उत्तर प्रदेश के अब्दुल करीम को बचपन से ही पारंपरिक पढ़ाई पसंद नहीं थी। अब, उन्होंने ऐसे डिवाइस बनाए हैं, जिनसे गाँववालों की ज़िंदगी बहुत आसान हो गई है।
उत्तर प्रदेश में जौनपुर के रहनेवाले, 62 वर्षीय रामचंद्र दूबे पहले ऑटो चलाया करते थे, लेकिन पिछले चार सालों से वह किसानों से मशरूम खरीदकर उनसे खाने की चीज़ें बनाते हैं और लाखों का मुनाफा हैं।
उत्तर प्रदेश के रहनेवाले कमर्शियल पायलट रजत जैसवाल और अपनी कंस्ट्रक्शन कंपनी चलाने वाले उनके दोस्त, फरमान बेग ने 2016 में 'Wat-a-Burger' ब्रांड की शुरुआत की थी, जिसके आउटलेट आज 11 राज्यों के 16 शहरों में हैं।
वाराणसी की शिखा शाह, पुरानी-बेकार चीजों से नयी और खूबसूरत चीजें बनाकर scrap business, Scrapshala चला रही हैं,, जिससे उनकी हर साल, 10 लाख रुपये की आमदनी हो रही है।
गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश की रहने वाली शालिनी गर्ग, नौकरी के साथ-साथ, पिछले दस सालों से गार्डनिंग भी कर रही हैं। आज उनके टेरेस गार्डन में 300 से ज्यादा पेड़-पौधे हैं।
लखनऊ, उत्तर प्रदेश के रहने वाले 29 वर्षीय मिलिंद राज को पूर्व राष्ट्रपति डॉ. कलाम ने 'ड्रोन मैन ऑफ़ इंडिया' का नाम दिया था। उन्होंने अब तक कई ड्रोन और रोबॉट बनाये हैं।
विट्टलपुर, उत्तर-प्रदेश की रहने वाली सफल महिला किसान, कनक लता, टमाटर की दो किस्म- दुर्ग और आर्यमन की खेती कर रहीं हैं, जो अब स्थानीय लोगों के साथ-साथ विदेशों तक भी पहुँच रहे हैं।
मेरठ की सना खान ने ‘एसजे ऑर्गेनिक्स’ वर्मीकंपोस्टिंग कंपनी तब शुरू की थी जब वह बी.टेक के चौथे वर्ष में थीं। आज सना की कंपनी न केवल सालाना एक करोड़ रुपये कमाती है बल्कि 30 से ज़्यादा लोगों को रोज़गार भी देती है।