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Positive stories of women empowerment, achievements, initiatives, heroes, heroines, farmers, innovations, business and many more from Uttarakhand, India.उत्तर भारत के उत्तराखंड से जुड़ीं पॉजिटिव, सकारात्मक कहानियां, अच्छी ख़बरें, आविष्कार से सम्बंधित ख़बरें, अनजाने नायक जो एक बेहतर कल के लिए प्रयासरत हैं. उत्तराखंड की महिलाओं की कहानियां, जिन्होंने बदलाव की नींव रखी। उत्तराखंड के किसानों को प्रेरित करने वाली प्रगतिशील किसानों की ख़बरें। शून्य से शुरू करके शिखर तक पहुँचने वाले लोगों की कहानियां। छोटे व्यवसाय से अपनी किस्मत बदलने वाले लोगों की प्रेरक कथाएं। \ Positive stories of women empowerment, achievements, initiatives, heroes, heroines, farmers, innovations, business and many more from Uttarakhand, India.

बेटे की सोच ने बनाया खेती को ब्रांड, 10 लाख से ज्यादा हुआ टर्नओवर

By निशा डागर

उत्तराखंड के कौसानी में रहने वाले कार्तिक भट्ट और उनके पिता, भुवन मोहन भट्ट, जैविक तरीकों से खेती कर, अपनी उपज 'पहाड़वाला' नाम से, देश के अलग-अलग कोनों में ग्राहकों तक पहुँचा रहे हैं।

पूर्व-आर्मी डॉक्टर ने शुरू किया अभियान, टीम के साथ मिलकर लगाए 60 हजार पेड़-पौधे

By निशा डागर

कैंसर को मात देकर, पूर्व-आर्मी डॉक्टर नितिन पांडे ने अपनी टीम के साथ मिलकर देहरादून में 'सिटीजन्स फॉर ग्रीन दून' की शुरुआत की।

उत्तराखंड: रिटायरमेंट के बाद, कीवी की खेती से बनाई नई पहचान, 10 लाख रुपये कमाई भी

By निशा डागर

उत्तराखंड में बागेश्वर जिले के सामा गाँव में रहने वाले 72 वर्षीय भवान सिंह, कीवी की खेती और नर्सरी तैयार कर रहे हैं, जिससे वह सालाना 10 लाख रुपए से ज्यादा कमाते हैं।

फॉरेस्ट अधिकारी, मेधावी कीर्ति की एक पहल से, 10 गुना बढ़ी ग्रामीण महिलाओं की आय

By निशा डागर

उत्तराखंड में भद्रीगाड रेंज में तैनात वन रेंज अधिकारी मेधावी कीर्ति ने ग्रामीण महिलाओं की ट्रेनिंग और उनके बनाये उत्पादों की मार्केटिंग के लिए 'धात्री' पहल की शुरुआत की। जिसकी मदद से ये महिलाएं, आज एक लाख रुपये तक कमा पा रही हैं।

30 सालों तक लगाते रहे पौधे और जीवित कर दिया गाँव का सूखा झरना

By निशा डागर

उत्तराखंड के बागेश्वर जिले में सिरकोट गाँव के रहने वाले 55 वर्षीय जगदीश चंद्र कुनियाल ने पिछले 30 सालों में लगभग 15000 पेड़-पौधे लगाकर, गाँव के पुराने झरने को एक बार फिर से जीवित कर दिया है।

लाकडाउन में गई नौकरी तो सुनी अपने मन की आवाज, शुरू किया होममेड फूड स्टार्टअप

देहरादून के मोथरोवाला में रहने वाली, मालती हलदार ने लॉकडाउन में अपनी नौकरी खोने के बाद, आपदा को अवसर में बदलते हुए, अपने बचपन के सपने को पूरा करने के लिए, 'Mal_Cui' नाम से अपने एक होम किचन की स्थापना की। अब, वह पांच महिलाओं को रोजगार दे रही हैं।

उत्तराखंड के 78 वर्षीय पूर्व IAF पायलट स्टीव लाल ने दिन-रात संघर्ष कर बचाया 140 एकड़ जंगल

By निशा डागर

उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में 140 एकड़ में फैले अपने 'जिलिंग एस्टेट' की देखभाल के लिए 78 वर्षीय स्टीव लाल, भारतीय वायु सेना की नौकरी छोड़ कर वापस आ गए थे और तब से वह यहां पर लगाए अपने बाग, जंगल और जीव-जंतुओं की देखभाल कर रहे हैं।

मेट्रो शहर छोड़, पहाड़ों में बसा यह दंपति, खर्च हुआ कम और जीवन बना बेहतर

By निशा डागर

लवप्रीत और उनकी पत्नी, प्रीति गुरुग्राम की भागदौड़ भरी जिंदगी को छोड़, उत्तराखंड के रामगढ़ में बस गए। जहां वह खेती करते हुए एक स्वस्थ और खुशहाल जीवन जी रहे हैं तथा अपने अनुभव को, अपने यूट्यब चैनल ‘पंजाबी ट्रेकर’ के जरिए लोगों से साझा कर रहे हैं।

उत्तराखंड किसान: खुबानी, मशरूम की खेती और प्रोसेसिंग से सालाना टर्नओवर हुआ रु. 25 लाख

By निशा डागर

उत्तराखंड के उत्तरकाशी में हिमरोल गाँव के रहने वाले किसान, भरत सिंह राणा, अपनी ब्रांड, 'यमुना वैली प्रोडक्ट्स' के ज़रिए, अपने खेतों में उगने वाले अनाज, दाल, और फलों की प्रोसेसिंग करके, उत्पादों को बाज़ारों तक पहुंचा रहे हैं!

पायलट की ट्रेनिंग लेने के बाद भी बन गए शेफ, अब बॉलीवुड भी है इनके खाने की दीवानी

By निशा डागर

देहरादून के समीर सेवक एक होम-शेफ हैं जो वीकेंड पर टूरिस्ट और अन्य लोगों से आर्डर लेते हैं और जल्द ही, वह अपना किचन भी शुरू करने वाले हैं!