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अतिरिक्त कमाई के लिए शुरू किया था इडली बनाने का काम, आज है अपनी फूड कंपनी

केरल की फूड एंटरप्रेन्योर रनिता शाबू ने अपने बिजनेस की शुरुआत 2005 में की थी। इसके तहत वह इडली से लेकर, इडियप्पम, वट्टायप्पम, चक्कायदा, चक्का वट्टायप्पम, नय्यप्पम, उन्नीअप्पम, कोज्हुकत्ती और पलाप्पम जैसे दक्षिण भारतीय व्यंजनों को सर्व करती हैं।

“जरूरतमंदों को पैसे देने के बजाय, खाना देना बेहतर…” मिलिए कोच्चि के इस प्रेरक चायवाले से!

केरल के कोच्चि के रहने वाले ओ.ए. नजर और उनके भाई ओ. ए. शमसुद्दीन, अपने पिता के नक्शेकदम पर चलते हुए, हर दिन कम से कम 10 लोगों को खाना खिलाते हैं।

0.25 एकड़ पर करते हैं खेती, मछली और मधुमक्खी पालन भी, 5 साल से नहीं गए बाज़ार

केरल के कोक्कवड गाँव के रहने वाले जोशी मैथ्यूज के पास 0.25 एकड़ जमीन है, जहाँ उन्होंने जैविक खेती और मछली पालन से लेकर मधुमक्खी पालन की सुविधा भी विकसित कर ली है।

एससीपीओ अपर्णा ने जीता सब का दिल; अपने लम्बे घने बालों को कैंसर पेशंट्स के लिए किया डोनेट!

By मानबी कटोच

अक्सर ऐसे लोगों का मज़ाक उड़ाया जाता है या उन्हें कम खूबसूरत होने का ताना दिया जाता है। अपर्णा इस नज़रिए को पूरी तरह बदलना चाहती थीं।

केरल के किसान संगठन को मिला 'द ऑर्गेनिक मेडल ऑफ़ हॉनर' का अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार!

By निशा डागर

Kerala में जैविक किसानों के 25 साल पुराने समूह, केरल जैव कृषक समिति को कृषि के क्षेत्र में नवीनतम कार्य करने के लिए, हाल ही में, अंतर्राष्ट्रीय सम्मान, 'द ऑर्गेनिक मेडल ऑफ़ हॉनर' के लिए चयनित किया गया है। 30 मई को यह सम्मान दिया जायेगा।

पशु-पक्षियों को पानी पिलाने के लिए 6 लाख रूपये खर्च कर, 10, 000 गमले बाँट रहे हैं 70 वर्षीय नारायण

By मानबी कटोच

गर्मी से पशु-पक्षियों को बचाने के लिए उन्होंने इस साल करीब 6 लाख रूपये खर्च कर, 10,000 मिट्टी के गमले बांटने का प्राण लिया है और अब तक 9,000 गमले बाँट भी चुके हैं। उनका मानना है कि अगर हर-एक व्यक्ति इन गमलों में रोज़ पानी भरकर रखेगा तो इन गर्मियों में किसी भी पशु-पक्षी को प्यासा नहीं रहना पड़ेगा।

जानिए उस भारतीय वॉलीबॉल खिलाड़ी के बारे में, जिसके सम्मान में इटली में भी बना स्टेडियम!

By निशा डागर

8 मार्च 1955 को केरल में मालाबार क्षेत्र के पेरावूर में जन्में जिम्मी जॉर्ज भारतीय वॉलीबॉल खिलाड़ी थे। अगर उन्हें इस खेल का 'बादशाह' भी कहा जाये तो गलत नहीं होगा। मात्र 16 साल की उम्र में उन्होंने केरल कि राज्य टीम में जगह बना ली थी। 21 साल की उम्र में अर्जुन अवॉर्ड से नवाज़े जाने वाले वे एकमात्र वॉलीबॉल खिलाड़ी हैं।

विडियो: इस दंपत्ति ने की है 23 देशों की यात्रा, केरल में चलाते हैं चाय की दुकान!

By निशा डागर

केरल के विजयन और उनकी पत्नी मोहना की केरल में एक छोटी सी चाय की दुकान है। इन दोनों के लिए ज़िंदगी का मतलब है दुनिया की यात्रा करना और अपनी हर एक यात्रा के अनुभव से कुछ सीखना। अब तक, इन दोनों ने साथ में 17 देशों की यात्रा की है। अब आनंद महिंद्रा ने उनकी यात्रा स्पोंसर करने की इच्छा जताई है।

इन 10 प्रशासनिक अधिकारीयों ने अपने क्षेत्रों में किये कुछ ऐसे पहल, जिनसे मिली विकास की राह!

By निशा डागर

द बेटर इंडिया हर साल ऐसे 10 प्रशासनिक अधिकारियों (किसी विशेष क्रम में नहीं) के प्रयासों के बारे में पाठकों को बताता है, जिनकी वजह से कई जगह बदलाव आया है। यही अधिकारी हमें आशा की किरण देते हैं कि कुछ अच्छे अफसर एक बड़ा बदलाव ला सकते हैं!

आज़ादी की लड़ाई में बिछड़ी पत्नी से 72 साल बाद मिले 90 वर्षीय स्वतन्त्रता सेनानी; दिल छू जाने वाला था मंज़र!

By निशा डागर

केरल का एक विवाहित जोड़ा, जो कि साल 1946 में किसान आंदोलन के दौरान एक-दुसरे से बिछुड़ गया था; पुरे 72 साल बाद एक-दूजे से मिला। 90 वर्षीय ए. के. नाम्बियार उस समय केरल के गांव कवुम्बई के किसान आंदोलन में भाग लेने के कारण जेल चले गया और उन्हें उनकी पत्नी शारदा (अब 86 वर्षीय) से बिछड़ना पड़ा था।