दिल्ली की माधवी भाटिया अच्छी-खासी नौकरी छोड़, हिमाचल आ बसीं और अपने पैतृक घर को एक होमस्टे में बदल दिया। 200 साल पहले पत्थर और मिट्टी से बनाए गए शिमला के सबसे पुराने घरों में से एक सनीमीड होमस्टे यहाँ की प्राचीनता व संस्कृति को दर्शाता है।
शिमला की पहाड़ियों में बसा फार्म स्टे ‘हिमालयन ऑर्चर्ड’ भीड़-भाड़ वाले पर्यटक क्षेत्रों से दूर, शांत वातावरण के बीच बनाया गया है। यहाँ आकर मेहमान हिमाचल की लोकल, देसी और सस्टेनेबल लाइफस्टाइल का अनुभव कर सकते हैं।
द बेटर इंडिया की एक स्टाफ मेम्बर संचारी पाल, अपने पिता के इलाज के लिए Remdesivir की खोज में थीं। इस दौरान, इंटरनेट पर किसी शख्स ने उन्हें नकली दवा देकर, उनसे 12 हजार रूपये ठग लिए। वर्तमान में, पश्चिम बंगाल में रह रहीं, संचारी उस घटना के बारे में विस्तार से बता रही हैं।
स्थानीय हिमाचली सेल्फ-हेल्प समूहों से अचार, जैम, चटनी, चिलगोज़े, राजमा, हर्बल चाय, ऊनी सामान, शहद, क्रीम, गुट्टी का तेल वगैरह जाने क्या-क्या खरीदकर, पैकेजिंग कर, वह अपने शब्दों की चाशनी में घोलकर इन्हें ऑनलाइन बेचती हैं। अपने कलम की ताकत से अब इन महिलाओं की मदद करती हैं!
कोई अपनी ज़मीन दे रहा है तो कोई कर रहा है श्रमदान, किसी ने सरकारी एंबुलेंस ठीक करने की ठानी है, तो कोई मास्क बना रहा है। किसी ने किरायेदारों का किराया माफ किया, तो किसी ने अपने घर के दरवाज़े ज़रूरतमंदों के लिए खोल दिए। हर कोई अपने सामर्थ्य के अनुसार कोरोना से इस लड़ाई में अपनी-अपनी भूमिका निभा रहा है।