महाराष्ट्र के पुणे में खेड़ा तालुका के रंमाला गाँव में एक किसान, निलेश शिवाजी शिंदे ने बेजुबान जंगली जानवरों के लिए एक पहल की शुरुआत की है। उन्होंने उनके लिए पानी के टैंक बनाये जहाँ हर दो दिन में पानी भरा जाता है ताकि इन जानवरों की प्यास बुझ सके।
राजस्थान में सीकर जिले के गिरधारीपुरा गाँव के निवासी श्रवण कुमार बाज्या को हाल ही में नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन- इंडिया द्वारा सम्मानित किया है। उन्हें यह सम्मान उनके द्वारा बनाई गयी एक मशीन 'अनियन हार्वेस्टर' के लिए मिला है।
मुस्लमानों के रहबर-ए-आज़म और हिन्दुओं के दीनबंधु सर छोटूराम का जन्म 24 नवम्बर 1881 में झज्जर के छोटे से गांव गढ़ी सांपला में बहुत ही साधारण किसान परिवार में हुआ। उन्होंने वकालत की डीग्री ली। ताउम्र उन्होंने किसानों और गरीबों के लिए काम किया। 9 जनवरी 1945 को उनका निधन हुआ।
मुंबई के भिवांडी में एक पैपरफ्राई फैक्ट्री में काम करने वाला एक सेवा अधिकारी अपने पिता के सपनों को हर हाल में पूरा कर रहा है। नौकरी के साथ-साथ पढाई करना और अपने घर को चलाने में मदद करने वाले इस युवा के हौंसले को सलाम!
राजस्थान के सीकर जिले से ताल्लुक रखने वाले जगदीश प्रसाद पारीक साल 1970 से खेती कर रहे हैं। पारम्परिक खेती के अलावा वे अपने दो हेक्टेयर खेत में अनार, निम्बू, वुड एप्पल, और गुलाब के साथ-साथ फूलगोभी भी उगाते हैं। उनकी गोभी की खेती के लिए उनका नाम लिम्का बुक ऑफ़ रिकार्ड्स में शामिल किया गया है।
महाराष्ट्र के सांगली जिले में अष्टा गाँव के डॉ अंकुश चोरमुले अपनी पहल 'होय आम्ही शेतकरी' के जरिये लाखों किसानों से जुड़कर उनकी मदद कर रहे हैं। वे व्हाट्सअप ग्रुप और फेसबुक पेज के माध्यम से किसानों के लिए लाइव विडियो करते हैं। उन्होंने फसलों के लिए हानिकारक फॉल आर्मी वॉर्म पर अपनी रिपोर्ट दी है।
राजस्थान के बांसवाड़ा जिले के एक छोटे से गांव सावनिया से ताल्लुक रखने वाले 45 वर्षीय किसान मणिलाल राणा ने अपने गांव में 35 दिनों के अंदर लगभग 780 शौचालय बनवाये हैं। जिसके चलते मणिलाल स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत अपने गांव के स्वच्छगृही बन गए हैं।
हरियाणा के जींद जिले के संगतपुरा गांव में जन्मे नीरज ढांडा किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं। कंप्यूटर इंजीनियर की डिग्री लेने के बाद नीरज ने अच्छी कंपनी में काम किया। लेकिन साल 2004 में नीरज ने अपनी अच्छी-खासी नौकरी छोड़कर पूरी तरह से खेती करने का निश्चय किया। अब वे 'जंबो' अमरुद की खेती से लाखों में कमा रहे है।
उत्तर-प्रदेश के मेरठ निवासी रोहन प्रकाश भारत के किसी अन्य उद्यमी युवा की तरह है। रोहन उत्तर प्रदेश के एकमात्र किसान हैं जो आर्गेनिक आमों की खेती करते हैं। पिछले तीन सालों में उनके फार्म ने उत्तर भारत के सभी बाज़ारों में अपनी जगह बना ली है। वे अपने फल 'स्योर ऑर्गॅनिक्स' ब्रांड नाम के साथ बेचते हैं।