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मिलिए मशहूर कार्टून शो ‘छोटा भीम’ की लेखिका से, जिन्हें मिला है एमी अवार्ड

By निशा डागर

एमी अवॉर्ड जीतने वाली सोनम शेखावत ने शक्तिमान एनिमेटेड, छोटा भीम, माइटी राजू, ऑल हेल किंग जुलियन जैसे कार्टून शो लिखे हैं!

11 दोस्तों ने मिलकर छेड़ा अनोखा अभियान, मात्र 10 रुपये में खिलाते हैं पेटभर खाना

श्रीगंगानगर के जिला अस्पताल में इस अनोखी रसोई को शुरू करने वाले 11 दोस्तों की इस टोली में व्यापारी, दुकानदार, सरकारी कर्मचारी से लेकर फोटोग्राफर शामिल हैं!

जयपुर: वेस्ट पेपर से बनातीं हैं धागा, जिससे बनातीं हैं 50 से ज्यादा उत्पाद

By निशा डागर

जयपुर में रहने वाली नीरजा पालीसेट्टी ने पेपर वीविंग की प्राचीन जापानी तकनीक को भारतीय संस्कृति से जोड़कर अपने स्टार्टअप 'सूत्रकार क्रिएशन्स' की नींव रखी!

राजस्थान: अकाउंटेंट की नौकरी छोड़ शुरू किया नर्सरी बिज़नेस, करते हैं लाखों का कारोबार

By निशा डागर

आकाशदीप ने जब नर्सरी बिज़नेस शुरू किया तो उन्हें अपने पहले प्रोजेक्ट में घाटा हुआ लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और अपनी गलतियों से सीखकर सफलता हासिल की!

छुट्टियों में गाँव घुमने आई थी पोती, मात्र 50 दिनों में पलट दी गाँव की काया

By निशा डागर

राजस्थान में अपने दादा-दादी के पास छुट्टियाँ मनाने आई चेष्टा ने जब गाँव में जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे देखे तो कुछ करने की ठानी और देखते ही देखते स्वच्छता अभियान शुरू कर दिया!

मात्र 300 रुपए में बनी इस व्हीलचेयर से कहीं भी आ-जा सकते हैं दिव्यांग स्ट्रीट डॉग

By निशा डागर

राजस्थान के बीकानेर में रहने वाले लक्ष्मण मोदी ने यह व्हील चेयर बनाने के साथ-साथ अस्पतालों के लिए एक टोकन सिस्टम भी बनाया है!

जयपुर: घर को बनाया 700+ पेड़-पौधों का ठिकाना, सब्ज़ी-फल, बरगद-पीपल सब मिलेगा गमलों में यहाँ

जयपुर जैसे सूखे क्षेत्र में भी बागवानी करके घर को इतना हरा भरा बना देना वाकई काबिल-ए-तारीफ़ है।

चाय की दुकान छोड़ शुरू की एलोवेरा की खेती, अब 47 तरह के उत्पाद बनाते हैं राजस्थान के अजय

By निशा डागर

पिछले 12 सालों से एलोवेरा की खेती और प्रोसेसिंग करने वाले राजस्थान के अजय ने लॉकडाउन ने दौरान एलोवेरा के लड्डू भी तैयार किए हैं, जो अब हाथों-हाथ बिक रहे हैं!

'सालों से नहीं देखी थीं चिड़ियाँ, अब सुबह उनसे होती है,' छत पर गार्डन लगाया तो बदली तस्वीर

By निशा डागर

तपिश बताते हैं कि छत पर गार्डन होने से अब उनके यहाँ चिड़िया, तोता, तितली जैसे पक्षी भी आने लगे हैं!

12वीं पास युवक ने शुरू किया प्रोसेसिंग का व्यवसाय, 650 आदिवासी महिलाओं को मिला रोज़गार

By निशा डागर

पहले ये महिलाएं जंगलों से फल इकट्ठा करके सड़क किनारे बेचतीं थीं और मुश्किल से दिन के 100 रुपये कमा पातीं थीं। पर अब उन्हें भटकना नहीं पड़ता, वो फलों को इकट्ठा करके सीधा प्रोसेसिंग यूनिट के संग्रहण केंद्र पर पहुंचाती हैं, जहां से उन्हें बाज़ार के हिसाब से भाव मिल जाता है!