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Sustainable tourism

शहर के बीच लेकिन भाग-दौड़ से दूर, बिल्कुल घर वाला सुकून देता है खुशियों का यह कैफ़े

बेंगलुरु का सबसे पहला सस्टेनेबल और वीगन कैफ़े है 'हैप्पीनेस कैफ़े', जहां 100% प्लांट बेस्ड और टेस्टी खाने का स्वाद तो मिलता ही है, इसके अलावा इस अनोखे कैफ़े में प्रकृति के करीब रहने का एहसास मेहमानों को कुछ दिन यहीं ठहरने पर मजबूर कर देता है।

एक रोमांचक पर सस्ता ट्रिप! इलेक्ट्रिक स्कूटर से तय किया मनाली से लेह तक का सफ़र

दिल्ली के रहनेवाले मैकेनिकल इंजीनियर अभिषेक द्विवेदी ने अपनी इलेक्ट्रिक स्कूटर से 400 किमी की दूरी तय की और 17,982 फीट की ऊंचाई पर स्थित खारदुंगला दर्रे पहुंचे। वह लोगों को यह बताना चाहते हैं कि ई-वाहन को किसी नॉर्मल बाइक की तरह ही, एडवेंचर के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है और इसके अलावा भी ईवी के कई फ़ायदे हैं।

गुरसौरभ ने बनाई ऐसी अनोखी किट जो 20 मिनट में किसी भी साइकिल को बना देती है इलेक्ट्रिक वाहन

By पूजा दास

हरियाणा के हिसार के रहने वाले गुरसौरभ सिंह ने एक बेहद अनोखा आविष्कार किया है। उन्होंने एक ऐसी किट बनाई है जिसकी मदद से केवल 20 मिनट में किसी भी साइकिल को इलेक्ट्रिक वाहन में बदला जा सकता है।

बाइक को बनाया फ़ूड स्टॉल, कमाई से की 10 भारतीय राज्यों और नेपाल, म्यांमार की यात्रा

केरल के रहने वाले जिबिन मधु ने 1 साल, 4 महीने और 17 दिनों में 10 भारतीय राज्यों और नेपाल और म्यांमार को कवर करते हुए अपनी यात्रा पूरी की। अपनी इस ट्रिप का खर्चा निकालने के लिए उन्होंने अपनाया एक अनोखा तरीका।

सस्टेनेबल टूरिज़्म अवॉर्ड : द बेटर इंडिया के अनोखे पुरस्कार के लिए हीरो को करें नॉमिनेट

By पूजा दास

द बेटर इंडिया ने एक अनोखे तरह के पुरस्कार की शुरुआत की है। सस्टेनेबल टूरिज़्म अवॉर्ड के तहत उन हीरोज़ को सम्मानित किया जाएगा, जो टूरिज़्म के क्षेत्र में बेहतरीन काम कर रहे हैं और जिनके काम का इस क्षेत्र में पॉज़िटिव प्रभाव पड़ा है।

कुल्हड़ से बनी छत और लकड़ी-पत्थर के शानदार मकान, ये आठ दोस्त बदल रहे हैं गाँवों की तस्वीर

आर्किटेक्टचर कंपनी कंपार्टमेंट्स एस4 की शुरुआत सीईपीटी, अहमदाबाद के 8 दोस्तों ने मिलकर की। इसके तहत उनका इरादा सस्टेनेबल आर्किटेक्चर के जरिए सामुदायिक विकास को बढ़ावा देना था और महज 3 वर्षों में ही उन्होंने इस दिशा में कई उल्लेखनीय कार्य किए हैं।

मुंबई के इन दो शख्स से सीखिए नारियल के खोल से घर बनाना, वह भी कम से कम लागत में!

By निशा डागर

इस एक आईडिया ने हमारी आँखे खोल दीं कि कैसे कचरे में जाने पर इन नारियल खोल में मच्छर आदि उत्पन्न होने लगते हैं, जबकि हम इनका इस्तेमाल घर बनाने में कर सकते हैं!

कभी थे ड्रग एडिक्ट, अब हैं पहाड़ों के नशा मुक्ति दूत!

पंकी की नशे की लत ने उसके सोचने-समझने की सलाहियत भी ख़त्म कर दी थी। आज उस घड़ी को याद करते हुए पंकी की ऑंखें भर आती हैं।

इस जुनूनी जर्मन आर्टिस्‍ट ने हिमाचल के एक गुमनाम गाँव को विश्व के आर्ट मैप पर दिलायी जगह!

By अलका कौशिक

आर्ट रेज़ीडेंसी के लिए जब कोई फंडिंग, सरकारी या प्राइवेट सहयोग नहीं मिला तो फ्रैंक ने अपने खर्च पर इस पहल को अंजाम देने की ठानी।