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असम: खराब रेडियो ठीक करते-करते बन गए इनोवेटर, मिला राष्ट्रीय पुरस्कार

By निशा डागर

असम के धेमाजी में रहने वाले नबजीत भराली ने जरूरतमंदों व दिव्यांगजनों के लिए कई ज़रूरी आविष्कार किए हैं, जिसके लिए उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिल चुका है।

Grow Roses: इन आसान तरीकों से उगाएं, रंग-बिरंगे गुलाब, महक उठेगा आपका घर-आँगन

By पूजा दास

30 साल से भी ज़्यादा समय से गार्डनिंग कर रहीं, नयन मोनी हज़ारिका ने अपने बगीचे में 50 किस्म की फल-सब्जियों के अलावा, छह से आठ किस्मों के गुलाब भी उगाएं हैं। आज उनसे सीखिए, घर पर गमलों में गुलाब उगाने के कुछ आसान टिप्स।

असम: नौवीं पास शख्स ने किसानों के लिए बनाई, कम लागत की 15 से ज्यादा फूड प्रोसेसिंग मशीनें

By निशा डागर

डिब्रूगढ़, असम के रहने वाले 56 वर्षीय चाय किसान, दुर्लभ गोगोई ने 15 से ज्यादा फूड प्रोसेसिंग मशीनें बनाई हैं। जिनमें चाय, धान, हल्दी, अगर और अदरक जैसी फसलों को प्रोसेस करने वाली मशीनें शामिल हैं।

महिला IAS ऑफिसर की पहल, असम में पुरानी और बेकार 8000 प्लास्टिक की बोतलों से बनाया शौचालय

By निशा डागर

IAS डॉ. लक्ष्मी प्रिया एम एस के निर्देशन में असम के बोंगाईगांव जिले में, पर्यावरण के अनुकूल कई योजनाओं पर काम किया जा रहा है, जैसे- सौर स्ट्रीट लाइट लगाना, कचरे का प्रबंधन आदि। इसके साथ ही, उन्होंने 8000 बेकार प्लास्टिक की बोतलों से, एक सार्वजनिक शौचालय का निर्माण भी कराया है।

रानी गाइदिन्ल्यू: 17 साल की उम्र में हुई थी जेल, आज़ादी के बाद ही मिली रिहाई

By निशा डागर

रानी गाइदिन्ल्यू, एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थीं, जिन्होंने मात्र 13 साल की उम्र में ब्रिटिश सरकार और उनकी नीतियों के विरुद्ध अभियान चलाया था और अपनी क्रांति के लिए 14 साल तक कारावास में भी रहीं।

23 वर्षों से दुनिया के सबसे छोटे सुअर को बचाने के लिए संघर्षरत हैं असम के यह शख्स!

पिग्मी हॉग दुनिया का सबसे छोटा और खास किस्म का जंगली सूअर है। इसकी लंबाई औसतन 60 सेंटीमीटर और ऊंचाई 25 सेंटीमीटर होती है। जबकि, इसका वजन 8 से 9 किलोग्राम होता है।

एंटीबायोटिक दवाओं की खोज से सालों पहले इस भारतीय डॉक्टर ने ढूंढ निकाला था इस बिमारी का इलाज!

काला-आज़ार के इलाज पर डॉ. ब्रह्मचारी का शोध " ट्रॉपिकल चिकित्सा विज्ञान में सबसे उत्कृष्ट योगदान रहा जिसके कारण केवल असम प्रांत में तीन लाख जीवन को बचाया जा सका!

पुष्पक विमान की वह आख़िरी उड़ान, जिसमें बाल-बाल बचे थे प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई!

4 नवंबर 1977 को असम के जोरहाट में पुष्पक विमान दुर्घटना में तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई बाल-बाल बचे थे। आज जहाँ सभी को देसाई का बचना याद है, वहीं बहुत कम लोग जानते हैं कि इस दुर्घटना में भारतीय वायु सेना के पांच अफ़सरों ने अपनी जान गंवाई थी। साथ ही, और भी कई वाकया इस घटना को ख़ास बनाते हैं।

कभी आर्थिक तंगी के चलते छूट गया था कॉलेज, आज कृषि के क्षेत्र में किये 140 से भी ज़्यादा आविष्कार!

असम से ताल्लुक रखने वाले और ‘सीरियल इनोवेटर’ के नाम से जाने जाने वाले उद्धब भराली को हाल ही में पद्म श्री से नवाज़ा गया है। उन्होंने कृषि के संबंधित बहुत-से जटिल कार्यों को आसान बनाने के लिए लगभग 140 से भी ज़्यादा इनोवेशन किये हैं।