पहाड़ में हुनरमंदो की कोई कमी नहीं है। यहाँ एक से बढ़कर एक बेजोड़ हस्तशिल्पकार हैं। लेकिन बेहतर बाजार और मांग न होने से इन हस्तशिल्पकारों को उचित मेहनताना नहीं मिल रहा है। आइए जानते हैं कैसे धर्म लाल अपनी कला को बचाने के लिए जी जान से जुटे हैं!
जिस हिल स्टेशन में न के बराबर टूरिस्ट व व्यापारी आती थे, वहाँ सेब फेस्टिवल का आयोजन कर उत्तरकाशी के डीएम रहे आशीष ने देश और दुनिया के टूरिस्ट व खरीददारों को आने पर मजबूर कर दिया था।
कोरोना वायरस के वैश्विक संकट के बीच लॉकडाउन के दौरान जहाँ कई युवाओं का रोजगार छिना तो वहीं बबिता ने लॉकडाउन के दौरान भी मटर, भिंडी, शिमला मिर्च, बैंगन, गोबी सहित विभिन्न सब्जियों का उत्पादन कर आत्मनिर्भर मॉडल को हकीकत में उतारा।