Powered by

Latest Stories

HomeTags List कलाकार

कलाकार

छत्तीसगढ़: कुम्हार ने बनाया 24 घंटे तक लगातार जलने वाला दिया, पूरे देश से आयी मांग

छत्तीसगढ़ के अशोक चक्रधारी के बनाये इस जादुई दिये में तेल सूखने के बाद अपने आप तेल भर जाता है और वह दिया निरंतर जलता रहता है।

कोलकाता के इस पूजा पंडाल में प्रवासी मज़दूर माँ को समर्पित है इस बार माँ दुर्गा की मूर्ती

By द बेटर इंडिया

कोरोना महामारी के दौरान प्रवासी मज़दूरों ने विषम परिस्थितियों में भी जिस तरह हिम्मत दिखाई, उसे सलाम करते हुए कोलकाता के बारिशा क्लब दुर्गा पूजा समिति ने इस बार माँ दुर्गा की मूर्ती को एक प्रवासी मज़दूर माँ का रूप दिया है।

भूरी बाई: जिस भारत-भवन के निर्माण में की दिहाड़ी-मजदूरी, वहीं पर बनीं मशहूर चित्रकार!

By निशा डागर

मध्य-प्रदेश जनजातीय संग्राहलय में कलाकार के पद पर काम करने वाली भील चित्रकर भूरीबाई बरिया आज कला और संस्कृति जगह का प्रसिद्द नाम है। उनकी बनाई पेंटिंग्स मध्य-प्रदेश के संग्रहालय से लेकर अमेरिका तक अपनी छाप छोड़ चुकी हैं। वे भील आदिवासी समुदाय से संबंध रखती हैं और आज अपनी 'पिथोरा चित्रकला' को आगे बढ़ा रही हैं। क

मधुबाला : सिर्फ़ 36 साल की ज़िंदगी की वो सुनहरी यादें!

By सुकांत सुमन

14 फरवरी को हिंदी सिनेमा की सबसे बेहतरीन अभिनेत्री मधुबाला का जन्मदिन भी होता है। वह हीरोइन, जो न केवल अपनी खूबसूरती, बल्कि परदे पर अपनी अविश्वसनीय अदाकारी और प्रभावशाली अभिनय के कारण हिंदी सिनेमा की आइकन मानी जाती है।

कादर ख़ान: क़ब्रिस्तान में डायलॉग प्रैक्टिस करने से लेकर हिंदी सिनेमा के दिग्गज कलाकार बनने तक का सफर!

By निशा डागर

31 दिसंबर 2018 को लम्बे समय से बीमार चल रहे हिंदी सिनेमा जगत के दिग्गज कलाकार और पटकथा लेखक, कादर ख़ान का निधन हो गया। काफ़ी अरसे से उनका इलाज़ कनाड़ा के एक अस्पताल में चल रहा था। उनके निधन की खबर से पूरी फ़िल्म इंडस्ट्री शोक-ग्रस्त है। महानायक अमिताभ बच्चन से लेकर कॉमेडी किंग गोविंदा ने उनकी मृत्यु पर शोक जाहिर किया।

अमृता शेरगिल: भारत की पहली बोल्ड, बेबाक और सबसे महँगी पेंटर!

By निशा डागर

अमृता शेरगिल का जन्म 1913 में बुडापेस्ट, हंगरी में हुआ। उनके पिता उमराव सिंह शेरगिल मजीठिया संस्कृत और पारसी के विद्वान व्यक्ति थे। साल 1921 में भारत आयीं। भारत की पहली बोल्ड, बेबाक, जानदार और सबसे महंगी पेंटर थी अमृता शेरगिल। उनकी पेंटिंग में भारत और यूरोप, दोनों जगह की छवि दिखती है।

इन युवाओं की थिएटर को करियर विकल्प के तौर पर आम जन से जोड़ने की पहल अब रंग ला रही है!

By निशा डागर

23 वर्षीय राजीव ने साल 2014 में अपने एक दोस्त मदन मोहन आर्य के साथ मिलकर पटना में 'इंडीपेन्डेन्ट थिएटर' यानि कि 'स्वतंत्र रंगमंच' की शुरुआत की। इंडीपेन्डेन्ट थिएटर कोई संस्था या समूह नहीं है बल्कि इंडीपेन्डेन्ट थिएटर एक जरिया है किसी भी कलाकार के लिए जो अपनी कला लोगों को प्रदर्शित करना चाहता है।