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इस दंपति के लिए 500 मीटर दौड़ना भी था मुश्किल, तीन साल में दौड़ने लगे 50 किमी मैराथॉन

By प्रीति टौंक

चलिए आपको मिलाते हैं, अमर्त्य सिन्हा और उनकी पत्नी नूतन सिन्हा से, आज से तीन साल पहले वे 500 मीटर भी ठीक से दौड़ नहीं पाते थे। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और फिटनेस को अपने जीवन का उदेश्य बना लिया, आज वे 50 किमी की दौड़ पूरी करने वाले अल्ट्रा रनर बन चुके हैं और अपने साथ कई और लोगों को भी प्रेरित कर रहें हैं।

24 घंटे मरीज़ों के लिए खुला रहता है यह क्लिनिक, डॉक्टर की फीस मात्र 10 रुपये

By निशा डागर

ध्र प्रदेश के कडप्पा जिले में 28 वर्षीया डॉ. नूरी परवीन, जरूरतमंद और गरीब लोगों के लिए क्लिनिक चला रही हैं, जहाँ वह मात्र 10 रुपये में मरीज़ों का इलाज करती हैं।

80% भारतीयों में है विटामिन D की कमी, प्रभावित होती है इम्यूनिटी, सूर्य का प्रकाश है जरूरी

By पूजा दास

भारत में, लगभग सभी स्कूली बच्चों, 74% गर्भवती महिलाओं और 67% तक शिशुओं में विटामिन डी की कमी है। हम में से अधिकांश लोग घर के अंदर ही काम कर हैं, जिससे हमारे शरीर को उचित मात्र में यूवीबी किरणें नहीं मिल पाती।

अमेरिका की नौकरी छोड़, किडनी मरीजों को आधे दाम पर डायलिसिस सुविधा दे रहे हैं शशांक

By निशा डागर

मुंबई के शशांक मोधिया ने साल 2019 में अपने स्टार्टअप 'द रीनल प्रोजेक्ट' की शुरुआत की और इसके तहत वह टियर II और टियर III शहरों में रहने वाले 150 किडनी मरीजों को नियमित रूप से किफायती डायलिसिस की सुविधा प्रदान कर रहे हैं।

दिन भर करते हैं नौकरी, शाम को अपनी कमाई के एक हिस्से से चलाते हैं ‘एक रुपया क्लिनिक'

By निशा डागर

संबलपुर, ओडिशा के 38 वर्षीय डॉ. शंकर रामचंदानी ने ‘एक रुपया क्लिनिक' की शुरुआत की है, जहां वह गरीब और जरूरतमंदों का इलाज मात्र एक रूपये में करते हैं।

ठान लो तो असंभव कुछ भी नहीं: 9 महीने में 48 किलो वजन कम कर छत्तीसगढ़ के ASI ने पेश की मिसाल

बढ़ते वजन से परेशान छत्तीसगढ़ के ASI विभव तिवारी ने, सिर्फ नौ महीने में अपना वजन 150 किलो से 102 किलो कर दिखाया (weight loss)।

भारत की वैक्सीन मैत्री पहल, बन रही दुनिया के लिए वरदान

By प्रीति महावर

भारत ‘वैक्सीन मैत्री’ पहल के तहत, लगभग 10 मिलियन टीकों को भेजने वाला है, जिनमें से लगभग 4.9 मिलियन टीके, पड़ोसी देशों जैसे, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, म्यांमार, ब्राजील आदि को, एक उपहार के रूप में भेजे जा चुके हैं।

8 जिले, 17 हेल्थ सेंटर, 24 लाख मरीज़ों का इलाज, एक महिला बदल रही है तस्वीर!

By निशा डागर

रूरल हेल्थ केयर फाउंडेशन के सेंटर्स पर आने वाले मरीज़ों से कंसल्टेशन फीस मात्र 80 रुपये ली जाती है और उन्हें एक हफ्ते की दवाइयां मुफ्त में दी जाती हैं!

हमराही: आदिवासियों के इलाज के लिए झोपड़ी में शुरू किया अस्पताल, 21 साल से कर रहे हैं सेवा!

"इस क्षेत्र में काम करने का सबसे चुनौतीपूर्ण पहलू था उनको विश्वास दिलाना कि मैं सच में एक डॉक्टर हूँ और दूसरा ब्रेन हमरेज के रोगियों का इलाज करना वो भी जगह व बिजली जैसी मूल सुविधा के बिना।"