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अच्छी ख़बरें

मात्र दो सालों में 200 देसी कुत्तों की बचाई जान, अब तक 65 बेज़ुबानों को ‘आसरा’ दे चुकी हैं चारु

By प्रीति टौंक

मिलिए लखनऊ की चारु खरे से, जो पेशे से एक जर्नलिस्ट हैं और साल 2020 से शहर की सड़कों पर घूमनेवाले बेज़ुबानों की सेवा करने का काम कर रही हैं। इसके लिए उन्होंने ‘आसरा’ नाम की एक संस्था भी बनाई है। पढ़ें कैसे मिली उन्हें इस मुश्किल काम को करने की प्रेरणा।

इस छोटे से डिवाइस ने किया प्रियदर्शन को LPG सिलेंडर और गीले कचरे दोनों से मुक्त

By प्रीति टौंक

पुणे के प्रियदर्शन सहस्त्रबुद्धे ने अपने फ़ूड वेस्ट को उपयोग में लाने के लिए एक बायो गैस डिवाइस, ‘वायु’ बनाया है। इससे वह न सिर्फ़ अपना, बल्कि अपने पड़ोसियों का फ़ूड वेस्ट भी इस्तेमाल में ला रहे हैं और आज उन्हें LPG सिलेंडर ख़रीदने की ज़रुरत ही नहीं पड़ती।

एक शख्स की पहल से शुरू हुआ काम, 36 सालों से जरूरतमंद लोगों को मुफ्त में मिल रहा खाना

By प्रीति टौंक

जरूरतमंद लोगों को 38 सालों से फ्री में खाना देती है गंगामाता ट्रस्ट लावजी भाई पटेल ने 36 साल पहले शुरू किया था टिफिन बनाकर देने काम

300 स्टाफ, 10 हज़ार+ पौधे और एक टीचर की 38 साल की मेहनत से बनी है गुवाहाटी की यह नर्सरी

By प्रीति टौंक

गुवाहाटी, असम में स्थित पूर्वोत्तर की सबसे बड़ी 'डेफोडिल नर्सरी' चलाने वाले ध्रुबज्योति शर्मा ने आज अपने पिता के 38 साल पुराने बिज़नेस को दिया एक नया रूप, जानिए इसकी शुरुआत की कहानी।

बाजार से खरीदने के बजाय, अगले साल के लिए इस तरह बचाएं सब्जियों और फलों के बीज 

By प्रीति टौंक

होम गार्डनिंग करने वाले ज्यादातर लोग मौसमी सब्जियों के बीज जमा करके रखते हैं, ताकि अगले साल सब्जियां उगाने के लिए बीज बाहर से न खरीदने पड़ें। जानें अलग-अलग सब्जियों के बीजों को संभालकर रखने का तरीका।

कोई IAS तो कोई IPS, मिश्रा परिवार के ये चार होनहार बच्चे बने पूरे गांव के लिए आदर्श

By प्रीति टौंक

क्षमा, योगेश, माधवी और लोकेश मिश्रा एक ही परिवार के चार भाई बहन हैं, जिन्होंने UPSC CSE पास किया है और आज सिविल सेवा से जुड़े हैं। अपनी इस सफलता से उन्होंने उत्तर प्रदेश में अपने परिवार और लालगंज गांव को गौरवान्वित किया है।

अन्ना मणि भारत की वह महिला वैज्ञानिक, जिनकी वजह से मौसम का अंदाजा लगाना हुआ आसान

By प्रीति टौंक

पढ़ें, भारतीय महिला वैज्ञानिक अन्ना मणि की कहानी, जिनकी वजह से आज मौसम का अंदाजा लगा पाते हैं दुनियाभर के साइंटिस्ट।

48 की उम्र में खुद सीखा पहाड़ चढ़ना, 50 साल की उम्र में पूरा किया पर्वतारोही बनने का सपना

By प्रीति टौंक

मिलिए भोपाल (मध्यप्रदेश) की 53 वर्षीया ज्योति रात्रे से, जिनके जज्बे ने उन्हें 50 की उम्र में न सिर्फ एक पर्वतारोही बनाया, बल्कि उन्होंने यूरोप की सबसे ऊँची छोटी माउंट एलब्रुस को इस उम्र में फतह करके एक रिकॉर्ड भी बनाया।

माँ की सीख आई मुश्किल में काम, नेचुरल स्किन केयर बिज़नेस बना अंसिया की पहचान

By प्रीति टौंक

त्रिशूर की रहनेवाली 26 वर्षीया अंसिया के ए, होममेड नेचुरल चीज़ों से 38 से ज्यादा स्किन केयर प्रोडक्ट्स बनाती हैं। पढ़ें, कैसे माँ की सीख बनी इस बिज़नेस का आधार।

143 बच्चे, एक आश्रम और ढेरों सपने, जिन्हें नेत्रहीन होने के बावजूद पूरा कर रहे हैं अशोक चौधरी

By प्रीति टौंक

सूरत के मांडवी जिले के एक छोटे से गांव दढ़वाडा से लेकर अहमदाबाद स्थित गुजरात विद्यापीठ में पढ़ने तक का सफर अशोक चौधरी के लिए काफी मुश्किलों से भरा था। मात्र एक आँख से देख पाने और पैसों की तंगी के कारण वह चाहकर भी ज्यादा पढ़ाई नहीं कर पाए, लेकिन आज वह कई जरूरतमंद बच्चों के जीवन की मुश्किलें कम कर रहे हैं!