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चाय की जैविक खेती से हर साल 60-70 लाख रूपये कमा रहा है असम का यह किसान!

असम के रहने वाले तेनज़िंग बोडोसा चाय कि जैविक खेती करते हैं। सिर्फ़ चाय की खेती से उनकी सालाना कमाई 60-70 लाख रूपये है। चाय के अलावा वे फल-सब्ज़ियाँ और धान भी उगाते हैं। तेनज़िंग की चाय आज कनाडा, यूके, युएस जैसे देशों में भी मशहूर है।

असम: स्वर्गीय पिता की याद में 13 लाख खर्च कर कच्चे रास्ते को बदला 'विश्व स्तरीय सड़क' में!

By निशा डागर

असम के डिब्रूगढ़ की एक सड़क पर आप चलेंगे तो लगेगा कि आप कहीं विदेश में हैं। इस सड़क का नाम है हेरम्बा बारदोलोई पथ! इस सड़क का निर्माण करवाया है गौतम बारदोलोई ने और इस सड़क का नाम उनके पिता हेरम्बा बारदोलोई के नाम पर है। हेरम्बा एक सामाजिक कार्यकर्ता थे।

'नानी तेरी मोरनी' : नागालैंड की म्होंबेनी एज़ुंग की बहादुरी की सच्ची कहानी!

By निशा डागर

nani teri morni गुवाहाटी में आयोजित हुए ब्रह्मपुत्र वैली फिल्म फेस्टिवल में डायरेक्टर अकशादित्या लामा की फिल्म 'नानी तेरी मोरनी'

#KBC : बिनीता जैन ने जीते 1 करोड़; 15 साल पहले लापता हुए पति का आज भी है इंतजार!

By निशा डागर

असम की बिनीता जैन ने हाल ही में कौन बनेगा करोड़पति 10 शो में एक करोड़ रूपये जीते हैं। 15 साल पहले हुई एक घटना ने बिनीता की ज़िन्दगी को पूरी तरह से बदल दिया। शो के दौरान बिनीता ने बताया कि कैसे उसके पति को आतंकवादियों ने किडनैप कर लिया था और फिर वह कभी लौटकर नहीं आया। 

असम नाव हादसा: 11 साल के लड़के ने नदी में लगाई 3 छलांग, अपनी माँ और आंटी को बचाया!

By निशा डागर

बुधवार को असम के उत्तरी गुवाहाटी में एक नाव ब्रह्मपुत्र नदी में डूब गई थी। हादसे के समय नाव में 40 लोग सवार थे। इन्हीं लोगों में कमल, उसकी माँ और आंटी भी थे। 11 साल के इस कमल किशोर दास ने अपनी मां और आंटी को बचाने के लिए ब्रह्मपुत्र नदी में तीन बार छलांग लगाई और 20 मिनट में दोनों को बचा लिया।

दिल्ली: देश की पहली अखिल-महिला स्वैट टीम, 36 कमांडो महिला हैं पूर्वोत्तर भारत से!

By निशा डागर

पूर्वोत्तर भारत की 36 महिलाएं दिल्ली में हर संभव खतरे की स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं। राजधानी की पुलिस फाॅर्स देश की पहली फाॅर्स है, जिसमें इस विशेष हथियार और रणनीति टीम (स्वैट) में सभी महिलाएं हैं और गृह मंत्री राजनाथ सिंह औपचारिक रूप से शुक्रवार को इस टीम को प्रतिष्ठित किया।

जानिये असम में उगाये जाने वाले इस चावल के बारे में, जिसे आप बिना पकाए खा सकते हैं!

By निशा डागर

स्वदेशी बोका चाउल/चावल (ओरीजा सातिवा) या असमिया मुलायम चावल, असम की नयी प्राकृतिक उपज है जिसे जीआई (भौगोलिक संकेत) टैग के साथ पंजीकृत किया गया है। इस चावल की खेती ज्यादातर असम के नलबारी, बारपेटा, गोलपाड़ा, बक्सा, कामरूप, धुबरी, कोकराझर और दररंग जिलों में की जाती है।

89 साल की उम्र में शुरू किया नया व्ययसाय; पुरानी साड़ियों को नया रूप देकर मिली शोहरत!

By निशा डागर

असम के धुबरी में पैदा हुई लतिका की शादी कृष्ण लाल चक्रबर्ती से हुई। कृष्ण लाल सर्वे ऑफ़ इंडिया में एक सर्वेक्षक थे। इसके अलावा लतिका के बेटे कप्तान राज चक्रबर्ती भारतीय नेवी में अफसर हैं। आज वे 89 साल की उम्र में अपनी पुराणी साड़ी व कुर्ते आदि से हैंडबैग व पोटली बनाकर ऑनलाइन बेच रही हैं।

विश्व स्तर पर स्वर्ण पदक जीतने वाली हिमा दास के लिए फ़िनलैंड में रहनेवाले भारतियों ने मिलकर भेजे 1 लाख रूपये!

By निशा डागर

असम में ढिंग से ताल्लुक रखने वाली 18 वर्षीय हिमा दास एक किसान की बेटी हैं। उसने आईएएएफ वर्ल्ड जूनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में टेम्पेरे में 400 मीटर की दौड़ में स्वर्ण पदक जीतकर नया रिकॉर्ड बनाया है। फ़िनलैंड में रहने वाले भारतीयों ने हिमा के लिए 1 लाख रूपये इकट्ठे कर उनके अकाउंट में जमा कराये।

कश्मीर से लेकर असम तक; जानिये भारतीय वेशभूषा के विविध रंग!

By निशा डागर

19 जून को हर साल विश्व भर में 'वर्ल्ड एथनिक डे' मनाया जाता है। भारत में आपको बहुत तरह की वेश-भूषा देखने को मिलेगी। यहां पर कपडे न केवल राज्य स्तर पर बल्कि एक ही राज्य में धार्मिक, जातीय, व सामुदायिक स्तर पर भी अलग-अलग होते हैं।