क्यूँ है 'दिनकर' की यह कविता आज भी प्रासंगिक? कौन है ज़िम्मेदार?साहित्य के पन्नो सेBy मानबी कटोच17 Jul 2018 18:12 ISTआज़ादी के सात वर्षो बाद रामधारी सिंह 'दिनकर' की लिखी एक कविता 'समर शेष है' आज भी मानो उतनी ही प्रासंगिक है! ये कविता ' याद दिलाती है कि आज भी दिल्ली में तो रौशनी है पर सकल देश में अँधियारा है!Read More
मनोज बाजपेयी के गर्दिश के दिनों की साथी : रश्मिरथी!शनिवार की चायBy मनीष गुप्ता09 Mar 2018 13:25 ISTManoj Bajpayee recites Rashmirathi to Manish Gupta in Shanivar ki Chai. He said that this poem has helped him in overcoming challenges.Read More
'जाति-जाति' का शोर मचाते केवल कायर, क्रूर : रामधारी सिंह दिनकर को पढ़िए उम्मीद की कविता मेंसाहित्य के पन्नो सेBy विनय कुमार04 Jul 2017 14:50 ISTरामधारी सिंह दिनकर ऐसे कवि रहे जो सरकार के साथ काम करते हुए भी जरूरत के वक़्त जनता के साथ खड़े होकर सरकार का विरोध करते रहे।Read More
आपके पसंदीदा कलाकार पढ़ रहे है आपकी पसंदीदा हिंदी कवितायें 'हिंदी कविता' नामक युट्यूब चैनल पर!हिंदीBy अदिति मिश्रा29 Sep 2016 11:01 ISTमनीष ने हिन्दी कविता को ही अपना काम बना लिया और लोगों तक यह संदेश पहुचाँने के लिए प्रयासरत है कि हिन्दी कविता कितनी शानदार होती है।Read More
रामधारी सिंह दिनकर की कविता - 'समर शेष है' !साहित्य के पन्नो सेBy मानबी कटोच23 Sep 2016 09:14 ISTआज हम आपके लिए रामधारी सिंह दिनकर की एक ऐसी कविता लाये है जो उन्होंने आजादी के ठीक सात वर्ष बाद लिखी थी। कविता का नाम है - 'समर शेष है'।Read More