अनूप और जैस्मीन वीकेंड में ऑफिस के बाद 13-14 घंटे ड्राइव कर के गुनेहर गाँव तक जाते हैं। वहाँ वे बच्चों को हर वो चीज़ सिखाने की कोशिश करते हैं जो शहर के बच्चे सीखते हैं जैसे एक्टिंग, म्यूज़िक, आर्ट आदि।
23 वर्षीय राजीव ने साल 2014 में अपने एक दोस्त मदन मोहन आर्य के साथ मिलकर पटना में 'इंडीपेन्डेन्ट थिएटर' यानि कि 'स्वतंत्र रंगमंच' की शुरुआत की। इंडीपेन्डेन्ट थिएटर कोई संस्था या समूह नहीं है बल्कि इंडीपेन्डेन्ट थिएटर एक जरिया है किसी भी कलाकार के लिए जो अपनी कला लोगों को प्रदर्शित करना चाहता है।
बैंगलोर की सुभाषिनी चंद्रमणी, जो न केवल चित्रकार, कवियत्री बल्कि एक फोटोग्राफर भी हैं। प्रकृति और फोटोग्राफी के जरिये वे कला को नई पहचान दे रहीं हैं। आप उनके काम के लिए उनकी 'गार्डन आर्ट' सीरीज देख सकते हैं।