राष्ट्रीय जैविक खेती केंद्र द्वारा तैयार किये गये वेस्ट डीकम्पोज़र से किसानों को बहुत फायदा मिल रहा है। इसकी मदद से किसान खेतों की उर्वरकता बढ़ा सकते हैं और साथ ही, इसे किचन आदि से निकलने वाले कचरे में मिलाकर जैविक खाद तैयार कर सकते हैं। वेस्ट डीकम्पोज़र की शीशी आपको मात्र 20 रूपये में मिल जाएगी।
उत्तर-प्रदेश के नोयडा जिले में सेक्टर-76 की आम्रपाली प्रिंसले सोसाइटी में रहने वाले बड़े-बुजुर्ग यानी कि सीनियर सिटिज़न का एक समूह रोज सुबह सोसायटी के बाहर पोस्टर लेकर खड़ा हो जाता है। इन पोस्टर पर यातायात सम्बंधित नियम व कानून लिखे होते हैं।
उत्तर-प्रदेश के वाराणसी में युवाओं का एक संगठन ईंट के भट्ठों पर मजदूरी करने वाले बच्चों के जीवन को सँवारने की मुहीम चला रहा है। संगठन का नाम है 'मानव संसाधन एवं महिला विकास संगठन' और इसकी शुरुआत की है डॉ. भानुजा शरण लाल ने। इनके प्रयासों से आज लगभग 1000 बच्चों का स्कूल में दाखिला हो चूका है।
13 दिसंबर 2001 को भारतीय संसद पर आतंकी हमला हुआ था। इस हमले में पांच आतंकवादी मारे गये और दिल्ली पुलिस के छह अफसर, संसद में तैनात दो सुरक्षा अधिकारी और एक माली भी शहीद हुए। इन शहीद हुए लोगों में एक कॉन्सटेबल कमलेश कुमारी भी थीं, जो आज इकलौती महिला कॉन्सटेबल हैं जिन्हें अशोक चक्र से नवाजा गया।
आप उत्तर-प्रदेश के बहराइच जिले के बेगमपुर सरकारी प्राथमिक स्कूल में आप जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) माला श्रीवास्तव को बच्चों को पढ़ाते हुए पायेंगें। उन्होंने जिले में 'विद्या दान, एक आदर्श दान' जैसी पहल भी की है।इस पहल से पिछले महीने में लगभग 700 लोग जुड़े हैं।
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के क्रांतिकारी पंडित गेंदालाल दीक्षित का जन्म 30 नवम्बर 1888 को उत्तर-प्रदेश के आगरा जिले के एक मई गाँव में हुआ। उन्होंने राम प्रसाद बिस्मिल के साथ मिलकर मैनपुरी षड्यंत्र को अंजाम दिया। टीबी रोग के चलते उन्होंने 21 दिसंबर 1920 को प्राण त्याग दिए।
उत्तर प्रदेश के अवध के फैज़ाबाद में 7 अक्टूबर 1914 को जन्मीं बेगम अख्तर का नाम अख़्तरी बाई फ़ैज़ाबादी था। अख़्तरी की माँ मुश्तरी बाई एक तवायफ़ थीं और उनके पिता अश्गर हुसैन एक वकील थे। उन्होंने अलग-अलग उस्तादों से संगीत की शिक्षा ली और मल्लिका-ऐ-ग़ज़ल होने का सम्मान पाया।
15 अगस्त 1911 को उत्तर प्रदेश के बदायूं में जन्मी इस्मत चुग़ताई उर्दू साहित्य की महान लेखिका थीं। उनके द्वारा लिखे गये अफ़साने और कहानियों को आज भी पढ़ा जाता है। उनकी कहानी 'लिहाफ' को लेकर पुरे देश में बवाल मच गया था। फिर भी उनकी लेखनी का बेबाकपन कम न हुआ। 24 अक्टूबर 1991 में उन्होंने दुनिया से विदा ली।
अशफाक उल्ला खान 22 अक्टूबर 1900 को ब्रिटिश भारत के उत्तर प्रदेश के जिले शाहजहांपुर में पैदा हुए थे। किशोरावस्था से ही उन्हें उनकी शायरी के चलते लोग पहचानने लगे थे। वे 'हसरत' उपनाम के साथ अपनी शायरी लिखते थे। वे काकोरी कांड के मुख्य क्रांतिकारी थे। उनकी और रामप्रसाद बिस्मिल की दोस्ती जग-जाहिर थी।