'जाति-जाति' का शोर मचाते केवल कायर, क्रूर : रामधारी सिंह दिनकर को पढ़िए उम्मीद की कविता मेंसाहित्य के पन्नो सेBy विनय कुमार04 Jul 2017 14:50 ISTरामधारी सिंह दिनकर ऐसे कवि रहे जो सरकार के साथ काम करते हुए भी जरूरत के वक़्त जनता के साथ खड़े होकर सरकार का विरोध करते रहे।Read More
रामधारी सिंह दिनकर की कविता - 'समर शेष है' !साहित्य के पन्नो सेBy मानबी कटोच23 Sep 2016 09:14 ISTआज हम आपके लिए रामधारी सिंह दिनकर की एक ऐसी कविता लाये है जो उन्होंने आजादी के ठीक सात वर्ष बाद लिखी थी। कविता का नाम है - 'समर शेष है'।Read More
पुस्तक समीक्षा : केदारनाथ सिंह की कविता संग्रह ‘अकाल में सारस’!साहित्य के पन्नो सेBy पियूष रंजन परमार17 Sep 2016 19:54 ISTकेदार जी के लिए दुःख शिकायत की बजाय जागृति पैदा करता है। इस जागृति में स्वप्न की बजाय यथार्थ उनका अधिक साथ देता है। 'अकाल में सारस' उम्मीद की कविताएँ हैं।Read More
बेटियों को समर्पित प्रसून जोशी की नयी कविता, जो आपसे पूछ रही है, "शर्म आ रही है ना?"प्रेरक महिलाएंBy मानबी कटोच23 Aug 2016 13:08 ISTरिओ में देश का नाम ऊँचा करने के बाद सब लड़कियों पर गर्व कर रहे है. पर प्रसून जोशी की कविता, 'शर्म आ रही है ना' आपको पीछे मुडके देखने पर मजबूर कर देगीRead More