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दिल्ली: इस सिपाही ने अपनी जान पर खेलकर बचायी नहर में डूबते बच्चे की जान!

By निशा डागर

2 फरवरी 2019 को दिल्ली के बवाना नहर में डूब रहे एक बच्चे को दिल्ली पुलिस के एक सिपाही ने अपनी जान पर खेलकर बचाया। ख्याला पुलिस स्टेशन के कोंस्टेबल राजकमल मीणा किसी केस के सिलसिले में यहाँ आये हुए थे और तभी उन्होंने देखा कि एक बच्चा बवाना नहर में गिर गया है। 

दिल्ली पुलिस : इस सिपाही ने यमुना में 400 मीटर तक पीछा कर, पकड़ा मानव तस्करी के आरोपी को!

By निशा डागर

बीते शनिवार, 19 जनवरी 2019 को दिल्ली पुलिस ने देर रात को काफ़ी जद्दोज़हद के बाद मानव तस्करी के एक बड़े अपराधी, लोपसंग लामा को गिरफ्तार किया। लामा मूल रूप से नेपाल से है लेकिन अब उसका परिवार अरुणाचल प्रदेश में रहता है।

दिल्ली : अपनी जान जोखिम में डाल कर, ऑटो चालक ने माँ-बेटे को डूबने से बचाया!

By निशा डागर

दिल्ली के पवन शाह नामक एक ऑटो ड्राईवर ने हाल ही में, एक महिला और उसके एक साल के बेटे को पानी में डूबने से बचाया। हालांकि, इन दोनों की जान बचाने में पवन खुद तेज बहाव के साथ बह गये। दक्षिण-पूर्व दिल्‍ली के डीएसपी ने बताया कि इस नेक काम के लिए उनका नाम जीवन रक्षक अवॉर्ड के लिए नामित किया जाएगा।

दिल्ली पुलिस के इस अफ़सर ने 20 सालों में कोई छुट्टी नहीं ली; रिटायर होने के बाद भी कर रहे है बिना वेतन के नौकरी!

By निशा डागर

दिल्ली पुलिस के रिटायर्ड सब-इंस्पेक्टर बलजीत सिंह राणा (66-वर्षीय) ने पिछले 20 सालों में एक दिन की भी छुट्टी नहीं ली। हरियाणा के कुंडली गांव से ताल्लुक रखने वाले बलजीत ने साल 1972 में अपनी ड्यूटी ज्वाइन की। नौ महीने की ट्रेनिंग के बाद उनकी पहली नियुक्ति राष्ट्रपति भवन के बाहर हुई। 

निर्भया केस: जानिए कैसे सिर्फ 72 घंटों में दिल्ली पुलिस ने सुलझाया था यह केस!

By निशा डागर

16 दिसम्बर 2012 को दिल्ली में हुए निर्भया केस को शायद ही कोई भूल पाए। इस केस में सराहनीय थी दिल्ली पुलिस की भूमिका। दिल्ली पुलिस ने 72 घंटों के अंदर ही सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया था। साथ ही केस के 10 दिनों के अंदर ही उन्होंने चार्ज शीट फाइल कर दी थी। 

सलाम! दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने युवा सहयोगी को बचाने के लिए सीने पर खायी गोली!

By निशा डागर

शनिवार को दिल्ली के छतरपुर में पुलिस और गैंगस्टर के बीच हुई मुठभेड़ में सब-इंस्पेक्टर बिजेन्दर सिंह देशवाल ने अपने 25-वर्षीय सहयोगी, हैड कॉन्सटेबल गुरदीप सिंह को बचाने के लिए अपने सीने पर गोली खायी। इसके अलावा दूसरे सब-इंस्पेक्टर राज सिंह ने अपने हाथ पर गोली लगने के बावजूद अपने सभी साथियों को अस्पताल पहुंचाया।