मूल रूप से दिल्ली के रहने वाले कुणाल वैद पहले टेक्सटाइल इंडस्ट्री में काम करते थे, लेकिन 2011 में झारखंड दौरे के दौरान महिला बुनकरों को हाथ से रेशम का धागा बनाते देख, उन्हें कुछ अलग करने की प्रेरणा मिली।
साल 1997 में काम की तलाश में उत्तराखंड के एक गांव से लखनऊ आए रंजीत सिंह ने कई छोटे-छोटे काम करने के बाद, साल 2008 में एक ठेले से खुद के बिजनेस की शुरुआत की थी। आज लखनऊ में उनके चार रेस्टोरेंट्स हैं।
माता-पिता को खोने और लॉकडाउन में नौकरी जाने के बाद, मुंबई (डोम्बिवली) के ओमकार गोडबोले ने घर से ही ऑनलाइन ऑर्डर्स के जरिए वड़ापाव बेचना शुरू किया। पढ़ें, कैसे यह बिजनेस साल भर में ही हिट हो गया।
महाराष्ट्र के उमेश देवकर एक किसान और बिजनेसमैन हैं, जो अपने स्टार्टअप के माध्यम से मुंबई और ठाणे में ग्राहकों तक फल-सब्जियां व अन्य उत्पाद पहुंचाकर करोड़ों की कमाई कर रहे हैं। जानिए उनकी सफलता की कहानी।
वाराणसी की शिखा शाह, पुरानी-बेकार चीजों से नयी और खूबसूरत चीजें बनाकर scrap business, Scrapshala चला रही हैं,, जिससे उनकी हर साल, 10 लाख रुपये की आमदनी हो रही है।
भोपाल स्थित ‘कॉलेज खबरी’ कंपनी की संस्थापिका अर्शी खान महज 12वीं पास हैं। लेकिन, उन्होंने अपने हुनर और समझ से देश के हजारों छात्रों के करियर को एक नई दिशा दी।