साल 2015 में UPSC सिविल सेवा परीक्षा में पूरे देश में 93वीं रैंक हासिल करने वाली गंधर्व राठौड़ ने यूपीएससी के इच्छुक उम्मीदवारों के लिए बहुत सी रोचक और व्यवहारिक बातें बताई हैं, जिन्हें पढ़कर आप भी बिना कोचिंग के इस परीक्षा की तैयारी करने का मन बना सकते हैं।
बिहार के अदम्य अदिति गुरुकुल के हजारों छात्रों के लिए, जो सब इंस्पेक्टर, आईएएस, आईपीएस, आईआरएस और सीटीओ अधिकारी बन गए हैं, गुरु रहमान वह शिक्षक जिसने उनकी दुनिया बदल दी। डॉ मोतीर रहमान खान ने 1994 में कोचिंग कक्षाएं शुरू की, क्योंकि उन्हें प्यार हो गया था।
उड़ीसा के भुवनेशवर से ताल्लुक रखने वाले अजय बहादुर सिंह, मेडिकल पढ़ने का ख्वाब रखने वाले बहुत से गरीब बच्चों के लिए उम्मीद की किरण बनकर उभरे हैं। पटना के 'सुपर 30' इंस्टिट्यूट से प्रेरित अजय ने अपनी पहल 'ज़िन्दगी' साल 2010 से शुरू की थी। वे हर साल गरीब तबके के 20 बच्चों को मेडिकल कोचिंग मुहैया कराते हैं।