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Home प्रेरणा इस दंपति के लिए 500 मीटर दौड़ना भी था मुश्किल, तीन साल में दौड़ने लगे 50 किमी मैराथॉन

इस दंपति के लिए 500 मीटर दौड़ना भी था मुश्किल, तीन साल में दौड़ने लगे 50 किमी मैराथॉन

चलिए आपको मिलाते हैं, अमर्त्य सिन्हा और उनकी पत्नी नूतन सिन्हा से, आज से तीन साल पहले वे 500 मीटर भी ठीक से दौड़ नहीं पाते थे। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और फिटनेस को अपने जीवन का उदेश्य बना लिया, आज वे 50 किमी की दौड़ पूरी करने वाले अल्ट्रा रनर बन चुके हैं और अपने साथ कई और लोगों को भी प्रेरित कर रहें हैं।

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हाल के दिनों में सभी अपने स्वास्थ्य, खानपान, एक्सरसाइज और फिटनेस पर विशेष ध्यान देने लगे हैं। वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो हर साल फिटनेस के लिए नई-नई योजनाएं तो बनाते हैं, लेकिन कुछ ही दिनों बाद किसी-न-किसी बहाने से अपने पुराने रूटीन में लौट आते हैं। महिलाएं, जहां घर के काम और बच्चों की देखभाल का बहाना बनाती हैं, वहीं पुरुष ऑफिस का काम या सुबह जल्दी न उठ पाने का। कुछ लोग मानते हैं कि अगर सही कोच या ग्रुप हो, तो एक्सरसाइज, रनिंग या और किसी भी एक्टिविटी में उनका ज्यादा मन लगता है और उन्हें एक दूसरे से प्रेरणा भी मिलती है। लेकिन लखनऊ के अमर्त्य सिन्हा और उनकी पत्नी नूतन सिन्हा अपने निजी अनुभव से बताते हैं कि पति और पत्नी एक दूसरे के सबसे अच्छे फिटनेस पार्टनर या कोच बन सकते हैं। 

अमर्त्य, एक IT कंपनी चलाते हैं और उनकी पत्नी नूतन एक गृहिणी हैं। इन दोनों का नाम आज लखनऊ के बेस्ट रनर्स में लिया जाता है। वे तीन साल से नियमित रूप से एक अच्छे रनर की तरह, अपने फिटनेस और खानपान पर विशेष ध्यान दे रहे हैं। लेकिन आज से तीन साल पहले, वे बिलकुल सामान्य जीवन जी रहे थे। उन्हें मैराथॉन, साइकिलिंग या योग की कोई जानकारी नहीं थी।  

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कैसे आया यह बदलाव?

50 वर्षीय अमर्त्य ने द बेटर इंडिया को बताया, "मैं खाने का बेहद शौकीन था। साथ ही मेरा लाइफस्टाइल कुछ ऐसा था कि किसी तरह का कोई एक्सरसाइज या वॉक वगैरह नहीं करने के कारण, मेरा वजन काफी बढ़ गया था। धीरे-धीरे मेरे दोस्तों और परिवारवालों ने मुझे मेरे वजन के कारण टोकना शुरू कर दिया। साल 2018 में मेरा वजन तकरीबन 104 किलो तक पहुंच गया था, जिसकी वजह से मेरा कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर भी बढ़ गया था। तभी मैंने फैसला किया कि मुझे अपने शरीर के प्रति जिम्मेदार बनना ही होगा।" 

उन्होंने फैसला किया कि वह कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर की कोई भी दवाई नहीं लेंगे, बल्कि अपने लाइफस्टाइल में बदलाव करके इन समस्याओं को दूर करेंगे। उनका सबसे पहला मिशन था, अपना वजन घटाना।

वह कहते हैं, “हालांकि मैंने वाकिंग, एक्सरसाइज के साथ खानपान पर भी ध्यान देना शुरू किया, लेकिन मैं किसी भी चीज को नियमित रूप से नहीं करता था, जो मेरी सबसे बड़ी गलती थी।” 

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वहीं, नूतन हमेशा से फिट थीं। उन्होंने अपने पति का साथ देने का फैसला किया। जुलाई 2018 से, इस दंपति ने नियमित रूप से सुबह के कुछ घंटे किसी भी तरह की शारीरिक गतिविधि करने का रूटीन बना लिया। वे दोनों नियमित रूप से, हर रविवार को एक लंबे रन पर जाते। आस पास के गार्डन या घर पर एक्सरसाइज करते। 

46 वर्षीया नूतन बताती हैं, "अक्टूबर 2018 में ही, हमने सबसे पहली बार मैराथॉन में हिस्सा लिया। हमने 10 किमी की दौड़ में भाग लिया था। मुझे तब मैराथॉन के बारे में कोई जानकारी तक नहीं थी। मैंने तो बस अपने पति का साथ देने के लिए दौड़ में हिस्सा लिया था।"

नूतन ने अपने इस पहले ही मैराथॉन में, पोडियम फिनिशर बनकर पहला स्थान भी हासिल किया। जिसके बाद यह दंपति, शहर में आयोजित होनेवाले हर मैराथॉन का हिस्सा बन गयी। 

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लाइफ-पार्टनर से फिटनेस-पार्टनर तक 

नूतन बताती हैं, “पहले घर के काम के कारण, मेरे रूटीन में अनुशासन नहीं रहता था। कभी रात को देर से खाना या टीवी देखना और रविवार को देर से उठने की वजह से अपने लिए समय नहीं निकाल पाती थी। लेकिन जबसे हमने रूटीन में सुबह जल्दी उठकर रनिंग और एक्सरसाइज को शामिल किया है, तब से मैं अपने लिए काफी समय निकाल पाती हूँ। शुरुआत में हम दोनों को परेशानी हुई, लेकिन अब हम रूटीन से सुबह उठ जाते हैं।”

अमर्त्य और नूतन दोनों ने ही, किसी भी एक्सरसाइज ग्रुप या रनिंग और साइकिलिंग क्लब को ज्वाइन नहीं किया है। वह मानते हैं कि पति और पत्नी एक दूसरे की कमजोरियों और खूबियों को अच्छे से जानते हैं, इसलिए वे एक दूसरे के सबसे अच्छे फिटनेस-पार्टनर बन पाते हैं। अमर्त्य बताते हैं, "नूतन मुझसे कहीं ज्यादा अच्छी रनर हैं। वह अपने हर मैराथॉन में अच्छा प्रदर्शन करती हैं। मैं उसे देख कर काफी कुछ सीखता हूँ।"

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नूतन को अब लखनऊ में आयोजित होनेवाले कई मैराथॉन में Pacer रनर और Ambassador के रूप में भी बुलाया जाता है। पिछले तीन साल में, नूतन और अमर्त्य पांच से छह बार 21 किमी का हॉफ मैराथॉन और दो बार 40 किमी फुल मैराथॉन में हिस्सा ले चुके हैं। इसी साल 31 जनवरी को, इस दंपति ने 50 किमी का अल्ट्रा-रन तय समय में पूरा किया और अल्ट्रा रनर बन गए। 

अमर्त्य अलग-अलग शहरों में आयोजित होनेवाले मैराथॉन में भाग लेने भी जाते रहते हैं। उन्हें अब ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल से जुड़ी कोई परेशानी नहीं है। साथ ही, उनका वजन घटकर 87 किलो तक पहुंच गया है।

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अमर्त्य बड़ी ख़ुशी के साथ बताते हैं, "मैंने 2019-20 में PROCAM SLAM का मैडल भी हासिल किया है। PROCAM SLAM में किसी प्रतियोगी को देश के चार शहरों- बेंगलुरु, दिल्ली, कोलकाता, मुंबई में आयोजित 10, 21, 25 और 42 किमी के मैराथॉन को एक तय समय में पूरा करना पड़ता है।"

अमर्त्य के रनिंग टिप्स 

अमर्त्य कहते हैं कि एक अच्छा रनर बनने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है नियमित रहना। वह कहते हैं, “शुरुआत 500 मीटर की रनिंग और 500 मीटर वॉक से करनी चाहिए। साथ ही, रनिंग करते समय एक हार्ट रेट दिखानेवाली घड़ी, अच्छे जूते और अपने आपको हाइड्रेटेड रखना भी जरूरी है। आप नींबू, गुड़ और नमक को मिलाकर एक आसान ड्रिंक तैयार कर सकते हैं।” 

नूतन अपने फेसबुक और इंस्टाग्राम पेज के माध्यम से लोगों को फिटनेस टिप्स देती रहती हैं। वहीं, इस दंपति की RUNBAAZ नाम से एक वेबसाइट भी है, जिसका उदेश्य ज्यादा से ज्यादा लोगों को फिटनेस के लिए प्रेरित करना है। 

आशा है, इनकी कहानी पढ़कर आपको भी प्रेरणा जरूर मिली होगी।  

संपादन- जी एन झा

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