5 साल का अमित, अपने माता-पिता की आर्थिक मदद करने के लिए गुब्बारे बेचता है। मैकलोडगंज के पास भागसुनाग की सड़कों पर खड़े अमित के पांव में चप्पल नहीं है। लेकिन अपनी और दूसरों की परवाह इतनी कि खुद तो मास्क लगाया ही है, दूसरों से भी मास्क पहनने की अपील कर रहे हैं।
हिमाचल प्रदेश में लाहौल जिले के रहने वाले सुशील कुमार पिछले लगभग डेढ़-दो सालों से अपने व्यापर मंडल में आने वाली सभी दुकानों और ढाबों आदि से प्लास्टिक और काँच के कचरे को लैंडफिल में जाने से रोक रहे हैं!
"14 मार्च, 2015 की सुबह 8:00 बजे करनाल के ट्रॉमा सेंटर से एक पुलिसवाले का फोन आया। पूछा गया कि क्या आप नेहा के पापा बोल रहे हैं? इस पर मैंने कहा 'हाँ', तो वह बोले आपकी बच्ची बुरी तरह घायल है, आप जितना जल्दी हो सके करनाल आ जाइये। यह सुनते ही मैं हक्का-बक्का रह गया।"