महाराष्ट्र के नंदुरबार जिले के IAS ऑफिसर डॉ. राजेंद्र भारूड़ ने कोरोना की दूसरी लहर के बीच पर्याप्त ऑक्सीजन सप्लाई, बेड, एक नियोजित टीकाकरण अभियान और व्यवस्थित तैयारी के साथ, जिले को बचाये रखने में कामयाबी हासिल की है।
आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम में रहने वाली, अनुराधा पेरला ने अपने घर पर तो 1000 से ज्यादा पेड़-पौधे लगाए ही हैं, साथ ही, उन्होंने एक अस्पताल में भी सब्ज़ियां उगाई हैं, जिनसे मरीजों के साथ आये परिजनों के लिए भी खाना बनाया जाता है।
ध्र प्रदेश के कडप्पा जिले में 28 वर्षीया डॉ. नूरी परवीन, जरूरतमंद और गरीब लोगों के लिए क्लिनिक चला रही हैं, जहाँ वह मात्र 10 रुपये में मरीज़ों का इलाज करती हैं।
Bengaluru के 29 वर्षीय ऑटो ड्राईवर बाबु मुद्द्रप्पा ने बिना किसी स्वार्थ के एक गर्भवती महिला को अस्पताल पहुँचाया और सभी बिल भी भरे। जब वह महिला अपनी नवजात बच्ची को छोड़कर भाग गयी तो पूरे 18 दिनों तक बाबु ने उस बच्ची देखभाल की।
8 फरवरी 2019 को उत्तर-कश्मीर के बांदीपुर जिले में भारतीय सेना ने एक गर्भवती महिला को भारी बर्फ़बारी के बीच उसे अस्पताल पहुँचाया। वे उसे ढाई किलोमीटर तक स्ट्रेचर पर उठाकर लेकर गये और वहाँ से उसे अस्पताल पहुँचाया गया। यहाँ महिला ने जुड़वाँ बच्चियों को जन्म दिया।
महाराष्ट्र के पुणे के नवशक्ति मित्र मंडल ने गणेश-चतुर्थी के महोत्सव के लिए जुटाया हुआ पैसा एक 22 साल के अनाथ लड़के के इलाज़ के लिए दान कर दिया है। इस बार मंडल ने तय किया है कि पिछले साल की तुलना में वे केवल 20% ही उत्सव पर खर्च करेंगें और बाकी, अस्पताल में लड़के के इलाज़ के लिए देंगें।