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महिलाओं के खिलाफ हिंसा और भेदभाव मिटा 19 साल के इस युवा ने कायम की मिसाल, जानिए कैसे!

उत्तर प्रदेश के लखनऊ जिले के हेमी गांव के रहने वाले दीपक के एक रिश्तेदार, शराब पीकर अपनी पत्नी को मारा-पीटा करते थे। लेकिन दीपक के एक प्रयास ने उनके घर की तस्वीर बदल दी।

प्रेरक लाइब्रेरियन: रोज़ 4 किमी पैदल चलकर, गृहिणियों और बुजुर्गों तक पहुंचाती हैं किताबें

By निशा डागर

केरल के वायनाड जिले में रहने वाली 64 वर्षीया राधामणि, ‘प्रतिभा पब्लिक लाइब्रेरी’ नामक एक स्थानीय लाइब्रेरी में काम करती हैं। दिलचस्प बात यह है कि उनका काम लाइब्रेरी में बैठकर लोगों को किताबें देना नहीं है बल्कि वह हर रोज लगभग चार किमी पैदल चलते हुए, घर-घर जाकर लोगों को किताबें देकर आती हैं।

लॉन्च के दिन हुई फाउंडर की मृत्यु, पाँच दोस्तों ने संभाली कमान, आज है लाखों का बिजनेस

दिल्ली में पाँच महिलाओं ने मिलकर ‘काकुल’ नाम से एक ऐसे मंच को शुरू किया, जहाँ न सिर्फ पर्यावरण के अनुकूल और हाथों से बने सौ से अधिक उत्पादों को बेचा जाता है, बल्कि इससे दूसरी महिला उद्यमियों को भी बढ़ावा मिल रहा है। पढ़िये एक प्रेरक कहानी।

लाखों की नौकरी छोड़, किया सैनिटरी पैड बनाने का काम, आदिवासी महिलाओं को दिया सम्मानित जीवन

रांची के रहने वाले वन्या वत्सल और गुंजन गौरव ने अपनी नौकरी छोड़, सेनेटरी पैड बनाने का बिजनेस शुरू किया। इसके तहत उनका उद्देश्य वंचित महिलाओं को एक सम्मानित जीवन और रोजगार का बेहतर साधन देना है।

जहाँ किसानों ने कीवी का नाम तक नहीं सुना था, वहाँ 'कीवी क्वीन' बन कमातीं हैं लाखों!

सीता देवी ने कीवी की खेती करने की ठानी तो उन्हीं के गाँव के कुछ लोग उनके हौसले को तोड़ने की साजिश में जुट गए। कुछ कहते थे कि ऐसी फसल कहां होती है, जिसे जानवर नुकसान न पहुंचाएं और कुछ का कहना था कि कीवी विदेशी फल है, परंपरागत फसलों के क्षेत्र में इसकी पैदावार रंग ही नहीं लाएगी।

'सेहत भी प्रॉफिट भी', 2000 रुपये से शुरू किया बिज़नेस, अब लाखों में है कमाई!

By निशा डागर

6 ग्राहकों से शुरू हुआ उनका व्यवसाय अब पूरे हैदराबाद में फ़ैल रहा है। ऑनलाइन ऑर्डर के साथ-साथ अब उनके तीन आउटलेट भी शहर में हैं!

काथीखेड़ा से लॉस एंजिलस तक, भारत की 'पैड वीमेन' पर बनी फ़िल्म ने जीता ऑस्कर अवॉर्ड!

By निशा डागर

ऑस्कर अवॉर्ड्स की बेस्ट डॉक्युमेंट्री (शोर्ट सब्जेक्ट) कैटेगरी के लिए 'पीरियड. एंड ऑफ़ सेंटेंस' डॉक्युमेंट्री को नामित किया गया है। 'माहवारी' के विषय पर बनी इस डॉक्युमेंट्री की पृष्ठभूमि भारत के उत्तर-प्रदेश में हापुड़ जिले का एक छोटे-सा गाँव काथीखेड़ा है।

वाराणसी : ईंट-भट्ठों के किनारे लगती है पाठशाला, 2000 से भी ज्यादा बच्चों को पढ़ा रहे है युवा!

By निशा डागर

उत्तर-प्रदेश के वाराणसी में युवाओं का एक संगठन ईंट के भट्ठों पर मजदूरी करने वाले बच्चों के जीवन को सँवारने की मुहीम चला रहा है। संगठन का नाम है 'मानव संसाधन एवं महिला विकास संगठन' और इसकी शुरुआत की है डॉ. भानुजा शरण लाल ने। इनके प्रयासों से आज लगभग 1000 बच्चों का स्कूल में दाखिला हो चूका है।

दुर्गा भाभी : जिन्होंने भगत सिंह के साथ मिलकर अंग्रेज़ो को चटाई थी धूल!

By निशा डागर

दूर्गा देवी वोहरा अका दुर्गा भाभी- जिन्होंने खुद गुमनामी की ज़िन्दगी जीकर भी देश को स्वतंत्रता दिलाने के लिए अंग्रेजों की ईंट से ईंट बजा दी थी। दुर्गा देवी ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान न केवल महत्वपूर्ण गतिविधियों को अंजाम दिया बल्कि भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव के जीवन पर भी इनका गहरा प्रभाव रहा।

दिल्ली: देश की पहली अखिल-महिला स्वैट टीम, 36 कमांडो महिला हैं पूर्वोत्तर भारत से!

By निशा डागर

पूर्वोत्तर भारत की 36 महिलाएं दिल्ली में हर संभव खतरे की स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं। राजधानी की पुलिस फाॅर्स देश की पहली फाॅर्स है, जिसमें इस विशेष हथियार और रणनीति टीम (स्वैट) में सभी महिलाएं हैं और गृह मंत्री राजनाथ सिंह औपचारिक रूप से शुक्रवार को इस टीम को प्रतिष्ठित किया।