दिल्ली के रहनेवाले मैकेनिकल इंजीनियर अभिषेक द्विवेदी ने अपनी इलेक्ट्रिक स्कूटर से 400 किमी की दूरी तय की और 17,982 फीट की ऊंचाई पर स्थित खारदुंगला दर्रे पहुंचे। वह लोगों को यह बताना चाहते हैं कि ई-वाहन को किसी नॉर्मल बाइक की तरह ही, एडवेंचर के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है और इसके अलावा भी ईवी के कई फ़ायदे हैं।
दिल्ली के रहनेवाले वेंकटेश और सुभा नारायणं अपने बेहतरीन ट्रेवल वीडियोज़ की वजह से हमेशा सोशल मीडिया में छाए रहते हैं। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि ये दोनों कोई दोस्त नहीं, बल्कि माँ-बेटे की जोड़ी है।
पेशे से आर्किटेक्ट दिल्ली की 27 वर्षीया निहारिका अरोरा बचपन से ही अपने दादा-दादी से बॉर्डर पार के किस्से-कहानियां सुनती आ रही हैं। इसलिए पढ़ाई के बाद, देश की सरहदों को करीब से जानने के लिए वह एक अनोखे सफर पर हैं और ढेरों अनसुनी कहानियों को समटते हुए आगे बढ़ रही हैं।
“ज्यादातर भारतीय माता-पिता सोलो ट्रैवेल का कॉन्सेप्ट नहीं समझते हैं। उन्हें यह अजीब लगता है और एक लड़की होने के नाते सब कुछ और मुश्किल हो जाता है। उन्हें समझाने के लिए मैंने उस यात्रा के हर मिनट की योजना बनाई, जिसमें मेरा रहना, खाना सब शामिल था और फिर अपने माता-पिता को दिखाया। मैंने सोचा था कि इस तरह की योजना मेरे पक्ष में काम करेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।"
मुंबई के 24 वर्षीय रजत शुक्ला एक साल से एक लम्बी ट्रिप पर हैं। इस दौरान वह लोगों से कुछ सीखते हैं और उन्हें कुछ सिखाते हैं। इसी तरह वह अपने रहने -खाने और घूमने का इंतजाम भी करते हैं। पढ़ें उनके इस अनोखे ट्रिप की कहानी।
मिलिए सालों से ऑर्गेनिक खेती से जुड़े अजय बाफना से, जिन्होंने बड़ी बारीकी से कम से कम सीमेंट, प्लास्टिक और केमिकल के इस्तेमाल से 52 महीने में तैयार किया एक बेहतरीन फार्मस्टे।
37 वर्षीय प्रवीण हसोलकर को घूमने का इतना शौक है कि उन्होंने इस साल नौकरी से एक ब्रेक लेकर एक लम्बी यात्रा पर निकल गए। इसके लिए वह अबतक अपनी सेविंग से एक लाख रुपये खर्च करके, 14686 किमी की यात्रा बाइक से पूरी कर चुके हैं।
पेशे से पत्रकार अंकित अरोड़ा साइकिल से पिछले चार साल में भारत के 15 राज्यों की यात्रा की है। इस दौरान वह 600 परिवारों के साथ रहे हैं। यात्रा से मिले अनुभव से अब वह एक सस्टेनेबल गांव का मॉडल बना रहे हैं।