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Positive stories of women empowerment, achievements, initiatives, heroes, heroines, farmers, innovations, business and many more from Uttarakhand, India.उत्तर भारत के उत्तराखंड से जुड़ीं पॉजिटिव, सकारात्मक कहानियां, अच्छी ख़बरें, आविष्कार से सम्बंधित ख़बरें, अनजाने नायक जो एक बेहतर कल के लिए प्रयासरत हैं. उत्तराखंड की महिलाओं की कहानियां, जिन्होंने बदलाव की नींव रखी। उत्तराखंड के किसानों को प्रेरित करने वाली प्रगतिशील किसानों की ख़बरें। शून्य से शुरू करके शिखर तक पहुँचने वाले लोगों की कहानियां। छोटे व्यवसाय से अपनी किस्मत बदलने वाले लोगों की प्रेरक कथाएं। \ Positive stories of women empowerment, achievements, initiatives, heroes, heroines, farmers, innovations, business and many more from Uttarakhand, India.

जहां नहीं पहुंच पाता इंटरनेट, वहां इस शिक्षक ने पूरे गाँव को ही बना दिया स्कूल

By द बेटर इंडिया

शहरों में ऑनलाइन क्लासेज के माध्यम से बच्चे फिर भी पढ़ाई कर पाने में सक्षम हैं, लेकिन देश के दूर-दराज़ और विशेषकर पहाड़ी क्षेत्रों के रहने वाले बच्चों को यह सुविधा बहुत अधिक नहीं मिल पाती। ऐसे में उत्तराखंड के कल्याण मनकोटी एक समर्पित शिक्षक के रूप में सामने आए।

IT की नौकरी छोड़ सीखा मशरूम उगाना, आपदा पीड़ित महिलाओं को जोड़, विदेश तक पहुंचाए प्रोडक्ट्स

By प्रीति टौंक

2013 के उत्तराखंड आपदा की वजह से देहरादून की हिरेशा वर्मा के जीवन में भी एक बड़ा बदलाव आया। आपदा में बेसहारा हुई महिलाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए, उन्होंने मशरूम की खेती शुरू की और अपने साथ कई लोगों को ट्रेनिंग दी। आज उनकी कंपनी विदेश तक मशरूम पहुंचा रही है।

छत को कराया वाटरप्रूफ और लगा दिए 100 से भी ज़्यादा फल-सब्जियों के पेड़-पौधे

By निशा डागर

पिछले दो सालों से बागवानी कर रहे डॉ. प्रदीप एक ऑर्थोपेडिक डॉक्टर हैं और अपना खुद का अस्पताल चलाते हैं। उनके घर में 150 से ज्यादा पेड़-पौधे हैं।

खेती से जहां मुश्किल था आमदनी बढ़ाना, आज ईको-टूरिज्म से कमा रहे हैं 50 लाख सालाना

By प्रीति टौंक

उत्तराखंड के जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क के पास बसे क्यारी गांव के दो भाई, शेखर और नवीन उपाध्याय ने अपने दोस्त राजेंद्र सती के साथ मिलकर, ईको-टूरिज्म को बनाया अपने रोजगार का ज़रिया। अपने साथ गांववालों को भी दिलाया काम।

एक घर ऐसा भी: न कोई केमिकल घर आता है, न कोई कचरा बाहर जाता है

By निशा डागर

देहरादून, उत्तराखंड की रहनेवाली, 47 वर्षीया अनीशा मदान पिछले 12-13 सालों से स्वस्थ और इको-फ्रेंडली जीवन जी रही हैं। जानिए कैसे आया यह बदलाव।

शौक बना जुनून और जुनून बन गया करियर! नौकरी छोड़, ट्रैकिंग से लाखों कमा रही हैं यह इंजीनियर

By निशा डागर

उत्तराखंड की 'ट्रैकिंग गर्ल' देवेश्वरी बिष्ट ने अपनी नौकरी छोड़कर, अपना ट्रेवल स्टार्टअप शुरू किया, जिसके जरिए वह देश-दुनिया को पहाड़ों की संस्कृति और खूबसूरती से परिचित करा रही हैं।

10 हजार रुपए से शुरू किया स्टार्टअप, 'पहाड़ी नमक' को पहुँचाया विदेशों तक

By निशा डागर

उत्तराखंड के देहरादून में रहनेवाले हर्षित सहदेव ने 2018 में Himshakti स्टार्टअप की शुरुआत की, जिसके तहत वह न सिर्फ भारत में, बल्कि दूसरे देशों में भी जैविक और प्राकृतिक खाद्य उत्पाद पहुंचा रहे हैं।

शहरी जीवन छोड़ पहाड़ों में बनाई टिकाऊ इमारत, 100 सालों तक चलेगा यह फार्मस्टे

By अर्चना दूबे

दिल्ली के रहनेवाले अनिल चेरुकुपल्ली और उनकी पत्नी अदिति ने शहरी जीवन छोड़, पहाड़ों में एक ऐसा फार्मस्टे बनाया, जिसकी उम्र 100 सालों से भी अधिक है। इसे बनाने में न पेड़ों को काटा गया है और न ही पहाड़ों को।

शहर में रहते थे बीमार, गाँव पहुंचे, पथरीली जमीन पर लगाए 1400 पेड़ और हो गए स्वस्थ

By निशा डागर

उत्तराखंड में रुद्रप्रयाग जिले के सेमलता गाँव के रहने वाले 67 वर्षीय सोबत सिंह बागड़ी रिटायर्ड बैंक मैनेजर हैं और पिछले सात सालों में उन्होंने पथरीली जमीन पर 1400 पेड़-पौधे लगाकर इसे हरा-भरा कर दिया है।

गाँव में शुरू किया अचार, स्क्वाश का Village Business, 800 किसानों से खरीदते हैं फल-सब्जियां

By निशा डागर

मनीष सुन्दरियाल, उत्तराखंड में पौड़ी जिले के धुमाकोट तहसील में डूंगरी गाँव में Village Business, 'सुन्दरियाल प्रोडक्शन' चला रहे हैं।