें। लेकिन जितनी मशहूर और बड़ी ब्रांड, उतनी ज्यादा कीमत और यह कीमत सभी के लिए जुटाना आसान नहीं होता है। इसलिए अक्सर लोग हर महीने कुछ पैसे बचाते हैं ताकि अपनी फेवरेट ब्रांड से शॉपिंग कर सकें। अगर ब्रांडेड न ले सके, तो लोग इनकी फर्स्ट कॉपी या सेकंड कॉपी तलाशने लगते हैं। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे ऑनलाइन स्टोर के बारे में बता रहे हैं, जहां से आप ब्रांडेड कपड़े या बैग लगभग आधी कीमत पर खरीद सकते हैं।
ये ब्रांडेड कपड़े और बैग प्री-ओन्ड फैशन प्रॉडक्ट्स होते हैं। प्री-ओन्ड का मतलब है कि इन चीजों को पहले किसी और ने खरीदा है और कुछ समय इस्तेमाल करके, इन्हें फिर से बेचा जा रहा है। आप इन्हें सेकंड हैंड प्रॉडक्ट्स कह सकते हैं। ये कपड़े और बैग्स भले ही सेकंड हैंड हैं, लेकिन इनकी क्वालिटी चेक के बाद ही इन्हें रिसेल किया जाता है।
भारत में बड़े-बड़े सेलिब्रिटी से लेकर आम लोग तक ब्रांडेड कपड़े पहन रहे हैं। ज़ारा, लुई वितों, जैसी ब्रांड्स के कपड़े अगर एक बार खरीदे जाएं तो सालों-साल चलते हैं। लेकिन इन कपड़ों को दो-चार बार पहनकर ही लोगों का मन भर जाता है और वे कुछ नया तलाशना लगते हैं। क्योंकि आज का जमाना ‘फ़ास्ट फैशन’ का है। ऐसे में सबसे ज्यादा नुकसान हमारे पर्यावरण को हो रहा है। क्योंकि हम जानते हैं कि एक टी-शर्ट या जीन्स को बनाने में ही हजारों लीटर पानी खर्च होता है।
मुंबई में रहनेवाले नोहर नाथ पिछले कई सालों से टेक्सटाइल इंडस्ट्री में काम करते हुए, इन सब बातों पर गौर कर रहे थे। साथ ही, उन्होंने इस बात पर भी ध्यान दिया कि बढ़ते सोशल मीडिया के चलन से आज की पीढ़ी, जिसे ‘जेन ज़ी’ या इंस्टा जनरेशन कहते हैं, उनमें पर्यावरण को लेकर काफी जागरूकता आ रही है। भारत में भी बहुत से लोग यह समझने लगे हैं कि फैशन इंडस्ट्री पर्यावरण के लिए हानिकारक है। इसलिए वे ‘स्लो फैशन’ की तरफ जा रहे हैं। जिसके तहत, अब लोगों को सेकंड हैंड या अपसायकल्ड कपड़े पहनने में शर्मिंदगी नहीं होती है।
इस ट्रेंड को देखते हुए, नोहर ने साल 2018 में Kiabza की शुरुआत की। यह एक ऑनलाइन थ्रिफ्ट स्टोर है, जहां पर आप ‘प्री-ओन्ड फैशन प्रॉडक्ट्स’ बेच सकते हैं और खरीद सकते हैं। वैसे तो पुराने और सही कपड़ों के लिए सबसे बेहतर यही है कि आप किसी जरूरतमंद को दान कर दें। लेकिन अगर आप यह नहीं कर पा रहे हैं, तो इस ऑनलाइन थ्रिफ्ट स्टोर पर अपने पुराने ब्रांडेड कपड़ों को बेचकर कुछ कमाई कर सकते हैं। तो वहीं, बहुत से लोग किफायती दामों पर ब्रांडेड चीजें खरीदकर अपना शौक पूरा कर सकते हैं।
इस तरह करें अपने ब्रांडेड कपड़े रीसेल
नोहर कहते हैं, “मैंने अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद कुछ समय बैंक में काम किया। लेकिन हमारा पैतृक व्यवसाय टेक्सटाइल में है। इसलिए मैंने कई सालों तक रीसायकल और अपसायकल टेक्सटाइल के क्षेत्र में काम किया है। अपने इस पूरे अनुभव के साथ मैंने Kiabza.com लॉन्च किया। ताकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चल रहे ट्रेंड को हम अपने देश में भी बढ़ावा दे सकें। ऐसा नहीं है कि हमसे पहले कोई इस काम को नहीं कर रहा है। आजकल बहुत से थ्रिफ्ट स्टोर मौजूद हैं। लेकिन समस्या यह है कि लोगों के बीच अभी भी सेकंड हैंड कपड़ों या दूसरी चीजों को बेचने या खरीदने का भरोसा नहीं है।”
इसकी वजह शर्म नहीं, बल्कि दूसरे कारण हैं, जैसे कपड़ों या बैग की गुणवत्ता, शेल्फ लाइफ और हाइजीन। सेकंड हैंड चीजों के मामले में कई बार लोगों को फ्रॉड का शिकार होना पड़ता है। जो लोग अपनी चीजें बेचना चाहते हैं, उन्हें सही और पारदर्शी प्लेटफॉर्म नहीं मिलता है। वहीं, जो खरीदना चाहते हैं, उन्हें कई बार सही गुणवत्ता नहीं मिलती है। इसलिए लोग आसानी से सेकंड हैंड चीजें नहीं खरीदते हैं। ऐसे में, कोई उन्हें ऑनलाइन सेकंड हैंड चीजें खरीदने के लिए कहे तो बहुत बड़ी बात है। इसलिए नोहर ने दोनों की प्रक्रियाओं को आसान और बेहतर बनाने पर काम किया।
अगर आपके पास ऐसे ब्रांडेड कपड़े या बैग हैं, जिन्हें आप रीसेल करना चाहते हैं, तो सबसे पहले खुद यह सुनिश्चित करें कि ये चीजें एकदम सही गुणवत्ता की हैं। इसके बाद, Kiabza की वेबसाइट पर जाकर ‘Sell’ पर क्लिक करें। अब जो पेज आएगा, उस पर आप ‘पिक-अप’ रिक्वेस्ट दे सकती हैं। नोहर कहते हैं कि ‘पिक अप’ और डिलीवरी के लिए उन्होंने ऐसी कंपनियों से टाईअप किया है, जो सिर्फ महानगरों में नहीं, बल्कि छोटे शहरों में भी एक्टिव हैं। आपकी पिकअप रिक्वेस्ट के बाद, आपके घर से निशुल्क पिक-अप किया जाता है।
इन कपड़ों को Kiabza के स्टोर पहुंचाया जाता है। जहां क्वालिटी चेक होता है और सब कुछ सही होने पर Kiabza कपड़ों की कीमत तय करता है। जिसे ‘सेलर’ को बताया जाता है और उनकी सहमति के बाद कपड़ों को सैनिटाइज़ करके, इनकी फोटोग्राफी की जाती है। जिसके बाद, तस्वीरों को ऑनलाइन वेबसाइट पर अपलोड किया जाता है। जब आपके कपड़े सेल हो जाते हैं तो आपको तय कीमत के हिसाब से पैसे मिल जाते हैं। साथ ही, अगर कभी कोई कपड़ा क्वालिटी में फेल हो जाता है तो इसे सेलर को वापिस भेज दिया जाता है या उनकी सहमति से सामाजिक संगठनों को दान कर दिया जाता है।
अभिनेत्री ऐश्वर्या सखूजा कहती हैं कि जिस इंडस्ट्री में वह काम करती हैं, वहां न चाहते हुए भी उनके पास ढेरों ब्रांडेड कपड़े, जूते या बैग इकट्ठे हो जाते हैं। “कई बार मुझे बहुत बुरा भी लगता है क्योंकि यह सही प्रैक्टिस नहीं है। इसलिए मैं इस कोशिश में रहती हूं कि कुछ भी खरीदने से पहले सोचा जाए। लेकिन खरीदने के साथ-साथ हमें इस बात पर ध्यान देने की भी जरूरत है कि हम इन चीजों को कैसे डिस्कार्ड कर रहे हैं? इसलिए जब मुझे Kiabza के बारे में पता चला तो बहुत ख़ुशी हुई और पिछले कुछ महीनों में ही मैंने अपने बहुत से ब्रांडेड कपडे उनकी मदद से रीसेल किए हैं,” उन्होंने कहा।
अब तक बचाया 75 लाख लीटर पानी
नोहर कहते हैं कि अब तक 10 हजार लोग उनसे बतौर सेलर और ग्राहक जुड़ चुके हैं। सामान्य लोगों के साथ-साथ उनकी टीम सेलिब्रिटी पर भी फोकस कर रहे हैं। क्योंकि आज की पीढ़ी इन लोगों को फॉलो करती है और उनके ‘प्री-ओन्ड फैशन’ प्रोडक्ट्स को खरीदने के लिए बेताब रहती है। जिस कारण, वह ज्यादा से ज्यादा सेकंड हैंड कपड़े इकट्ठा करके बेच पा रहे हैं। अपने ग्राहकों के लिए भी उन्होंने प्रक्रिया को बहुत ही आसान और पारदर्शी रखा है। उनका कहना है कि मात्र तीन सालों में ही उनकी कंपनी ने चार गुणा ग्रोथ देखी है और इसका कारण है कि उनके सभी प्रोडक्ट्स की गुणवत्ता।
Kiabza से नियमित रूप से ब्रांडेड कपड़े खरीद रहीं देवांशी कहती हैं, “Kiabza न सिर्फ ब्रांडेड फैशन को किफायती बना रहा है बल्कि पर्यावरण से कार्बन फुटप्रिंट को भी कम कर रहा है। और वह भी कपड़ों की गुणवत्ता से कोई भी समझौता किए बिना।” वहीं, उनके एक और ग्राहक, मुस्कान कहती हैं कि वह काफी समय से कपड़ों के मामले में सस्टेनेबल विकल्प तलाश रही थीं। और उन्हें प्री-ओन्ड फैशन के बारे में पता चला। इस पर उन्होंने रिसर्च किया तो Kiabza के बारे में उन्हें जानकारी हुई। मुस्कान ने वेबसाइट से कुछ सेकंड हैंड ब्रांडेड कपड़े ऑर्डर किए और वह इनकी क्वालिटी से बहुत खुश हैं।
नोहर कहते हैं कि बहुत से लोग ‘मिनिमलिज्म’ मतलब कम साधनों में बेहतर जीने के सिद्धांत को अपना रहे हैं। ताकि आने वाली पीढ़ियों को भी शुद्ध पर्यावरण में जीने का मौका मिले। ऐसे में, उनका स्टार्टअप इन लोगों के लिए बहुत ही अच्छा विकल्प बनकर उभर रहा है। उनके मुताबिक, Kiabza के जरिए वह अब तक 30 टन कार्बन फुटप्रिंट और 75 लाख लीटर पानी बचा चुके हैं। आने वाले समय में, उनकी योजना अलग-अलग जगहों पर ऑफलाइन थ्रिफ्ट स्टोर खोलना है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों तक वह पहुंच सकें।
अगर आपके पास भी रखें हैं ऐसे ब्रांडेड कपड़े या बैग, जो एकदम नए जैसे हैं पर आप इन्हें इस्तेमाल नहीं करते। तो आज ही कम करें अपनी अलमारी का बोझ और इन्हें Kiabza पर बेचकर कमाएं अच्छे पैसे। लेकिन पिक-अप सेट करने से पहले आप उनके दिशा-निर्देशों को अच्छी तरह से पढ़ लें ताकि बाद में कोई परेशानी न हो। अधिक जानकारी के लिए आप उनकी वेबसाइट देख सकते हैं।
संपादन- जी एन झा
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