राजस्थान के इलेक्ट्रॉनिक्स इंजिनियर आकाश ने, 50 पैसे प्रति किमी से भी कम में तय की, टाटा नेक्सन इलेक्ट्रिक कार से, जयपुर से लोंगेवाला तक की 1500 किमी की लम्बी राउंड ट्रिप।
अगर होम या इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन का ख्याल आपको वैकेशन पर निकलने से रोक रहा है तो उन मंजिलों के हो जाएं जहाँ न कोविड टेस्ट ज़रूरी है और न क्वारंटाइन।
पातालकोट की जलवायु इतनी सरल और सुगम है कि आपका यहीं बसने का मन करेगा। वनों से आती ठंडी हवाएं, कम धूप आने के कारण ठंडक का बना रहना, खेती के लिए मिट्टी, पहाड़ों की पतली-पतली दरारों से प्राकृतिक रूप से छनकर आता मिनरल वाटर, नजदीक बहती दूधी नदी और क्या चाहिए जिंदगी जीने के लिए!
लद्दाख के सुमदा चेंमो गाँव में जब पारस लूम्बा और उनकी टीम ने बिजली लगाई तो जलते हुए बल्ब को देखकर एक बुजुर्ग की आँखों में आंसू आ गए। उन्होंने कहा, "मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि मेरा घर रात में भी रौशन हो सकता है।"
"महिलाओं को सिर्फ साक्षर होने की ज़रुरत है, स्वावलम्बी तो वह खुद हो जाएंगी। अपनी बेटियों को अकेले यात्रा करना सिखाएं, उनमें इतना साहस आ जाएगा कि वे जीवनभर सर उठाकर जी सकेंगी।" - डॉ. कायनात काज़ी
मारिया ने 'मेक ईट हैप्पन' को हॉबी ट्रैवल क्लब के रूप में शुरू किया था। इसे शुरू करने के पीछे उनका उद्देश्य छुट्टियों के प्रति लोगों का नज़रिया बदलना था।