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लाल बहादुर शास्त्री : भारत के पहले ‘एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर’!

जब भी कहीं लाल बहादुर शास्त्री का नाम सामने आता है तो बहुत-से लोग इनका प्रसिद्ध नारा ‘जय जवान, जय किसान’ को याद करते हैं।

इनके कार्ड की मांग है विदेशों में भी, एक इनोवेटिव आइडिया ने किया कमाल, कार्ड बना रूमाल!

By निशा डागर

पिछले 25 वर्षों से वे पुणे में 'उगम कॉपियर्स' के नाम से फोटोकॉपी और प्रिंटिंग का व्यवसाय चला रहे हैं।

अनार की आधुनिक खेती कर बदली लोगों की सोच, पद्म श्री विजेता है गुजरात का यह दिव्यांग किसान!

गुजरात के बनासकांठा जिले के सरकारी गोलिया गाँव के एक दिव्यांग किसान गेनाभई दर्गाभई पटेल को साल 2017 में पद्म श्री से नवाज़ा गया। गेनाभाई अनार की जैविक और आधुनिक खेती करके आज लाखों में कमा रहे हैं। इतना ही नहीं, उन्होंने और भी किसानों को आधुनिक खेती करने की प्रेरणा दी है।

'नानी तेरी मोरनी' : नागालैंड की म्होंबेनी एज़ुंग की बहादुरी की सच्ची कहानी!

By निशा डागर

nani teri morni गुवाहाटी में आयोजित हुए ब्रह्मपुत्र वैली फिल्म फेस्टिवल में डायरेक्टर अकशादित्या लामा की फिल्म 'नानी तेरी मोरनी'

साल 1999 में बेटा हुआ था कारगिल में शहीद, अब पोती को देखना चाहते हैं आर्मी में!

By निशा डागर

साल 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान मेजर पद्मपानी आचार्य,  सेकंड राजपूताना राइफल्स के कंपनी कमांडर थे। उन्होंने टोलोलिंग चोटी को हासिल करते हुए अपना बलिदान दिया। उन्हें महावीर चक्र से नवाज़ा गया।

यूपी का यह गाँव है देश का पहला डिजिटल 'पिंक विलेज', प्रधान की कोशिशों ने बदली तस्वीर!

By निशा डागर

उत्तर प्रदेश का सबसे पिछड़ा जिला माने जाने वाला सिद्धार्थनगर का एक छोटा-सा गांव हसुड़ी औसानपुर देश का शायद एकमात्र डिजिटल गांव है जिसकी जानकारी जीआईएस (जियोग्राफिकल इनफार्मेशन सिस्टम) सॉफ्टवेयर पर उपलब्ध है। इन सभी सुविधाओं का गांव में उपलब्ध होने का श्रेय जाता है, गांव के प्रधान दिलीप त्रिपाठी को।

प्रधानमंत्री के भाषण से प्रभावित इन दो दोस्तों ने उत्तर प्रदेश के तौधकपुर को बना दिया स्मार्ट गाँव!

By निशा डागर

उत्तर प्रदेश के राय बरेली ज़िले के तौधकपुर गांव को आप भारत का पहला 'स्मार्ट गांव' कह सकते हैं। इस गांव में सीसीटीवी कैमरा, स्ट्रीट लाइट्स, रेगुलर हेल्थ चेकअप, वाई-फाई जोन, 18-20 घंटे बिजली और सार्वजनिक उद्घोषणा सिस्टम भी है। इस गांव की कायाकल्प का श्रेय जाता है दो आईटी प्रोफेशनल, योगेश साहू और रजनीश बाजपई को।

नौकरी नहीं मिली तो बेचे पकौड़े; अब शहर भर में हैं इनके 35 पकौड़ा स्टॉल!

By निशा डागर

वडोदरा के नारायण भाई राजपूत, जो की हिंदी विषय में स्नातकोत्तर हैं, उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पकौड़े बेचने वाले सुझाव को चुनौती की तरह लिया। उन्होंने श्रीराम दालवड़ा सेंटर के नाम से एक स्टॉल की शुरुआत की और आज उनकी शहर में 35 स्टॉल हैं। नारायण भाई एनएसयूआई के तहत कांग्रेसी कार्यकर्ता हैं।